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      फैक्ट चेक

      अहमदाबाद में पुलिस के उपद्रवी की पिटाई का वीडियो फर्जी दावों से वायरल

      बूम से बातचीत में रामोल पुलिस ने बताया कि 13 मार्च को हुए उपद्रव के बाद की गई कार्रवाई में अब तक 16 आरोपी अरेस्ट हो चुके हैं, जो सभी हिंदू समुदाय से हैं.

      By -  Jagriti Trisha
      Published -  18 March 2025 12:49 PM
    • Listen to this Article
      अहमदाबाद में पुलिस के उपद्रवी की पिटाई का वीडियो फर्जी दावों से वायरल
      CLAIMगुजरात के वस्त्राल में उत्पात मचाने वाले आरोपियों पर पुलिस एक्शन के वीडियो अलग-अलग दावों के साथ वायरल है. एक दावे में घटना के आरोपियों को मुस्लिम बता दिया गया तो वहीं एक वीडियो में आरोपियों की पिटाई करते पुलिसकर्मियों को गुंडा बताया गया.
      FACT CHECKबूम ने पड़ताल करने पर पाया कि वस्त्राल हिंसा के सभी आरोपी हिंदू समुदाय से हैं. साथ ही आरोपियों पर डंडे बरसाकर जुलूस निकालने का एक्शन पुलिस की ओर से ही लिया गया था.

      गुजरात के अहमदाबाद के वस्त्राल में सड़क पर उपद्रव मचाने के आरोपियों पर पुलिस एक्शन के वीडियो अलग-अलग दावों के साथ शेयर किए जा रहे हैं. पहले दावे में इसे सांप्रदायिक रंग देते हुआ कहा गया कि घटना के आरोपी मुस्लिम समुदाय से हैं.

      वहीं एक आरोपी की पिटाई के वीडियो के साथ दावा किया गया कि गुजरात में सरेआम गुंडे एक लड़के को पीट रहे हैं जबकि पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है. कुछ यूजर ने वीडियो को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुए मर्डर केस से जोड़ते हुए दावा किया.

      बूम ने पाया कि यह सभी दावे फर्जी हैं. घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं और न ही युवक की पिटाई कर रहे लोग गुंडे हैं. यह युवक वस्त्राल उपद्रव का एक आरोपी है, जिसपर कार्रवाई करते हुए सिविल ड्रेस में पुलिस उसकी पिटाई कर रही है. इसके अलावा यह वीडियो अलीगढ़ हत्या मामले से भी संबंधित नहीं है.

      दावा: एक

      एक्स पर वस्त्राल उपद्रव की घटना के आरोपियों की पिटाई के तीन वीडियो को शेयर करते हुए एक वेरिफाइड यूजर ने लिखा, 'अपराध करने से पहले यह जिहादी सौ बार सोचेंगे गुजरात में कानून का राज चलता है.'


      पोस्ट का आर्काइव लिंक.

      फेसबुक पर इसी से संबंधित एक वीडियो में आरोपी को अब्दुल कह कर संबोधित किया गया.

      दावा: दो

      एक्स पर इसी वीडियो को शेयर करते हुए आजाद समाज पार्टी की कार्यकर्ता निशु आजाद ने एक दूसरा दावा किया और लिखा, 'भाजपा शासित गुजरात में कानून और न्यायपालिका का कोई महत्व नहीं, पुलिस सामने खड़ी है और गुंडे एक लड़के को सरेआम पीट रहे है. गुजरात पुलिस खड़े होकर तमाशा देख रही है.'


      पोस्ट का आर्काइव लिंक.

      दावा: तीन

      तीसरे दावे में इंस्टाग्राम पर एक रील में यूजर ने इसी वीडियो को 14 मार्च को अलीगढ़ में हुई एक मुस्लिम युवक की हत्या के सीसीटीवी फुटेज के साथ शेयर किया, जिसमें चार बाइकसवार एक युवक पर ताबड़तोड़ गोली चलाते नजर आ रहे हैं. इसमें गुजरात के आरोपी को अलीगढ़ में हुई हत्या के आरोपी के रूप में प्रस्तुत किया गया.


      पोस्ट का आर्काइव लिंक.

