पंजाब में सांड के साथ मारपीट का पुराना वीडियो बांग्लादेश के दावे से वायरल
बूम को जालंधर सदर के SHO सुरेश कुमार ने बताया कि मामले को लेकर पुलिस जांच जारी है. प्राथमिक जांच में हमें पता चला कि वायरल वीडियो लगभग दो साल पुराना है.
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बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर से जुड़े संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और हिंदुओं के साथ अत्याचार की खबरों के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर किया गया है जिसमें कुछ लोगों को एक गोवंश को बुरी तरह पीटते हुए देखा जा सकता है. यूजर्स इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि वायरल वीडियो बांग्लादेश के इस्कॉन मंदिर की गौशाला का है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. वायरल वीडियो पंजाब के जालंधर का है और लगभग दो साल पुराना है.
गौरतलब है कि बीते 25 नवंबर को बांग्लादेश में सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता और इस्कॉन से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था. चिन्मय कृष्ण दास ने 22 नवंबर को हिंदुओं के समर्थन में एक रैली का आयोजन किया था. चिन्मय दास पर आरोप है कि इसी रैली के दौरान उन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया.
(पोस्ट का आर्काइव लिंक)
(वीडियो की हिंसात्मक प्रकृति की वजह से हम स्टोरी में उसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं.)
फैक्ट चेक: वायरल वीडियो पंजाब के जालंधर का है
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए जब वीडियो के अलग-अलग कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें विनय कपूर नाम के एक इंस्टाग्राम अकाउंट पर 14 नवंबर को अपलोड किया गया यह वीडियो मिला.
इसमें बताया गया कि यह वीडियो पंजाब के जालंधर के जमशेर डेयरी का है.
इसके अलावा गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर ही हमें एक एक्स पोस्ट मिला, जिसमें इसी वीडियो को शेयर किया गया था. इस पोस्ट के कमेंट सेक्शन में PETA India ने रिप्लाई करते हुए दावा किया कि इस मामले में सदर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की जा चुकी है.
इसके बाद हमने हमने जालंधर में पशुओं के लिए काम करने वाली संस्था 'एनिमल प्रोटेक्शन फाउंडेशन' के अध्यक्ष युवी सिंह से भी बात की. उन्होंने बूम से कहा, "वायरल वीडियो जालंधर का ही है. हमारी संस्था ने ही पुलिस के पास इस मामले को लेकर नवंबर में FIR दर्ज कराई थी."
हमने फिर पड़ताल के लिए जालंधर के सदर पुलिस स्टेशन के SHO सुरेश कुमार से बात की. उन्होंने कहा, "हमारे यहां इस मामले को लेकर FIR दर्ज कराई गई थी. हमने इस वीडियो की जांच के लिए इसे साइबर क्राइम डिपार्टमेंट को भेजा है. प्राथमिक जांच में हमें पता चला कि वायरल वीडियो लगभग दो साल पुराना है. अभी मामले की जांच जारी है."