मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा भारतीयों से माफी मांगने का वायरल स्क्रीनशॉट फ़र्जी है
बूम ने पाया कि वायरल स्क्रीनशॉट फ़र्जी है. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपने एक्स हैंडल पर इससे संबंधित ऐसा कोई पोस्ट नहीं किया है.
सोशल मीडिया पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के फ़र्जी ट्विट का स्क्रीनशॉट इस दावे से वायरल है कि उन्होंने अपने मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई हालिया टिप्पणियों के लिए भारतीयों से हाथ जोड़कर माफी मांगी है.
बूम ने अपनी पड़ताल में इस स्क्रीनशॉट को फेक पाया. राष्ट्रपति मुइज्जू ने ऐसी कोई माफी नहीं मांगी जैसा कि वायरल स्क्रीनशॉट के साथ दावा किया जा रहा है.
ग़ौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी की हाल में की गई लक्षद्वीप यात्रा से जुड़ी तस्वीरों को पोस्ट करने बाद इस मामले ने तूल पकड़ा. इस तस्वीर पर मालदीव के तीन मंत्रियो, मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महज़ूम माजिद ने आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं. जिसके बाद मालदीव ने उन मंत्रियों को पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने, उन्हें 'मसखरा', 'आतंकवादी' और 'इजरायल की कठपुतली' कहने के लिए निलंबित कर दिया.
इसके बाद से ही सोशल मिडिया पर #BoycottMaldives और #SupportIndianIslands जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं. इसपर अक्षय कुमार, सचिन तेंदुलकर समेत कई मशहूर हस्तियों ने रियेक्ट करते हुए मालदीव के मंत्रियों के कमेंट की निंदा की, साथ ही भारतीयों से घूमने के लिए लक्षद्वीप जाने का आग्रह किया.
मुइज्जू, अभी पिछले साल सितंबर में ही बतौर राष्ट्रपति चुने गए हैं. उन्हें अक्सर भारत-विरोधी अभियानों में सक्रिय देखा जाता है.
इसी बीच, एक्स पर एक पोस्ट का स्क्रीनशॉट, जो कथित तौर पर राष्ट्रपति मुइज्जू के ऑफिसियल अकाउंट से बनाया गया है, उसमें उन्हें भारतीयों से माफी मांगते हुए दिखाया गया. पोस्ट में लिखा है, "मैं अपने मंत्रियों की ओर से हाथ जोड़कर अपने भारतीय दोस्तों से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में उनकी गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों के लिए माफी मांगता हूं. भारत के दोस्तों का स्वागत करने और हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए उत्सुक हूं." स्क्रीनशॉट के अनुसार, ये पोस्ट 7 जनवरी 2024 को किया गया है.
इस स्क्रीनशॉट को दक्षिणपंथी यूजर ऋषि बागरी ने अपने एक्स पर शेयर करते हुए लिखा, "मालदीव के राष्ट्रपति ने हाथ जोड़कर बिना शर्त माफी मांगी."
बूम ने इससे पहले भी ऋषि बागरी द्वारा किए गए कई झूठे और भ्रामक दावों का फैक्ट चेक किया है. यहां पढ़ें.
इस स्क्रीनशॉट को फेसबुक पर भी इसी क्लेम के साथ शेयर किया गया है.
फैक्ट चेक
हमने सबसे पहले राष्ट्रपति मुइज्जू के आधिकारिक एक्स अकाउंट को स्कैन किया पर उनके पेज पर हमें वायरल दावे से संबंधित कोई पोस्ट नहीं मिली. उनके अकाउंट से 5 जनवरी 2024 को आखिरी पोस्ट की गई थी.
इसके बाद हमने उनके द्वारा डिलीट किए गए पोस्ट को खोजने के लिए उनके पेज के कैश्ड वर्जन की तलाश की. वायरल स्क्रीनशॉट के दावे के मुताबिक, एक दिन पहले उनके अकाउंट के स्नैपशॉट से पुष्टि हुई कि उन्होंने आखिरी पोस्ट 5 जनवरी को किया था, 7 जनवरी को नहीं.
फिर हमने सोशल ब्लेड पर मुइज्जू की पोस्टिंग गतिविधियों को देखा. सोशल ब्लेड, एक ऐसा टूल है जो डिलीट किए गए पोस्ट सहित किसी भी अकाउंट की तमाम पोस्टिंग गतिविधि को ट्रैक करता है. इसके अनुसार, 7 जनवरी के बाद राष्ट्रपति मुइज्जू के किसी भी पोस्ट को डिलीट करने का कोई रिकॉर्ड नहीं था.
इसके बाद हमने राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा डिलीट किए गए पोस्ट के किसी भी रिप्लाई को देखने के लिए एक्स पर एडवांस सर्च किया, हमने पाया कि लेटेस्ट रिप्लाई, उनके 5 जनवरी की पोस्ट पर ही थे. अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के विपरीत, एक्स पर किसी पोस्ट के रिप्लाई तब भी देखे जा सकते हैं, जब मूल ट्वीट हटा दिया गया हो.
राष्ट्रपति मुइज्जू के कार्यालय के एक प्रवक्ता ने इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए बीबीसी को दिए गए एक बयान में कहा, "टिप्पणियों के लिए जिम्मेदार सभी सरकारी अधिकारियों को उनके पदों से तुरंत निलंबित कर दिया गया है."
मालदीव सरकार ने एक अलग प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि "मालदीव की सरकार विदेशी नेताओं और उच्च पदाधिकारियों के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर आपत्तिजनक टिप्पणियों से अवगत है. ये सभी राय व्यक्तिगत हैं और ये मालदीव सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं."