बीजेपी के 165 सीटों पर 2000 से कम वोटों के अंतर से जीतने का गलत आंकड़ा फिर से वायरल
बूम ने पाया कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के आंकड़े को गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है.
सोशल मीडिया पर लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के मद्देनजर कुछ आंकड़े शेयर किए जा रहे हैं. इसमें दावा किया गया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 200 वोटों के अंतर से 7 सीटें, 500 वोटों के अंतर से 23 सीटें, 1000 वोटों के अंतर से 49 सीटें और 2000 वोटों के अंतर से 86 सीटें जीती हैं.
इसके अलावा इस पोस्ट में उत्तर प्रदेश के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों के नाम दिए गए हैं जिसमें भाजपा, समाजवादी पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) को मिले वोटों का आंकड़ा है.
बूम ने अपने फैक्ट चेक में वायरल दावे को गलत पाया. हमने चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जारी किए गए आंकड़ों का विश्लेषण किया तो पाया कि पोस्ट में दिए गए कुछ निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश के विधानसभा क्षेत्र हैं और इसके साथ बताए जा रहे सभी आंकड़े 2022 चुनाव से जुड़े हैं. इसका हालिया लोकसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है.
बूम इससे पहले 2022 में भी वायरल दावे का खंडन कर चुका है. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से भाजपा के हिस्से में 33 सीटें आई हैं. पिछले चुनाव में भाजपा की सीटों का यह आंकड़ा 62 था. वहीं समाजवादी पार्टी ने इसबार 37 सीटों और कांग्रेस ने 6 सीटों पर जीत हासिल की है.
फेसबुक पर इसे शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'उ.प्र. में मोदी-योगी की जीत का यह जश्न दोबारा नहीं होगा क्योंकि अगले 2027 के विधानसभा चुनाव तक करोड़ों मुस्लिम युवा नए वोटर तैयार हो जाएंगे, तब ये कम अंतर वाली 165 सीटें (वो भी ओवैसी फैक्टर के कारण) भाजपा जीत नहीं पाएगी. 2027 में हिन्दू विरोधी सरकार बनना तय है,और इसके जिम्मेदार होंगे वो 40 प्रतिशत हिंदू जो मतदान ही नहीं करते.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
बूम को यह पोस्ट वेरिफाई करने की रिक्वेस्ट के साथ उसके व्हाट्सएप नंबर (7700906588) पर भी मिला.
फैक्ट चेक
हमने पाया कि बूम इससे पहले 2022 में भी भाजपा द्वारा 2000 से कम वोटों के अंतर से 165 सीटें जीतने वाले इस दावे का फैक्ट चेक कर चुका है. उस समय इसे यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से जोड़कर शेयर किया गया था. रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है.
बूम ने पाया था कि 2022 के नतीजों में केवल 29 सीटें ऐसी थीं जहां जीत का अंतर 2000 वोटों से कम था. इसमें भाजपा समेत पांच दलों ने 2000 वोटों से भी कम मार्जिन में जीत दर्ज की थी.
2022 चुनाव के नतीजों के अनुसार, वायरल पोस्ट के एक-एक दावे का फैक्ट चेक पढ़ें-
क्लेम 1: 200 वोटों के अंतर से 7 सीटें जीतीं
हमने पाया कि 2022 चुनाव के नतीजों में ऐसी एक भी सीट नहीं थी जिसपर 200 वोटों से कम का अंतर हो, जैसा कि पोस्ट में दावा किया गया था.
क्लेम 2: 500 वोटों के अंतर से 23 सीटें
नतीजों में 11 सीटें ऐसी थीं जिनमें 200 से अधिक और 500 से कम मतों का अंतर था. वायरल दावे में ऐसी सीटों की संख्या 23 बताई गई थी, जो कि हमारी जांच में गलत पाया गया.
धामपुर में भाजपा के अशोक कुमार राणा ने सपा के नईम उल हसन को 203 वोटों से हराया, यह 2022 चुनाव में यूपी में सबसे करीबी मुकाबला था. सभी सीटों की जानकारी नीचे देखी जा सकती है.
क्लेम 3: 1000 वोटों के अंतर से 49 सीटें
2022 में चार ही सीटें ऐसी थीं जहां जीत का अंतर 500 से ज्यादा था, लेकिन 1000 वोटों से कम. दावे में ऐसी सीटों की संख्या 49 बताई गई है.
क्लेम 4: 2000 वोटों के अंतर से 86 सीटें जीतीं
चुनाव आयोग के अनुसार, 14 सीटें ऐसी थी, जिनमें जीत का अंतर 1000 से अधिक, लेकिन 2000 से कम था. वायरल मैसेज में किए गए झूठे दावों के अनुसार ऐसी सीटों की संख्या 86 है.
यह आंकड़ें यहां देखे जा सकते हैं.
इसके अलावा हमने चुनाव आयोग की वेबसाइट पर चेक किया तो पाया कि वायरल दावे में दी गईं सीटें और आंकड़े 2022 के यूपी इलेक्शन से उठाए गए हैं.
मार्च 2022 के टाइम्स ऑफ इंडिया में इससे संबंधित खबर भी देखी जा सकती है. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि कैसे AIMIM ने कई सीटों पर बीजेपी की मदद की थी.
वायरल पोस्ट में यह भी दावा है कि AIMIM ने 165 सीटों का समीकरण बिगाड़ा था लेकिन यह भी गलत है, क्योंकि 2022 में ओवैसी की पार्टी ने यूपी की 97 सीटों पर चुनाव लड़ा था और कोई भी सीट हासिल नहीं कर पाई थी. AIMIM को उत्तर प्रदेश में 0.46% वोट मिले थे, जो NOTA (इनमें से कोई नहीं) को मिले 0.69% वोट से भी कम था.
क्या कहते हैं लोकसभा चुनाव 2024 के आंकड़े
हमने पड़ताल में पाया कि लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा द्वारा सबसे कम वोटों से जीती गई सीट जाजपुर ओडिशा की सीट है, जहां वोट का अंतर 1587 है.