बांग्लादेश में बर्तन में गोली लगने की तस्वीर, हालिया किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर बांग्लादेश-म्यांमार सीमा के पास, बांग्लादेश के चट्टोग्राम के टेकनाफ में एक द्वीप, शाहपरिर द्वीप पर ली गई थी, जब म्यांमार में विद्रोहियों ने कथित तौर पर कई घरों पर गोलीबारी की थी.
सोशल मीडिया पर बांग्लादेश के चट्टोग्राम की गोली से छलनी हुई एक बर्तन की तस्वीर इस गलत दावे से शेयर की जा रही है कि यह मौजूदा किसान आंदोलन की तस्वीर है.
बूम ने पाया कि यह तस्वीर बांग्लादेश-म्यांमार सीमा के पास, बांग्लादेश के चट्टोग्राम के टेकनाफ में एक द्वीप, शाहपरिर द्वीप पर ली गई थी, जब कई घरों में गोलीबारी हुई थी, जिन पर कथित तौर पर म्यांमार में विद्रोहियों ने गोलीबारी की थी.
गौरतलब है कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के किसान कर्ज माफी, लखीमपुरी खीरी हिंसा में न्याय और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाले कानून की मांग को लेकर दिल्ली की ओर कूच कर गए हैं. किसानों को रोकने के लिए पेलेट गन, वॉटर कैनन, बैरिकेड और आंसू गैस के इस्तेमाल की खबरें भी आई हैं. इसके जवाब में किसानों ने खुद को बचाने के लिए पतंग, मॉडिफाइड ट्रैक्टरों और गीले कपड़ों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. फिलहाल किसान पंजाब-हरियाणा के संभु बॉर्डर पर आंदोलनरत हैं. इसी आंदोलन से जोड़ते हुए विभिन्न तरह की तस्वीरें और वीडियोज सोशल मीडिया पर फ़र्जी दावों के साथ शेयर किए जा रहे हैं. इसी क्रम में यह तस्वीर भी वायरल है.
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म एक्स पर इसको शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, "इतिहास में सब दर्ज होगा मोदी जी..#FarmersProtest2024"
तस्वीर फेसबुक पर भी इसी कैप्शन के साथ वायरल है.
फैक्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि गोली से छलनी बर्तन की वायरल तस्वीर अभी चल रहे किसान आंदोलन की नहीं है.
तस्वीर बांग्लादेश की है और बांग्लादेश-म्यांमार सीमा पर हाल ही में हुई एक घटना के दौरान ली गई थी, जब कथित तौर पर म्यांमार में विद्रोहियों द्वारा की गई गोलीबारी में बांग्लादेश के चट्टोग्राम के टेकनाफ में एक द्वीप, शाहपरिर द्वीप में घरों पर हमला किया गया था.
वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें बांग्ला के कई मीडिया रिपोर्ट्स मिले, जिनमें इस घटना की रिपोर्टिंग की गई थी.
7 फरवरी, 2024 के ढाका मेल ने इस घटना पर एक रिपोर्ट की थी, इस रिपोर्ट में वायरल तस्वीर से मिलती हुई तस्वीर देखी जा सकती है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार के विद्रोही ग्रुपों और सत्तासीन मिलिट्री के बीच बांग्लादेश सीमा के पास हुई झड़पों में कुछ क्षति हुई. बांग्लादेश के बंदरबार और कॉक्स बाजार के कई जिलों में गोलियों की आवाजें भी सुनी गईं.
16 फरवरी को प्रकाशित डेली नया दिगंता की एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया कि बांग्लादेश-म्यांमार सीमा के पास, बांग्लादेश के चट्टोग्राम के टेकनाफ के एक छोटे से द्वीप, शाहपरिर में स्थानीय लोगों ने 3-4 घंटे तक तेज गोलाबारी और गोलियों की आवाज सुनी. इस रिपोर्ट में वायरल तस्वीर के अलावा एक स्थानीय निवासी का बयान भी है, जिसमें कहा गया है कि ''बांग्लादेश के सीमावर्ती इलाके में रहने वाले स्थानीय लोगों की रसोई की डेक्ची (पैन) के ढक्कन में म्यांमार की गोलियां लगी हैं."
न्यूज आउटलेट संगबाद ने भी 16 फरवरी को इसपर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की थी.
म्यांमार में चल रहा संघर्ष सत्तारूढ़ सैन्य सरकार और थ्री ब्रदरहुड एलायंस के बीच है. वहां की सेना ने फरवरी 2021 में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को गिरा दिया था और सत्ता संभाली थी, इसके बाद से ही दोनों शक्तियां देश पर नियंत्रण के लिए लड़ रही हैं.
अराकान सेना एक जातीय सशस्त्र संगठन है, जो बांग्लादेश के चट्टोग्राम की सीमा पर स्थित राखीन राज्य में है. अराकान सेना ब्रदरहुड गठबंधन का हिस्सा है और सेना के खिलाफ लड़ रही है.
इस लड़ाई में गोलीबारी हुई है मोर्टार के गोले दागे गए हैं, इसने बांग्लादेश में भी अपनी पैठ बना ली है. म्यांमार की सीमा से लगे बांग्लादेश के कई इलाकों में अपने घरों के पास गोलाबारी और गोलियों की आवाजें सुनने की खबर है. अर्धसैनिक सीमा सुरक्षा बल और क्षेत्र के रोहिंग्या शरणार्थी हिंसा से बचने की कोशिश कर रहे हैं, उन्होंने बांग्लादेश में शरण मांगी है.
(With inputs from BOOM Bangladesh)