दिल्ली चुनाव: केजरीवाल को मुसलमानों का मसीहा बताने वाला पैम्फलेट पुराना है
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि केजरीवाल को मुसलमानों का मसीहा बताने वाला पैम्फलेट 2020 के चुनाव के दो दिन पहले सामने आया था जब दिल्ली निवासियों को अखबार के साथ पैम्फलेट मिले थे.



दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को लेकर एक पैम्फलेट वायरल है. पैम्फलेट में अरविंद केजरीवाल को मुसलमानों का मसीहा बताते हुए उनके पक्ष में वोट अपील की गई है.
बीजेपी समर्थक सोशल मीडिया यूजर इसे दिल्ली चुनाव 2025 के संदर्भ में वायरल कर रहे हैं. बूम ने जांच में पाया कि वायरल पैम्फलेट पांच साल पुराना है और 2020 दिल्ली चुनाव के दौरान का है.
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक चरण में 5 फरवरी को मतदान होगा जबकि 8 फरवरी को नतीजे जारी किए जाएंगे.
वायरल पैम्फलेट में अरविंद केजरीवाल की तस्वीर है जिसमें वह विशेष समुदाय वाली टोपी पहने दिख रहे हैं. पैम्फलेट में लिखा है, 'दिल्ली की मुसलमान आवाम से दरख्वास्त, कौम की बेहतरी के लिए केजरीवाल को वोट दें. केजरीवाल ही कौम का मसीहा है. मोदी को वोट अपनी कौम की कब्र खोदने जैसा है. कौम के वास्ते वोट करें.' पैम्फलेट में नीचे लिखा है- हक-ए-आवाम में: एक सच्चा मुसलमान
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वेरिफाइड यूजर @jpsin1 ने पैम्फलेट की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'एक तरफ केजरीवाल हिंदूवादी बन रहा है दूसरी तरफ मुस्लिम एरिया में केजरीवाल की पार्टी ऐसे पर्चे बंटवा रही है. दिल्ली के हिंदुओं यह पढ़ लो.' (आर्काइव लिंक)
इसी तरह फेसबुक पर भी पैम्फलेट को शेयर करते हुए लिखा गया, 'दिल्ली निवासियों यह पोस्टर दिख रहा है? यदि अब भी समझ नही आएं तो आपके भविष्य का कुछ नही हो सकता है. दिल्ली के मुसलमानों द्वारा अरविंद केजरीवाल के लिए वोट मांगा जा रहा है. अब आपकी बारी है. अपने बच्चों के भविष्य के लिए BJP को वोट करें.' (आर्काइव लिंक)
फैक्ट चेक
केजरीवाल को मुसलमानों का मसीहा बताते हुए AAP के पक्ष में वोट अपील का पैम्फलेट 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान का है.
दिल्ली चुनाव 2020 से पहले मिले थे पर्चे
बूम ने वायरल पैम्फलेट की पड़ताल के लिए गूगल पर 'केजरीवाल मुस्लिम का मसीहा पैम्फलेट' कीवर्ड से सर्च किया. इस दौरान हमें आज तक की 6 फरवरी 2020 की एक रिपोर्ट मिली. इसमें बताया गया कि 8 तारीख को होने वाले मतदान से दो दिन पहले अखबार के साथ दिल्ली के लोगों के घरों में पर्चे पहुंचे. इन पैम्फलेट में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को मुसलमानों का मसीहा बताया गया है और उन्हें जालीदार टोपी पहने दिखाया गया है.
रिपोर्ट में बताया गया कि दिल्ली में इन पैम्फलेट के जरिए ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है. हालांकि इसे किसकी ओर से छपवाया गया है, इसकी कोई जानकारी रिपोर्ट में उपलब्ध नहीं थी.
रिपोर्ट में पैम्फलेट की वही तस्वीर भी मौजूद है जो वर्तमान में वायरल है. तस्वीर में पैम्फलेट के पीछे Delhi Times न्यूजपेपर की कॉपी भी दिख रही है. इसमें प्रकाशन की तारीख गुरुवार, 6 फरवरी 2020 लिखी हुई है.
गूगल पर कुछ और विशेष कीवर्ड से सर्च करने पर पता चला कि इसी तरह के दूसरे पोस्टर 2018 में भी दिल्ली की सड़कों पर लगाए गए थे. तब बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने केजरीवाल की पार्टी पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया था.
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे पोस्टर
कपिल मिश्रा ने अपने एक्स अकाउंट से तस्वीरें शेयर करते हुए बताया था कि ये पोस्टर दिल्ली के खजूरी क्षेत्र में लगाए गए हैं जो मुस्लिम बहुल इलाका है. साथ ही वहां अरविंद केजरीवाल की रैली भी होने वाली थी.
इसी तरह 2017 में केजरीवाल को मुस्लिमों का मसीहा बताने वाले पोस्टर को लेकर बीजेपी ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी. पोस्टर में दिल्ली के मंत्री इमरान हुसैन की भी तस्वीर मौजूद थी. मामले में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी.
बूम अपने फैक्ट चेक में स्वतंत्र रूप से यह सत्यापित नहीं कर सका कि वायरल पैम्फलेट AAP द्वारा जारी किए गए थे या नहीं, लेकिन यह पुष्टि करने में सक्षम था कि इसे 2020 में दिल्ली के कुछ इलाकों में बांटा गया था और आगामी दिल्ली चुनाव से कोई संबंध नहीं है.