इंटरव्यू देतीं इराकी सांसद का पुराना वीडियो इज़रायल-हमास संघर्ष से जोड़कर वायरल
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो जून 2017 का है. इसके साथ किया जा रहा दावा झूठा है. इसका वर्तमान में इज़रायल और हमास के बीच जारी संघर्ष से कोई लेना देना नहीं है.
सोशल मीडिया पर एक पुराना वीडियो, जिसमें महिला एक व्यक्ति को साक्षात्कार देती हुई दिखाई दे रही है, काफ़ी वायरल हो रहा है. साक्षात्कार के दौरान महिला भावुक होकर अपने आंसु पोंछते हुए दिखाई दे रही हैं. वीडियो में MEMRI TV का लोगो भी लगा हुआ दिखाई दे रहा है.
वीडियो को हाल-फिलहाल के इज़रायल-हमास के बीच जारी संघर्ष से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि हमास के आतंकियों ने इज़राइली महिला को बंधक बनाया और भोजन में उसके बच्चे को मारकर खिलाया.
ग़ौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को इज़रायल-हमास के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद अब तक हमास के हमलों में लगभग 1,400 से ज्यादा इज़रायली लोगों की मौत हुई है. ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ग़ाज़ा पट्टी में अब तक 5,700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जिससे ग़ाजा में एक बड़ा मानवीय संकट पैदा हो गया है. इसी संदर्भ से जोड़कर ये दावा वायरल किया जा रहा है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो जून 2017 का है. इसके साथ किया जा रहा दावा झूठा है. साक्षात्कार में उस समय की यज़ीदी इराकी सांसद वियान दाखिल ISIS द्वारा यज़ीदी अल्पसंख्यक समुदाय पर किए गए अत्याचारों के बारे में बता रही हैं.
एक फे़सबुक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "इजराइली महिला ने बताया कि वह तीन दिनों से हमास के आतंकियों की कैद में थी । तीन दिन बाद वो मेरे लिए चावल और मीट की सब्जी खाने के लिए लाए । मै बहुत भूखी थी, मेरे खाने के बाद मुझे बताया की यह मीट की सब्जी तुम्हारे एक साल के उस बच्चे को काटकर बनाई गई थी, जिसे हमने तुमसे छीना था"
इसी दावे के साथ कई यूज़र्स ने ये वीडियो प्लेटफॉर्म X पर भी शेयर किया है.
फै़क्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो जून 2017 का है. इसके साथ किया जा रहा दावा झूठा है. साक्षात्कार में उस समय की यज़ीदी इराकी सांसद वियान दाखिल ISIS द्वारा यज़ीदी अल्पसंख्यक समुदाय पर किए गए अत्याचारों के बारे में बता रही हैं. इसका वर्तमान में इज़रायल और हमास के बीच जारी संघर्ष से कोई लेना देना नहीं है.
बूम ने वीडियो की पड़ताल के लिए सबसे पहले वायरल वीडियो के कीफ्रेम से रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें MEMRI TV के अधिकारिक X अकांउट्स पर 26 जून 2017 को शेयर की गई वायरल वीडियो क्लिप के साथ एक पोस्ट मिली.
इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा है कि "यज़ीदी इराकी सांसद वियान दाखिल ISIS द्वारा अपने लोगों के खिलाफ हुए अत्याचारों को याद करते हुए रोने लगीं" (यज़ीदी, इराक के उत्तरी भाग में रहने वाला एक कुर्द धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय है.)
इसी से क्लू लेकर हमने गूगल पर सम्बंधित कीवर्ड्स सर्च किए. हमें इसी कैप्शन के साथ MEMRI TV की वेबसाइट पर 02 जून 2017 को प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट मिली. MEMRI यानी मध्य पूर्व मीडिया अनुसंधान संस्थान की स्थापना 1998 में पूर्व इजरायली सैन्य खुफिया अधिकारी यिगल कार्मन ने की थी. MEMRI अपना उद्देश्य मध्य पूर्वी मीडिया की समाचार सामग्री को अंग्रेजी में प्रस्तुत करना बताता है. मीडिया बायस फै़क्ट चेक ने MEMRI TV को संदग्धि स्रोत के रूप में वर्गीकृत किया है.
इस रिपोर्ट में बताया गया कि यज़ीदी इराकी सांसद वियान दखिल ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि ISIS ने 6,900 यज़ीदी महिलाओं, युवा लड़कों और लड़कियों का अपहरण किया. रिपोर्ट के अनुसार वियान दखिल ने आगे बताया कि जिन महिलाओं को उन्होनें ISIS से छुड़वाया, उनमें से एक ने बताया कि उसे तीन दिनों तक बिना भोजन दिए एक तहखाने में बंद रखा गया था. रिपोर्ट के अनुसार महिला को ISIS ने भोजन में उसके बेटे को मारकर खिलाया.
हमें मिस्र(Egypt) के समाचार चैनल eXtra news पर इसी वायरल वीडियो का मूल वर्जन वाला साक्षात्कार वीडियो मिला, जिसका अनुवादित कैप्शन है "इराकी संसद की सदस्य वियान दाखिल रो रही हैं, जानिए कारण क्या है?"
दरअसल, 2014 में इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने उत्तरी इराक में यज़ीदी अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ नरसंहार किया था. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि उत्तरी इराक के सिंजर इलाके में हुए इस नरसंहार में कम से कम 5,000 पुरुषों को मार डाला गया, और 7,000 महिलाओं और लड़कियों को यौन दासता के लिए मजबूर किया गया.
हमें इंडिया डॉट कॉम न्यूज़ वेबसाइट पर भी 28 जून 2017 को प्रकाशित एक न्यूज़ आर्टिकल मिला, जिसमें बताया गया कि ISIS आतंकवादियों ने कैद की एक यज़ीदी महिला को पहले कई दिनों तक भूखा रखा, फिर अपने ही एक साल के बच्चे को खाने के लिए मजबूर किया था.
तब इस खब़र को डेक्कन क्रोनिकल, ब्रिटेनी न्यूज़ वेबसाइट डेली मेल और डेली स्टार ने भी प्रकाशित किया था.