क्या नीरव मोदी ने बीजेपी नेताओं को 546 करोड़ कमीशन देने का किया ख़ुलासा? फ़ैक्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा पूरी तरह से फ़र्ज़ी है, नीरव मोदी ने लंदन कोर्ट में ऐसा कोई बयान नहीं दिया था.
पंजाब नेशनल बैंक से हज़ारों करोड़ रुपये की धोखाखड़ी कर विदेश भाग चुके भगोड़े नीरव मोदी से जोड़कर एक दावा सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हो रहा है. वायरल दावे में कहा जा रहा है कि नीरव मोदी ने लंदन कोर्ट में ख़ुलासा किया है कि “उसने भाजपा नेताओं को 546 करोड़ रुपए का कमीशन दिया है”.
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा पूरी तरह से फ़र्ज़ी है, नीरव मोदी ने लंदन कोर्ट में ऐसा कोई बयान नहीं दिया था.
वायरल दावे को एक न्यूज़ पेपर की कटिंग के सहारे शेयर किया जा रहा है. न्यूज़ पेपर में बतौर हेडिंग लिखा है, “546 करोड़ भाजपा नेताओं को कमीशन दिया”. हेडिंग के ऊपर लिखा हुआ है नीरव मोदी का लंदन कोर्ट में खुलासा. इसके अलावा बाइलाइन में ‘डॉ गीता’ लिखा हुआ है. साथ ही रिपोर्ट में नीरव मोदी और भाजपा नेता संबित पात्रा की फ़ोटो भी लगी हुई है.
फ़ेसबुक पर यह कटिंग काफ़ी वायरल है. वायरल कटिंग से जुड़े अन्य पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम पहले भी कई बार इससे मिलते जुलते दावों को खारिज़ कर चुका है. मार्च 2019 में हमने इससे जुड़े दावे की पड़ताल की थी. अलग-अलग सोशल मीडिया पोस्ट्स में यह दावा किया जा रहा था कि नीरव मोदी ने लंदन कोर्ट में बयान देते हुए कहा था कि “उसे कांग्रेस और भाजपा नेताओं ने भगाया है और इसके लिए उसने दोनों दलों को 456 करोड़ का कमीशन दिया है”.
तब इन दावों को न्यूज़ 18 के टेम्पलेट के साथ भी साझा किया जा रहा था. हमने जब वायरल दावे की पड़ताल की तो पाया कि न्यूज़ 18 के ट्वीट के स्क्रीनशॉट को एडिट करके वायरल किया जा रहा है. साथ ही हमने जब न्यूज़ रिपोर्टों के माध्यम से उक्त बयान की पड़ताल की थी, तो हमें ऐसा कोई बयान नहीं मिला था.
इसके बाद हमने जून 2021 में भी ऐसे ही एक दावे की पड़ताल की थी. वायरल दावे को अंग्रेज़ी कैप्शन के साथ ट्विटर पर शेयर किया गया था, जिसका हिंदी अनुवाद है “मैं भारत से नहीं भागा, मुझे भारत से निष्कासित किया गया था. 13000 करोड़ में मेरा हिस्सा 32 प्रतिशत है, बाकी पैसा बीजेपी नेताओं ने लिया. — लंदन कोर्ट में नीरव मोदी”.
हमने इन दावों की पड़ताल के दौरान भी न्यूज़ रिपोर्ट्स खोजी थी लेकिन हमें जून 2021 तक कोई ऐसी रिपोर्ट नहीं मिली थी, जिनमें वायरल दावों का जिक्र हो. इस दौरान टाइम्स ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट पर 21 मार्च 2019 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली थी, जिसमें बताया गया था कि लंदन में पुलिस ने मेट्रो बैंक के पास से नीरव मोदी को गिरफ़्तार कर लिया था और बाद में उसे वेस्टमिन्स्टर की अदालत में भी पेश किया गया था जहां से उसे 29 मार्च तक कस्टडी में भेजा गया था.
साल 2021 के ही नवंबर महीने में हमने नीरव मोदी के इसी कथित बयान की फ़िर से पड़ताल की थी, लेकिन इस बार बयान में भाजपा की जगह कांग्रेस का जिक्र किया गया था. तब भी हमें कथित बयान की पुष्टि करते कोई न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली थी.
जांच में हमने उक्त न्यूज़ पेपर की कटिंग की भी पड़ताल की. हालांकि हम यह पता लगाने में असमर्थ रहे कि वायरल कटिंग वास्तव में किस वेबसाइट या किस न्यूज़ पेपर में छपी है.
नवंबर 2022 में इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, नीरव मोदी को मार्च 2019 में गिरफ़्तार किया गया था, जिसके बाद लंदन की अदालत और ब्रिटेन सरकार ने प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी. हालांकि उसे अभी भी भारत नहीं लाया गया है और वह वर्तमान में अभी लंदन की वंड्सवर्थ जेल में बंद है. इतना ही नहीं बीते नवंबर महीने में नीरव मोदी ने जेल के मनोवैज्ञानिक को यह भी कहा था कि अगर उसे भारत भेजा जाता है तो, या तो उसकी हत्या हो जाएगी या वह आत्महत्या कर लेगा.
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