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      फ़ैक्ट चेक

      पुलिसकर्मियों को लाश ढ़ोते दिखाती इस फ़ोटो की सच्चाई क्या है?

      नेटिज़ेंस दावा कर रहे हैं कि वर्तमान में परिवार ने कोविड-19 में इस व्यक्ति को लावारिश छोड़ दिया था और बदायूँ पुलिस ने उसे सहारा दिया.

      By - Saket Tiwari | 21 May 2021 3:04 PM GMT
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    • पुलिसकर्मियों को लाश ढ़ोते दिखाती इस फ़ोटो की सच्चाई क्या है?

      फ़ेसबुक और ट्विटर पर दो पुलिसकर्मियों की तस्वीर जिसमें वो एक लाश को ढ़ोते नज़र आते हैं, फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल है. दावा है कि वर्तमान में इस मृतक के परिवारजनों ने उसे लावारिश छोड़ दिया था और बदायूँ पुलिसकर्मियों ने उसे मॉर्चूरी तक पहुंचाया. साफ़ साफ़ तो नहीं पर दावा यह भी इशारा करता है कि मौत कोविड-19 से हुई है.

      बूम ने पाया कि वायरल फ़ोटो करीब 11 महीने पुरानी है और फ़तेहपुर सिकरी की है. इस तस्वीर में पुलिसकर्मियों को एक लावारिश लाश मिली थी और चूँकि कोई वाहन नहीं था, वे लाश को अपनी पुलिस वैन तक उठाकर ले गए थे.

      कोविड-19 महामारी के कारण भारत में कई परेशान कर देने वाले मामले सामने आ रहे हैं. लोगों को हॉस्पिटल और दवाइयों से लेकर अंतिम संस्कार के लिए भी जगह के लिए इंतज़ार करना पड़ रहा है. यहां पढ़ें.

      लंदन: फ़िलिस्तीन के समर्थन में 2014 में हुए प्रदर्शन की तस्वीर हो रही वायरल

      कांग्रेस की रामपुर खास, प्रतापगढ़, उत्तरप्रदेश, की विधायक अराधना मिश्रा भी इस तस्वीर को पोस्ट कर फ़र्ज़ी दावा कर रही हैं.

      उन्होंने लिखा: "परिवार ने मृतक को छोड़ दिया और बदायूँ के पुलिसकर्मी ने शरीर को अपने कन्धों पर उठाया. यह पुलिसकर्मियों को पुरस्कार मिलना चाहिए. पर वो एम्बुलेंस और अरथी वाहन कहाँ हैं जो राज्य सरकार प्रचुर मात्रा में रखने का दावा करती है. बीजेपी ने मृतक की गरिमा को चुरा लिया है. दुखी और शर्म से भरा."

      (इंग्लिश: Family abandons the dead and a Badayun cop taking the body on his shoulders. The policeman should be felicitated. But where are the ambulances and hearse vans that the state govt claims are in abundance. BJP Has Robbed #DignityToTheDead. Sad and Shameful.)

      नीचे कुछ पोस्ट्स देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहां और यहां देखें.





      राजस्थान में 'ऑक्सीजन टैंकर लीकेज' का दावा करते वीडियो का फ़ैक्ट चेक

      फ़ैक्ट चेक

      दावों में बदायूँ का ज़िक्र है तो सबसे पहले हमनें बदायूँ पुलिस का ट्विटर हैंडल खंगाला.

      आधिकारिक ट्विटर हैंडल से बदायूँ पुलिस ने 16 मई 2021 को ट्वीट किया है. उसमें अराधना मिश्रा के ट्वीट का स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किया है.

      जनपद बदायूं मे इस प्रकार की कोई घटना प्रकाश मे नही आई है, फोटो मे दर्शाये गये पुलिसकर्मी ने शीतकालीन वर्दी पहनी है, यह फोटो कई माह पुरानी है।
      अतः इस घटना को वर्तमान समय का बताकर कृपया भ्रामक ट्वीट न करें। इस घटना का जनपद बदायूं से कोई संबंध नही है।@Uppolice @adgzonebareilly https://t.co/Bd62HpsSxI pic.twitter.com/JWt71BqYCl

      — Budaun Police (@budaunpolice) May 16, 2021

      अराधना मिश्रा के ट्वीट के जवाब में हमें सचिन कौशिक नामक एक यूज़र का ट्वीट मिला. उन्होंने बताया था कि यह घटना 11 महीने पुरानी है और आगरा के पास से है.

      वह ट्विटर बायो में खुद को पुलिसकर्मी बताते हैं.

      उन्होंने ट्वीट में लिखा है, "#Fact जिन तस्वीरों को बदायूँ का बताया जा रहा है,वो आगरा के थाना फतेहपुर सीकरी की हैं और पिछले वर्ष सर्दियों की हैं। ये तस्वीरें #COVID19 की भी नहीं बल्कि उससे पूर्व की हैं।SI प्रशांत व का०अमन शव को मोर्चरी ले जाने के लिए गाड़ी तक कंधे पर लाए थे न कि अंतिम संस्कार के लिए। #Salute"

      #Fact

      जिन तस्वीरों को बदायूँ का बताया जा रहा है,वो आगरा के थाना फतेहपुर सीकरी की हैं और पिछले वर्ष सर्दियों की हैं।
      ये तस्वीरें #COVID19 की भी नहीं बल्कि उससे पूर्व की हैं।SI प्रशांत व का०अमन शव को मोर्चरी ले जाने के लिए गाड़ी तक कंधे पर लाए थे न कि अंतिम संस्कार के लिए।#Salute pic.twitter.com/Pe96DHULge

      — SACHIN KAUSHIK (@upcopsachin) May 16, 2021

      उन्होंने वायरल फ़ोटो के अलावा दो अन्य फ़ोटोज़ भी अपने फ़ेसबुक पेज पर पोस्ट की थी.

      पोस्ट में जिस पुलिसकर्मी का नाम लिखा है, बूम से उनसे संपर्क करने की कोशिश की है. जवाब मिलने पर आर्टिकल अपडेट करेंगे.

      Tags

      FAKE NEWSBadaun PoliceAgraUP policeUP NewsFact Check
      Read Full Article
      Claim :   कोविड-19 की दूसरी लहर में मरने पर परिवार ने छोड़ी लाश को बदायूँ पुलिस ने पहुंचाया मुर्दाघर.
      Claimed By :  Congress MLA Aradhana Mishra, Facebook posts
      Fact Check :  False
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