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फैक्ट चेक

गुजरात पुलिस का चाइना से सेल्फ-बैलेंसिंग ई-बाइक खरीदने का दावा गलत है

बूम ने पाया कि ArcelorMittal Nippon Steel India ने फरवरी 2025 में अपने सीएसआर फंड से पुलिस को यह ई-बाइक प्रदान की थीं. यह ई-बाइक भारतीय कंपनी फ्रीगो बाइक्स प्राइवेट लिमिटेड ने बनाई हैं.

By -  Rohit Kumar
Published -  3 April 2025 10:32 AM
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    Gujarat government e-bikes police false claim fact check
    CLAIMगुजरात सरकार ने पुलिस के लिए चीन से ई-बाइक खरीदी.
    FACT CHECKबूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि गुजरात पुलिस को यह ई-बाइक फरवरी 2025 में आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (AMNS) ने अपने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड से प्रदान की थीं. यह ई-बाइक फ्रीगो बाइक प्राइवेट लिमिटेड से खरीदीं गईं थी, जो एक भारतीय कंपनी है.

    गुजरात पुलिस के जवानों का सेल्फ-बैलेंसिंग ई-बाइक चलाते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. यूजर्स इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि गुजरात सरकार ने पुलिस के लिए यह ई-बाइक चीन से खरीदी हैं.

    बूम ने अपनी जांच में पाया कि दावा गलत हैं. आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (AMNS) ने फरवरी 2025 में अपने सीएसआर फंड से पुलिस को यह ई-बाइक प्रदान की थीं. यह ई-बाइक भारतीय कंपनी फ्रीगो बाइक प्राइवेट लिमिटेड ने बनाई हैं.

    एक्स पर एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'मेक इन इंडिया को बढ़ावा देते हुए गुजरात सरकार ने पुलिस के लिए चाइना से ई बाइक खरीदा है.'

    मेक इन इण्डिया को बढ़ावा देते हुए गुजरात सरकार ने पुलिस के लिए चाइना से ई बाइक खरीदा है।😊लेकिन भक्त नहीं मान रहे हैं 🥲

    pic.twitter.com/FAIL8QIZfD

    — Charu (@jatni_chahar) April 1, 2025

    (आर्काइव लिंक)

    फेसबुक पर भी इसी दावे से यह वीडियो वायरल है.

    (आर्काइव लिंक)

    फैक्ट चेक

    सेल्फ-बैलेंसिंग ई-बाइक Freego Bikes ने बनाई हैं

    बूम ने दावे की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया तो पाया कि आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (AMNS India) ने अपने सीएसआर फंड के तहत यह ई-बाइक गुजरात पुलिस को प्रदान की थीं. यह ई-बाइक फ्रीगो बाइक्स प्राइवेट लिमिटेड ने उपलब्ध कराई थीं, जो एक भारतीय कंपनी है.

    हमें कई मीडिया आउटलेट पर इसकी न्यूज रिपोर्ट भी मिलीं. अहमदाबाद मिरर की 2 फरवरी 2025 की रिपोर्ट में बताया गया कि गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी की उपस्थिति में कानून व्यवस्था की दक्षता और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए AMNS India ने अपनी सीएसआर फंड के माध्यम से ‘प्रोजेक्ट ग्रीन’ के अंतर्गत सूरत शहर और जिला पुलिस को 25 सेल्फ-बैलेंसिंग ई-बाइक्स सौंपी.

    न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में इसे देखा जा सकता है.

    हर्ष संघवी ने अपने एक्स हैंडल पर 3 फरवरी 2025 को एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि हमारे फ्लीट में 25 नई सेल्फ-बैलेंसिंग ई-बाइक शामिल हुई हैं. हमारी हरित पहल में AMNS के योगदान के लिए शुक्रिया.


    Empowering safety with innovation! NewAgePolicing

    25 new self-balancing e-scooters added to our fleet

    Grateful for AMNS contribution to our green initiatives!#GujaratPolice#SuratPolice#InnovationInAction#EScooters pic.twitter.com/urLW9tWZZZ

    — Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) February 3, 2025


    AMNS India ने भी यह जानकारी शेयर की थी कि कंपनी ने ‘प्रोजेक्ट ग्रीन’ के तहत 25 सेल्फ-बैलेंसिंग ई-बाइक सूरत पुलिस को सौंपी हैं. AMNS ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा था कि यह पहल सार्वजनिक सेवा में तकनीकी प्रगति और पर्यावरणीय सततता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को सशक्त बनाती है.

    हमने पाया इन ई-बाइक में Freego लिखा है. हमने इसे गूगल पर सर्च किया तो पाया कि यह इंडिया की कंपनी 'Freego Bikes Private Limited' का लोगो है.

    द इकनॉमिक टाइम्स पर दी गई जानकारी के मुताबिक ​Freego Bikes Private Limited एक भारतीय कंपनी है. यह कंपनी मुंबई (महाराष्ट्र) रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकृत है. इसका कॉर्पोरेट आईडेंटिफिकेशन नंबर (CIN) U34300MH2018PTC308158 है.

    Freego Bikes की वेबसाइट पर दी जानकारी के मुताबिक, यह इंडिया का पहला सेल्फ-बैलेंसिंग, जीरो एमिशन वाला पर्सनल ट्रांसपोर्टेशन व्हीकल है, जिसे फ्रीगो बाइक्स प्राइवेट लिमिटेड ने डिजाइन और विकसित किया है. यह लंबी दूरी की सुविधाजनक यात्रा को आसान बनाता है.

    Freego Bikes के फाउंडर ने दावे का खंडन किया

    अधिक स्पष्टिकरण के लिए बूम ने Freego Bikes के फाउंडर और चेयरमैन देवल शाह से संपर्क किया. उन्होंने हमसे पुष्टि की कि AMNS ने यह बाइक फ्रीगो बाइक्स प्राइवेट लिमिटेड से खरीदी थीं.

    देवेल शाह ने बूम को बताया, "Freego Bikes का चीन से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है, न ही यह कंपनी चीन में रजिस्टर्ड है. इन बाइक का 80 प्रतिशत स्ट्रक्चरल हिस्सा जैसे- फ्रेम, चेसिस, पहिए और बॉडी भारत में ही निर्मित और असेंबल्ड है. इनमें उपयोग की गई लेड-एसिड बैटरियां भी भारतीय उत्पाद हैं."

    देवेल शाह ने आगे बताया कि इन बाइक का केवल 20 प्रतिशत हिस्सा (इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स) जैसे- पीसीबी और कंट्रोलर चीन, ताइवान और वियतनाम से आयात किए गए हैं.

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    GujratPoliceFalse claim
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    Claim :   गुजरात सरकार ने पुलिस के लिए चीन से ई-बाइक खरीदी हैं.
    Claimed By :  Facebook and X Users
    Fact Check :  False
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