ईवीएम में धांधली के चलते बिहार में राजद हारी ? जाने वायरल वीडियो का सच
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो में दिख रही मशीन भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली असली ईवीएम नहीं बल्कि ईवीएम में धांधली की संभावना को दिखाने के लिए बनाई गई एक डेमो मशीन है.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि ईवीएम में धांधली की गई है इस कारण लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को हार मिली है.
वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि मतदाता द्वारा वोट किसी पार्टी को दिया जाता है और वह वोट अन्य दूसरी पार्टी के नाम पर दर्ज हो जाता है. वीडियो में एक शख्स डेमो दिखाकर ईवीएम में धांधली किए जाने के प्रमाण दिखा रहा है.
वीडियो में दिख रहा शख्स चिन्ह केला पर क्लिक करके मतदान करता है और वीवीपैट से केले के निशान वाली पर्ची निकलती है जो पुष्टि करती है कि मतदान केले के चिन्ह के लिए हो गया है, शख्स दूसरे मतदाता के रूप में दोबारा केला के निशान पर क्लिक करता है और वीवीपैट से फिर से केले के निशान वाली पर्ची निकलती है. जब शख्स रिजल्ट चेक करता है तब उसमें एक वोट केला के निशान के लिए और दूसरा वोट सेब के निशान के लिए दर्ज हुआ दिखाई देता है.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो में दिख रही मशीन चुनाव आयोग द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम नहीं है.
क्या है वायरल दावा :
फेसबुक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, "विपक्ष भले न समझे इस वीडियो में भले यह उदाहरण नजर आ रहा मगर चोरी की असली जड़ यही है, ईवीएम से वोट आपका पड़ता है पर गिना उनका जाता है, यकीनन विपक्ष को अब समझ जाना चाहिए." आर्काइव लिंक
एक्स पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. आर्काइव लिंक
पड़ताल में क्या मिला :
24 अक्टूबर को अपलोड किया गया था मूल वीडियो
वायरल वीडियो पर श्री राजेश गड़कर, धर्म राज्य पक्ष, ईवीएम हटाओ सेना लिखा है. संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर हमें EVM Hatao Sena Maharashtra नाम से संचालित फेसबुक अकाउंट मिला. अकाउंट पर ईवीएम में धांधली से जुड़े डेमो दिखाते हुए कई वीडियो पोस्ट किए गए हैं. वीडियो सेक्शन को स्कैन करने पर हमें 24 अक्टूबर 2025 को अपलोड किया गया मूल वीडियो मिला.
वीडियो में दिखाया जा रहा वोट चोरी का डेमो
वायरल वीडियो में एक वीवीपैट को देखा जा सकता है जिसपर खोजकर्ता के रूप में राहुल चिमन भाई मेहता का नाम लिखा है. इस वीवीपैट के साथ एक स्क्रीन टच बैलेट यूनिट जुड़ी हुई है जिसके द्वारा मतदान प्रक्रिया में वोट चोरी को दिखाया जा रहा है.
ब्लैक ग्लास तकनीक पर आधारित डेमो मशीन
अपनी जांच में हमें ईवीएम हटाओ नाम से संचालित वेबसाइट भी मिली जिसे Rahul Chimanbhai Mehta चला रहे हैं. जिनका दावा है कि उन्होंने ब्लैक ग्लास तकनीक पर आधारित एक डेमो मशीन बनाई है, जो दिखाती है कि भारत में इस्तेमाल होने वाले ईवीएम में धांधली संभव है. वेबसाइट पर मांग की जा रही है कि मतदाताओं के पास मतदान के लिए ईवीएम के अलावा पारंपरिक बैलेट पेपर का विकल्प भी हो.
चुनाव आयोग की ईवीएम मशीन अलग है
ब्लैक ग्लास तकनीक पर आधारित इस मशीन को यह दिखाने के लिए बनाया गया है कि यदि ईवीएम मशीन के अंदर सेंसर्स या डिवाइस को छुपाते हुए लगाया जाए तो ईवीएम द्वारा धांधली संभव है. हालांकि यह सिर्फ एक डेमो मशीन है जबकि चुनाव आयोग द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम और उसकी कार्यप्रणाली अलग है.
चुनाव आयोग द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली बैलेट यूनिट और वीवीपैट अलग हैं जबकि वायरल वीडियो में दिख रहे बैलेट यूनिट और वीवीपैट अलग हैं, जिसे ईवीएम में धांधली दिखाने के लिए एक डेमो मशीन के रूप में विकसित किया गया है.
बिहार राज्य निर्वाचन आयोग के मीडिया प्रभारी ने किया वीडियो का खंडन
हमने बिहार राज्य चुनाव आयोग के मीडिया नोडल प्रभारी से संपर्क किया जिन्होंने दावे का खंडन करते हुए वायरल वीडियो को फेक बताया.
सितंबर 2023 में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए बताया था कि ईवीएम पूरी तरह स्टैन्डअलोन होती हैं यानि स्वतंत्र रूप से काम करती हैं और किसी अन्य नेटवर्क, इंटरनेट या बाहरी सिस्टम से जुड़ी नहीं होती हैं, इनमें One Time Programmable Chips लगे होते हैं, यानी एक बार प्रोग्राम होने के बाद उनका सॉफ्टवेयर बदला नहीं जा सकता.


