पीएम मोदी की तारीफ करने के बाद पुतिन ने अफसोस जताया? जाने वायरल ग्राफिक का सच
बूम से बातचीत में Molitics के संपादक नीरज झा ने वायरल ग्राफिक को फेक बताया है.

सोशल मीडिया पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की टिप्पणी के दावे से एक ग्राफिक वायरल है, जिस पर Molitics मीडिया आउटलेट का लोगो लगा हुआ है. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि पुतिन ने पीएम मोदी की तारीफ करने पर अफसोस जताया है.
ग्राफिक के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि पुतिन ने कहा, "मैंने गलती से विश्वगुरु की तारीफ कर दी थी, मुझे बाद में पता चला कि यह आदमी जाति, धर्म, हिन्दू-मुस्लिम, वोट चोरी, गरीबों के घर और मंदिरों पर बुलडोजर चलवाता है."
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4-5 दिसंबर 2025 को भारत के दौरे पर थे. पुतिन ने पीएम मोदी के साथ 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया था.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल ग्राफिक फेक है, Molitics ने वायरल दावे वाला कोई ग्राफिक शेयर नहीं किया है.
क्या है वायरल दावा :
फेसबुक यूजर ने ग्राफिक को शेयर करते हुए लिखा है, "ये कौन से विश्वगुरु की बात कर रहे हैं?" आर्काइव लिंक
एक्स पर भी यह ग्राफिक इसी दावे के साथ वायरल है. आर्काइव लिंक
पड़ताल में क्या मिला :
अपनी जांच में हमें वायरल ग्राफिक के साथ किए जा रहे दावे की पुष्टि करने वाली कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली.
हमने Molitics के सोशल मीडिया हैंडल को चेक किया, पेज पर हमें कहीं भी वायरल ग्राफिक नहीं मिला. हमें पीएम मोदी की तारीफ में पुतिन द्वारा की गई टिप्पणी से संबंधित ग्राफिक मिले. जिन्हें यहां और यहां देखा जा सकता है.
Molitics का नहीं है वायरल ग्राफिक
अधिक जानकारी के लिए हमने Molitics के संपादक नीरज झा से संपर्क किया. झा ने बूम को बताया कि वायरल ग्राफिक को Molitics द्वारा नहीं बनाया गया है और न ही शेयर किया गया है. उन्होंने कहा, "ग्राफिक में भाषाई अशुद्धियां हैं, यह दावा तथ्यात्मक रूप से भी गलत है, यह हमारा कंटेंट नहीं है. सोशल मीडिया पर फेक कंटेंट्स की बाढ़ है. उसी का हिस्सा यह कंटेंट भी है."
पुतिन ने की थी मोदी की तारीफ
पुतिन ने भारत दौरे से पहले इंडिया टुडे को इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होंने पीएम मोदी और उनके नेतृत्व की प्रशंसा की थी. टैरिफ वार और अमेरिकी प्रतिबंधों से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए पुतिन ने कहा था, "प्रधानमंत्री मोदी आसानी से दबाव में आने वाले व्यक्ति नहीं हैं. भारतीय लोग निश्चित रूप से अपने नेता पर गर्व कर सकते हैं. यह बिल्कुल स्पष्ट है. उनका रुख अटल और स्पष्ट है, बिना किसी टकराव के. हमारा लक्ष्य संघर्ष को भड़काना नहीं है; बल्कि, हमारा लक्ष्य अपने वैध अधिकारों की रक्षा करना है. भारत भी यही चाहता है."




