कांग्रेस दफ्तर में राहुल गांधी के पीछे बाबर की फोटो का फेक दावा वायरल
बूम ने पाया कि मूल तस्वीर में महात्मा गांधी की फोटो है. इसमें फोटोशॉप की मदद से मुगल शासक की फोटो अलग से जोड़ी गई है.
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा कि कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी के पीछे मुगल शासक बाबर की तस्वीर लगी हुई है.
बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल तस्वीर एडिटेड है. मूल तस्वीर में राहुल के पीछे लगी फोटो मुगल शासक बाबर की नहीं बल्कि महात्मा गांधी की है.
बूम इस तस्वीर का फैक्ट चेक इससे पहले 2017 में भी कर चुका है. तब इसे राहुल के पीछे मुगल बादशाह औरंगजेब की तस्वीर के दावे से शेयर किया जा रहा था.
हमने पाया कि यह तस्वीर 4 दिसंबर 2017 को ली गई थी, जब राहुल गांधी ने दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. उस दिन की और भी संबंधित तस्वीरों में राहुल के पीछे महात्मा गांधी की फोटो देखी जा सकती है.
वायरल तस्वीर में डॉ. मनमोहन सिंह, राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई नेता मौजूद हैं. राहुल गांधी के ठीक पीछे एक तस्वीर लगी है, जिसे मुगल शासक की तस्वीर बताई जा रही है.
एकबार फिर यह एडिटेड और पुरानी तस्वीर उन्हीं दावों के साथ वायरल हो रही है. फेसबुक पर इसे शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'कांग्रेस मुख्यालय पर राहुल गांधी की पीठ पीछे लगी तस्वीर राम, कृष्ण या गांधी की नहीं बल्कि मुगल बादशाह बाबर की है. अब आप समझ ही गए होंगे कि आखिर कांग्रेस राम मंदिर का विरोध क्यों कर रही है.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
एक्स पर भी एक वेरिफाइड यूजर ने तस्वीर के साथ यही दावा किया.
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक: वायरल तस्वीर फेक है
वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 4 दिसंबर 2017 की अमर उजाला की फोटो गैलरी मिली, जिसमें वायरल तस्वीर के साथ-साथ इस इवेंट की और भी तस्वीरें मौजूद थीं. इन तस्वीरों में स्पष्ट देखा जा सकता है कि राहुल गांधी के पीछे महात्मा गांधी की फोटो लगी हुई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, यह तस्वीर 2017 में तब ली गई थी जब राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर रहे थे. एनडीटीवी, इंडिया टुडे, इंडियन एक्सप्रेस और जनसत्ता समेत कई मीडिया रिपोर्ट्स में भी यह तस्वीर देखी जा सकती है.
कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल पर भी यह तस्वीर मौजूद है.
इससे साफ है कि राहुल गांधी के पीछे महात्मा गांधी की तस्वीर है, जिसमें एडिट कर अलग से मुगल शासक की तस्वीर जोड़ी गई है.