कनाडा ने जयशंकर की टिप्पणी के बाद Australia Today के फेसबुक पेज को ब्लॉक नहीं किया
बूम ने पाया कि ऑस्ट्रेलिया टुडे के फेसबुक पेज ने पोस्ट इसलिए नहीं दिख रहे क्योंकि मेटा ने कनाडा में अपने प्लेटफॉर्म पर सभी न्यूज कंटेट (लोकल और इंटरनेशनल) को ब्लॉक करने का फैसला किया था. मेटा को कनाडा के ऑनलाइन न्यूज ऐक्ट 2023 को लेकर असहमति थी, जिसके अनुसार तकनीकी प्लेटफॉर्म को न्यूज बिजनेस के लिए मुआवजा देना अनिवार्य है.
मेनस्ट्रीम भारतीय न्यूज आउटलेट ने इस झूठे दावे को बढ़ावा दिया कि कनाडा सरकार ने एक ऑस्ट्रेलियाई न्यूज वेबसाइट के फेसबुक पेज पर कटेंट ब्लॉक कर दिया है. इससे उन्हें भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस दिखाने से रोक दिया गया, जिसमें जयशंकर ने कनाडा के खिलाफ कड़ी टिप्पणियां की थीं.
बूम ने पाया कि दावे झूठे हैं. न तो Australia Today की वेबसाइट और न ही उसके फेसबुक पेज को कनाडा सरकार के किसी विशेष आदेश के तहत ब्लॉक किया गया है. दरअसल मेटा ने कनाडा में अपने प्लेटफॉर्म पर सभी न्यूज कंटेट (लोकल और इंटरनेशनल) का एक्सेस प्रतिबंधित कर दिया है. इसी के चलते ऑस्ट्रेलिया टुडे के फेजबुक पेज पर पोस्ट दिखाई नहीं दे रहे हैं.
मेटा का देश के ऑनलाइन न्यूज ऐक्ट 2023 को लेकर कनाडा सरकार के साथ गतिरोध है, जो मेटा और गूगल जैसे प्रमुख तकनीकी प्लेटफार्म से न्यूज बिजनेस के लिए मुआवजे की मांग करता है. गौरतलब है कि फेसबुक मेटा द्वारा संचालित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है.
Australia Today के संपादक ने भी यह झूठा दावा किया जिसे भारतीय न्यूज आउटलेट और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल की ओर से बढ़ावा दिया गया.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जायसवाल ने The Australia Today को एक महत्वपूर्ण प्रवासी आउटलेट बताते हुए दावा किया गया कि यह ब्लॉक, "...एक बार फिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति कनाडा के पाखंड को उजागर करता है."
यह झूठा दावा ऐसे समय में किया गया है जब भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध अपने सबसे निचले स्तर पर हैं. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सितंबर 2023 में खालिस्तानी समर्थक चरमपंथी और अपने देश के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंट की कथित संलिप्तता के आरोप के बाद से दोनों देशों के बीच जुबानी जंग जारी है.
दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं और शीर्ष राजनयिकों को निष्कासित करने के अलावा वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को वापस बुला लिया है. कनाडा में मंदिरों में भारत विरोधी नारे और छेड़छाड़ की नियमित रिपोर्ट के अलावा ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में भक्तों पर कथित खालिस्तानी समर्थकों के हमले के साथ ही बिगड़े हुए संबंध अब सड़कों पर भी दिखाई दे रहे हैं.
6 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्री जयशंकर ने इन हमलों की निंदा करते हुए कनाडा के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की. उन्होंने हिंसा के लिए देश में "चरमपंथी ताकतों को दी जा रही राजनीतिक पनाह" को जिम्मेदार ठहराया.