      यह भी पढ़ें -बांग्लादेश में युवकों को उल्टा लटकाकर पीटने के मामले में सांप्रदायिक एंगल नहीं है


      फैक्ट चेक: वायरल दावे फर्जी हैं

      हमने सभी दावों की एक-एक कर पड़ताल की. संबंधित खबरों की तलाश करने पर हमने पाया कि सभी वीडियो अहमदाबाद वस्त्राल की घटना से जुड़े हैं. एबीपी न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, 13 मार्च की रात वस्त्राल इलाके में सड़क पर उपद्रवी ने आतंक मचाया. उन्होंने राहगीरों और वाहनों पर हमला किया. इस दौरान तीन लोग घायल हुए.

      इसपर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया, उनकी पिटाई की और उनपर डंडे बरसाते हुए जुलूस भी निकाला.

      दि प्रिंट की रिपोर्ट मुताबिक, आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की हत्या का प्रयास, गैरकानूनी रूप से एकत्र होने, दंगा समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.



      इस मामले में गुजरात और अहमदाबाद पुलिस के सोशल मीडिया पर भी संबंधित पोस्ट देखा जा सकता है.

      विगत रात वस्त्राल में कांड करने वाले असामाजिक तत्त्व पुलिस हिरासत में है। पुलिस ने शीघ्र और सटीक उदाहरणात्मक कार्रवाई की है।

      गुजरात की जनता को प्रताड़ित करने वालों को कानून के प्रताप से अवगत किया गया। pic.twitter.com/4MYuNzog4t

      — Gujarat Police (@GujaratPolice) March 14, 2025


      आपसी रंजिश का मामला था

      डिप्टी कमिश्नर बलदेव देसाई द्वारा पीटीआई को दिए गए बयान के मुताबिक, "प्रारंभिक जांच में पाया गया कि यह हिंसा वस्त्राल क्षेत्र में एक कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के पास एक फूड स्टॉल खोलने को लेकर दो लोगों के बीच प्रतिद्वंद्विता का नतीजा थी. पंकज भावसार ने अपने प्रतिद्वंद्वी संग्राम सिकरवार से इस बात पर रंजिश थी कि उसने उसे क्षेत्र में फूड स्टॉल खोलने की अनुमति नहीं दी थी."


      असल में पंकज भावसार ने अपने लोगों को संग्राम सिकरवार पर हमला करने के लिए भेजा था. संग्राम के नहीं मिलने पर उन लोगों ने राहगीरों और वाहनों पर हमला करना शुरू कर दिया.

      पुलिस ने महज दस घंटे के भीतर इसपर कारवाई की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इसके अलावा प्रशासन ने एक कदम बढ़कर रिमांड पर लिए जाने के कुछ ही घंटों के बाद आरोपियों के घरों को ध्वस्त कर दिया. सरेआम आम पिटाई और घरों को ढहाए जाने को लेकर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल भी उठे.



      तमाम विजुअल्स और खबरों को देखने बाद यह स्पष्ट था कि युवक की पिटाई करने वाले पुलिसकर्मी ही थे और यह अलीगढ़ मामले से जुड़ा वीडियो नहीं है.

      घटना के सभी आरोपी हिंदू समुदाय से

      अंत में हमने सांप्रदायिक दावे की जांच करने पर पाया कि खबरों के मुताबिक यह आपसी रंजिश का मामला था. हमने आरोपियों के मुस्लिम होने के दावे की पड़ताल के लिए हिरासत में लिए गए 14 लोगों के नाम की तलाश की.

      गुजरात सामाचार की रिपोर्ट के अनुसार, इस हिंसा में एक नाबालिग समेत अलदीप मौर्य, श्याम कमली, विकास उर्फ ​​बिट्टू परिहार, अशील मकवाना, रोहित उर्फ ​​दुर्लभ सोनवणे, निखिल चौहान, मयूर मराठी, प्रदीप उर्फ ​​मोनू तिवारी, राजवीर सिंह बिहोला, अलकेश यादव, आयुष राजपूत, दिनेश राजपूत और दीपक कुशवाहा शामिल थे. हमने पाया कि इनमें कोई भी आरोपी मुस्लिम नहीं था.

      पुष्टि के लिए हमने रामोल पुलिस स्टेशन में संपर्क किया जहां इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई. रामोल इंस्पेक्टर एसबी चौधरी ने बूम को बताया कि इस मामले कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. उन्होंने कहा, "इस मामले अबतक 16 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. उनमें से कोई भी मुस्लिम नहीं है. इसके अलावा वांछितों में भी कोई मुस्लिम नहीं है."

      Tags

      GujratAhmedabadCommunal ClaimFact Check
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      Claim :   गुजरात के वस्त्राल में हुए उपद्रव के आरोपी मुस्लिम हैं.
      Claimed By :  Social Media Posts
      Fact Check :  False
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