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      फैक्ट चेक

      क्या वक्फ़ बोर्ड ने छत्तीसगढ़ के मां चंडी मंदिर पर ठोका दावा? फ़ैक्ट चेक

      मंदिर की समिति के संरक्षक राजेंद्र कुमार राय ने बूम को बताया कि मंदिर के ऊपर न तो वक्फ़ बोर्ड ने दावा ठोंका है और न ही पहले यहां कभी पहले ऐसी कोई स्थिति बनी है.

      By -  Runjay Kumar
      Published -  9 Feb 2023 7:06 PM IST
    • Listen to this Article
      क्या वक्फ़ बोर्ड ने छत्तीसगढ़ के मां चंडी मंदिर पर ठोका दावा? फ़ैक्ट चेक

      सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफ़ी वायरल हो रही है, जिसमें एक मंदिर के अंदर हरे रंग का एक कपड़ा पर '786' लिखा हुआ है. इस तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह छत्तीसगढ़ के गुंडरदेही में स्थित मां चंडी देवी मंदिर है, जिसपर वक्फ़ बोर्ड ने अपना दावा ठोक दिया है.

      हालांकि, बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रहा दावा पूरी तरह से फ़र्ज़ी है. मंदिर समिति के संरक्षक व गुंडरदेही के पूर्व विधायक राजेंद्र कुमार राय ने बूम को बताया कि वक्फ़ बोर्ड ने मंदिर पर दावा नहीं ठोका है और न ही पहले यहां कभी दोनों समुदायों के बीच मंदिर को लेकर कोई झगड़ा हुआ है.

      वायरल दावे को ट्विटर और फ़ेसबुक दोनों जगहों पर काफ़ी शेयर किया गया है.

      फ़ेसबुक पर वायरल दावे को मंदिर की तस्वीर के साथ शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, “लगता है पूरा भारत भी इनकी संपत्ति घोषित न हो जाए मां चंडी देवी मंदिर, गुंडरदेही छत्तीसगढ़। हलकट वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि यह उनकी संपत्ति है मुस्लिम तुष्टिकरण और एकमुश्त मुस्लिम वोटों की सौदेबाजी के लिए संविधान को रौंदने वाले इस गैर संवैधानिक वक्फ बोर्ड का निर्मूलन होना चाहिए”.


      वहीं ट्विटर पर भी इसी तरह के कैप्शन के साथ वायरल दावे को शेयर किया गया है.


      वायरल दावे से जुड़े अन्य फ़ेसबुक पोस्ट्स को देखने के लिए यहां, यहां और यहां क्लिक करें.

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      फ़ैक्ट चेक

      बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए कैप्शन में दी गई जानकारियों के माध्यम से गूगल सर्च किया तो हमें 7 फ़रवरी 2023 को ईटीवी भारत की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में मंदिर समिति एवं हिंदू और मुस्लिम दोनों ही समुदाय के लोगों के बयान शामिल थे, जिन्होंने वायरल दावे का खंडन किया था.



      रिपोर्ट में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के गुंडरदेही में स्थित चंडी देवी मंदिर एकता और अखंडता की मिसाल है. 100 साल इस पुराने मंदिर में हिंदू और मुस्लिम दोनों ही पूजा अर्चना करते हैं. यहां चंडी देवी की पूजा भी होती और साथ ही सैयद बाबा के हरे रंग का पवित्र 786 का पताका भी लगाया हुआ है.

      इसके अलावा, रिपोर्ट में स्थानीय लोगों के हवाले से यह भी बताया गया था कि मंदिर में लगी चंडी माता की मूर्ति स्थानीय रामसागर तालाब से निकली थी और उसी तालाब से मुस्लिम समुदाय का पवित्र चांद भी निकला था. इसके बाद तत्कालीन स्थानीय राजा ठाकुर निहाल सिंह ने मंदिर में माता की स्थापना के बाद वहां सैयद बाबा साहब का 786 वाला पवित्र चादर स्थापित किया था.

      इतना ही नहीं रिपोर्ट में मंदिर की स्थापना करने वाले राजपरिवार के सदस्य व गुंडरदेही के पूर्व विधायक राजेंद्र कुमार राय का बयान भी शामिल था. राजेंद्र राय के अनुसार, आजतक इस मंदिर में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच टकराव की कोई स्थिति नहीं बनी है और यहां सब मिलजुल कर पूजा अर्चना करते हैं.

      जांच के दौरान हमें इससे जुड़ी रिपोर्ट अमर उजाला की वेबसाइट पर भी मिली. यह रिपोर्ट 7 फ़रवरी 2023 को प्रकाशित की गई थी. इस रिपोर्ट में भी पूर्व विधायक राजेंद्र कुमार राय और स्थानीय लोगों का बयान शामिल था, जिन्होंने वायरल दावे का खंडन किया था.



      हमने अपनी जांच को पुख्ता बनाने के लिए गुंडरदेही के पूर्व विधायक व मंदिर की समिति के संरक्षक राजेंद्र कुमार राय से भी संपर्क किया. राजेंद्र राय ने बूम को बताया, “यह मंदिर उनके पुरखों द्वारा बनाई हुई है. पुरानी मान्यताओं के अनुसार, स्थानीय रामसागर तालाब में मुस्लिम समुदाय का पवित्र चांद मिला था. मुस्लिमों ने तत्कालीन राजा व उनके दादा निहाल सिंह से यह चांद रखने के लिए कहा, जिसके बाद उन्होंने मंदिर के अंदर ही एक डिब्बे में चांद को रखकर उसे हरे रंग के कपड़े से ढंक दिया. तभी से दोनों ही समुदाय के लोग यहां पूजा अर्चना करते हैं”.

      इसके अलावा उन्होंने वायरल दावे का खंडन करते हुए साफ़ कहा कि "मंदिर पर न तो वक्फ़ बोर्ड ने कोई दावा ठोका है और न ही यहां पहले कभी इसको लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच कोई झगड़ा हुआ है".

      हमने इस दौरान मंदिर के पुजारी खोरबाहरा राम कंवर से भी संपर्क किया तो उन्होंने भी वायरल दावे का खंडन करते हुए कहा कि "कभी किसी ने मंदिर पर दावा नहीं ठोका है और न ही दोनों समुदायों के बीच मंदिर को लेकर कभी झगड़ा हुआ है". उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर का पट खोलने से पहले वे ही सैयद बाबा को लोबान दिखाते हैं और फ़िर देवी की पूजा करते हैं.

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      Tags

      ChhattisgarhTempleViral PhotoFact Check
      Read Full Article
      Claim :   छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में स्थित चंडी देवी मंदिर पर वक्फ़ बोर्ड ने ठोंका दावा
      Claimed By :  Facebook Users
      Fact Check :  False
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