आजतक, नवभारतटाइम्स, एनडीटीवी, पत्रिका, इंडिया टीवी, दैनिक जागरण, एबीपी जैसे मीडिया आउटलेट्स ने ऑस्ट्रेलिया टुडे पर कनाडा के प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाते हुए गलत रिपोर्टिंग की. इसके अलावा प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जायसवाल के बयान के आधार पर न्यूज रिपोर्ट्स बनाई गईं. राइट विंग वेबसाइट ऑपइंडिया ने भी गलत दावा प्रकाशित किया.
मेलबर्न स्थित समाचार वेबसाइट Australia Today के संपादक, जितार्थ जय भारद्वाज ने News18 और एएनआई जैसे भारतीय मीडिया आउटलेट्स को दिए इंटरव्यू में झूठे दावों को जोड़ते हुए कहा कि इसे "टारगेट" किया जा रहा है. यही बात एक्स पर भी व्यक्त करते हुए उन्होंने आरोप लगाया गया कि प्रतिबंध "कनाडा सरकार के आदेश के तहत" था.
कई भाजपा पदाधिकारियों ने भी कनाडा सरकार की आलोचना करते हुए फर्जी दावे को साझा किया.
फैक्ट चेक
बूम ने पाया कि कनाडा सरकार द्वारा Australia Today की वेबसाइट और उसके सोशल मीडिया पेजों को ब्लॉक करने का दावा झूठा है.
Australia Today पेज के फेसबुक पोस्ट प्लेटफॉर्म पर दिखाई नहीं दे रहे हैं क्योंकि मेटा ने कनाडा में अपने प्लेटफॉर्म पर सभी स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचार सामग्री को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है.
कनाडा सरकार के ऑनलाइन न्यूज ऐक्ट 2023 को लेकर गतिरोध के चलते मेटा ने यह कदम उठाया. इस ऐक्ट के तहत प्रमुख प्लेटफॉर्म से न्यूज बिजनेस के लिए मुआवजा की मांग की गई.
2023 में पारित ऐक्ट यह निर्दिष्ट करता है कि बड़ी टेक कंपनियों जैसे मेटा, गूगल को अपने प्लेटफॉर्म पर कंटेट प्रकाशित करने के लिए समाचार व्यवसायों को भुगतान करना चाहिए.
मेटा ने अधिनियम के विरोध में "कनाडा के लोगों के लिए फेसबुक और इंस्टाग्राम पर समाचार के एक्सेस को अवरुद्ध कर दिया." मेटा के फैसले का प्रभावी रूप से मतलब है कि कनाडा या दुनिया के किसी भी हिस्से से न्यूज कंटेट वर्तमान में कनाडा में फेसबुक यूजर्स के लिए सुलभ नहीं है.
हमने सबसे पहले The Australia Today के मैनेजिंग एडिटर जितार्थ जय भारद्वाज द्वारा एक्स पर आउटलेट के बयान में जोड़े गए स्क्रीनशॉट को देखा और पाया कि यह आउटलेट के फेसबुक पेज से है. स्क्रीनशॉट के निचले हिस्से में, एक लाइन पढ़ी जा सकती है - " People in Canada can't see this content... (कनाडा में लोग इस कंटेट को नहीं देख सकते हैं ...)"
बूम ने पाया कि भारद्वाज की ओर से शेयर किए गए इस स्क्रीनशॉट को क्रॉप किया गया है. हमने कनाडा के एक निवासी से भी उसी फेसबुक पेज तक पहुंचने के लिए कहा, जहां हमें पूरा नोटिस मिला, "People in Canada can't see this content. In response to Canadian government legislation, news content can't be viewed in Canada" ("कनाडा में लोग इस कंटेट को नहीं देख सकते हैं. कनाडा सरकार के कानून के जवाब में, न्यूज कंटेट कनाडा में नहीं देखी जा सकती है.")
