न्यूज़ आउटलेट्स ने बीबीसी का चार साल पुराना वीडियो चंद्रयान-3 से जोड़कर किया शेयर
बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो एडिटेड है और असल वीडियो 2019 में चंद्रयान-2 के लांच के दौरान का है.
चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद अंतर्राष्ट्रीय मीडिया आउटलेट्स बीबीसी का एक वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है. वीडियो में एंकर भारत के आर्थिक और सामजिक हालातों का जिक्र करते हुए भारत जैसे देश में स्पेस मिशन को लेकर किए जा रहे प्रयासों पर सवाल उठाता हुए दिख रहा है. इस वीडियो को हालिया बताकर शेयर किया जा रहा है.
हालांकि, बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह क़रीब चार वर्ष पुराना है और एडिटेड है. यह वीडियो 2019 में चंद्रयान-2 के लांच से पहले प्रसारित किया गया था.
बीते 23 अगस्त की शाम को चंद्रयान-3 की सफ़ल लैंडिंग के बाद भारत चांद पर सफलतापूर्वक लैंड करने वाला चौथा देश बना. चंद्रयान-3 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था. इसे चांद की सतह पर लैंडिंग करने में 41 दिन लगे. इस पूरे मिशन में करीब 615 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं.
वायरल वीडियो 27 सेकेंड का है. वीडियो में बीबीसी एंकर भारत की राजधानी दिल्ली में मौजूद अपने संवाददाता से सवाल पूछता है कि }भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर की भारी कमी है, भीषण गरीबी है, 70 करोड़ लोगों के पास टॉयलेट नहीं है, क्या ऐसे देश को स्पेस प्रोग्राम पर इतना पैसा खर्च करना चाहिए. इसपर रिपोर्टर भी जवाब देते हुए कहता है कि यह बहस पिछले करीब 30-40 साल से यहां चल रही है”.
समाचार चैनल आजतक ने भी इस वीडियो के आधार पर 23 अगस्त 2023 को वीडियो रिपोर्ट प्रकाशित की. इस वीडियो रिपोर्ट में एंकर सुधीर चौधरी होस्ट की भूमिका में थे.
इसके अलावा टाइम्स नाउ ने भी इस वीडियो को अपने रिपोर्ट में शेयर किया. वहीं मशहूर उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी एक यूज़र के ट्वीट के रिप्लाई में ब्रिटेन की आलोचना करते हुए ट्वीट किया और इससे जुड़ी रिपोर्ट
जी न्यूज़ और मिंट ने अपने वेबसाइट प्रकाशित की. लेकिन दोनों ही रिपोर्ट में इस वीडियो को पुराना नहीं बताया गया.
वहीं दक्षिणपंथी X हैंडल मेघ अपडेट्स ने भी हालिया दावे से इस वीडियो को अपने अकाउंट से शेयर किया.
वीडियो को फ़ेसबुक पर भी हाल का बताकर काफ़ी शेयर किया गया है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए वीडियो को ध्यानपूर्वक देखा तो हमें नीचे की तरफ़ “VIDESH TV” लिखा हुआ दिखाई दिया.
इसलिए हमने उस चैनल को यूट्यूब पर खंगाला तो हमें 22 जुलाई 2019 को अपलोड किया गया वायरल वीडियो का लंबा वर्जन मिला. वीडियो के साथ मौजूद टाइटल में इसे चंद्रयान-2 के दौरान का बताया गया था.
क़रीब 2 मिनट 21 सेकेंड लंबे इस वीडियो को पूरा देखने पर हमें क़रीब 1 मिनट 5 सेकेंड पर वायरल वीडियो वाला हिस्सा मिला.
हमने यह भी पाया कि जब बीबीसी एंकर ने चंद्रयान-2 मिशन के दौरान भारत में शौचालय और ग़रीबी जैसे मुद्दों का जिक्र किया तो रिपोर्टर नितिन श्रीवास्तव ने जवाब देते हुए कहा कि “यह बहस पिछले करीब 30-40 साल से यहां चल रही है. लेकिन एक फैक्ट यह भी है कि इंडियन स्पेस प्रोग्राम को पिछले 40-50 सालों में काफ़ी हद तक सफ़ल माना गया है. साथ ही भारतीय स्पेस मिशन में दूसरे अन्य देशों की तुलना में काफ़ी कम पैसे खर्च हुए हैं. भारत इन मिशन का सहयोग मौसम, मिसाइल बनाने वाले क्षेत्रों में भी ले रहा है”.
जांच में हमें बीबसी न्यूज़ प्रेस टीम के द्वारा 24 अगस्त को किया गया एक ट्वीट भी मिला. ट्वीट में उन्होंने इस वीडियो को 2019 का बताया था.
इस दौरान हमें इस वीडियो को लेकर बीबीसी हिंदी द्वारा की गई एक फ़ैक्ट चेक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में बताया गया था कि “यह एडिटेड वीडियो बीबीसी वर्ल्ड टेलीविज़न पर 2019 में चंद्रयान-2 के लांच के ठीक पहले प्रसारित किया गया था. वीडियो में बीबीसी वर्ल्ड न्यूज़ का लोगो मौजूद है और ये चैनल अब प्रसारण नहीं करता है”.
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