बांग्लादेश में बिल्डिंग से कूदते छात्रों का वीडियो सांप्रदायिक दावे से वायरल, जानें सच
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो बांग्लादेश के चटगांव के मुरादपुर का है, जब कोटा में सुधार की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और छात्र लीग के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी.
बांग्लादेश में जारी आरक्षण विरोधी प्रदर्शन को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. इसमें कुछ लोगों को एक बड़ी इमारत से नीचे गिरते हुए देखा जा सकता है. सोशल मीडिया यूजर इसे ढाका विश्वविद्यालय का वीडियो बता रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि यूनिवर्सिटी के हिंदू छात्रावास से स्टूडेंट्स जमातियों से अपनी जान बचाने के लिए नीचे कूद रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है. बूम की जांच में वायरल वीडियो बांग्लादेश के चटगांव के मुरादपुर का निकला, जहां छात्र लीग के कार्यकर्ताओं पर प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया था.
आरक्षण के विरोध में बांग्लादेश में प्रदर्शन
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर पूरे देश में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इसमें अब तक 170 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
गौरतलब है कि बीते दिनों बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट की हाई कोर्ट डिवीजन ने स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण प्रणाली को बहाल किया था. इस आरक्षण प्रणाली को 2018 में शेख हसीना सरकार ने निरस्त कर दिया था. कोर्ट के फैसले के बाद प्रदर्शन शुरू हो गए थे जिसने बाद में हिंसा का रूप ले लिया था.
हालांकि, बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा को 56 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया जिसमें सेनानियों के वंशजों को 5 फीसदी आरक्षण का आदेश दिया गया.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'बांग्लादेश में हिंदू विद्यार्थियों पर जेहादियों ने हमला किया, जान बचाने के लिए हिंदू छात्र छात्रावास के कैंपस के पीछे से नीचे उतरने के चक्कर में गिरने से घायल हुए.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
इसी दावे के साथ यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर भी वायरल है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
फैक्ट चेक
बूम ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा सांप्रदायिक दावा गलत है.
बूम ने जब वायरल दावे की जांच के लिए वीडियो के स्क्रीनशॉट को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया तो हमें बांग्लादेश की सत्ताधारी पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो मिला. इस वीडियो का कैप्शन था, 'जो लोग इस तरह से लोगों की हत्या कर सकते हैं, वे सामान्य छात्र हैं?' (हिंदी अनुवाद)
इसके बाद हमने इससे जुड़े कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया तो हमें बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट ढाका ट्रिब्यून (Dhaka Tribune) पर इससे जुड़ी एक रिपोर्ट मिली.
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, चटगांव के मुरादपुर इलाके में प्रदर्शनकारियों ने छात्र लीग के 15 स्टूडेंट एक्टिविस्ट को छह मंजिला इमारत से कथित तौर पर नीचे फेंक दिया गया. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने छह मंजिला इमारत की छत पर शरण लिए छात्र लीग के कार्यकर्ताओं और नेताओं को बुरी तरह पीटा.
इस घटना के एक प्रत्यक्षदर्शी मिजानुर रहमान न्यूज वेबसाइट ढाका ट्रिब्यून को बताया, 'छात्र लीग के कम से कम 20 नेता और कार्यकर्ता मुरादपुर चौराहे पर मीर मंजिल नामक इमारत की छत पर छुपे हुए थे. उसमें से कुछ लोगों ने छत से प्रदर्शनकारियों पर पत्थर फेंकी. प्रदर्शनकारियों ने भी जवाब में नीचे से उनके ऊपर पथराव किया. कुछ देर बाद छत पर पत्थर खत्म हो गए. इसके बाद प्रदर्शनकारी छत पर पहुंच गए और वहां मौजूद छात्र लीग के कार्यकर्ताओं को लाठियों से पीटने लगे.'
उन्होंने आगे कहा, 'इसके बाद छात्र लीग के कार्यकर्ता जान बचाने के लिए पाइप के माध्यम से छत से नीचे उतरने की कोशिश करने लगे. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने कुछ लोगों को नीचे फेंक दिया जबकि कुछ लोग नीचे उतरने की कोशिश में छत से गिर गए.'
बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट bdnews24.com की एक रिपोर्ट के मुताबिक इमारत से गिरने के बाद चटगांव के सरकारी हाजी मोहम्मद मोहसिन कॉलेज के छात्र लीग नेता जलाल उद्दीन जुबैर को गंभीर चोटें आई. उनके हाथ की नस फट गई और उनका पैर टूट गया.
स्थानीय न्यूज वेबसाइट कालेरकंठो (KalerKantho) के मुताबिक वहां छत से गिरने वाले 12 से 15 लोग करीब एक घंटे तक वहीं पड़े रहे. करीब एक घंटे बाद पंचलेश थाने की पुलिस वहां पहुंची और वहां मौजूद घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया.
कालेरकंठो (KalerKantho) को पंचलेश पुलिस स्टेशन के अधिकारी संतोष कुमार चकमा ने बताया कि उस इलाके में गंभीर रूप से घायल 15 लोगों को बचाया गया और उन्हें चामेक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. उनमें से कुछ लोगों की हालत गंभीर है.