नीचे हाइलाइट किए गए क्रॉप किए गए हिस्से के साथ दोनों की तुलना देखी जा सकती है:
नोटिस में 'Learn More' हाइपरलिंक है जो एक पेज पर ले जाता है जिसका टाइटल है, "मैं Facebook पर न्यूज कंटेट शेयर या देख क्यों नहीं सकता?" हमने कनाडा में एक Facebook यूजर की मदद से Learn More पेज को भी एक्सेस किया, जहां कारण समझाया गया, "कनाडा के ऑनलाइन न्यूज ऐक्ट के जवाब में, किसी न्यूज आउटलेट से जुड़े पेजों का कंटेट अब कनाडा में देखा या साझा नहीं किया जा सकता."
दूसरे सबहेड का टाइटल है, "अगर आप कनाडा में हैं तो इसका मतलब है" और यह बताता है, "आप अब Facebook पर न्यूज आउटलेट द्वारा पोस्ट किए गए आर्टिकल और ऑडियो विजुअल कंटेट समेत न्यूज लिंक या कंटेट देख या साझा नहीं कर सकते. आप अब किसी भी न्यूज आउटलेट पेज से लिंक या सामग्री नहीं देख सकते, भले ही आप उन्हें सर्च या फॉलो करते हों."
यह सुनिश्चित करने के लिए कि कनाडा में ऑनलाइन न्यूज ऐक्ट के तहत, कोई भी न्यूज आउटलेट फेसबुक पर अपने पोस्ट नहीं दिखा सकता है, हमने कनाडा के एक अन्य निवासी से लोकल न्यूज पोर्टल का पेज एक्सेस करने के लिए कहा. हमने पाया कि लोकल आउटलेट के फेसबुक पेज भी पोस्ट नहीं दिखा रहे थे, उन पर केवल ऊपर जैसा ही नोटिस दिखाई दे रहा था.
टोरंटो सन, सीबीसी और टोरंटो स्टार के फेसबुक पेज नीचे दिए गए हैं.
हमने भारतीय न्यूज आउटलेट टाइम्स ऑफ इंडिया और एनडीटीवी के फेसबुक पेजों की भी खोज की और पाया कि कोई भी पोस्ट दिखाई नहीं दे रही है.
बूम ने कनाडा के कई फेसबुक यूजर से इस स्टोरी के लिए ऑस्ट्रेलिया टुडे के पेज और लोकल-इंटरनेशनल न्यूज आउटलेट के पेज एक्सेस करने के लिए कहा. उन सभी ने पुष्टि की कि किसी भी पेज पर पोस्ट दिखाई नहीं दे रहे थे.
कनाडा के निवासियों ने हमें यह भी पुष्टि की कि Australia Today की वेबसाइट लोड हो रही थी और साइट पर सभी लेख एक्सेस हो रहे थे. उन्होंने बूम को यह भी बताया कि देश में ऑनलाइन न्यूज ऐक्ट पारित होने के बाद से दिसंबर 2023 से न्यूज आउटलेट के सोशल मीडिया पेज पर पोस्ट नहीं दिख रहे थे.
इसके अलावा, हमने उनसे बूम के फेसबुक पेज का स्क्रीनशॉट भेजने के लिए कहा और पाया कि कोई भी पोस्ट दिखाई नहीं दे रही थी.
आगे बूम की ओर से संपर्क किए जाने पर, Australia Today के संस्थापक संपादक भारद्वाज ने दोहराया कि जयशंकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में पोस्ट करने के बाद पेज ब्लॉक किया गया. उन्होंने कहा, "सभी सरकारें किसी न किसी कानून के तहत ब्लॉक करती हैं, हमारे पेज के साथ भी ऐसा ही हुआ है. सरकारें सूचना नहीं देती हैं और एक्सेस ब्लॉक कर देती हैं... मेरा मतलब वेस्टर्न वर्ल्ड से है." उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले पेज पर पोस्ट दिखाई दे रहे थे. भारद्वाज ने कहा, "पर मैं अब समय से पीछे जाकर आपको स्क्रीनशॉट नहीं दे सकता कि हमारे पेज के पोस्ट कनाडा में दिखाई दे रहे थे."