बिहार भाजपा ने भ्रामक दावों से शेयर किया पुलिसकर्मी की पिटाई का पुराना वीडियो
बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो साल 2020 का है, उस समय भाजपा भी राज्य सरकार में साझेदार थी.
बिहार भाजपा के ट्विटर हैंडल से पुलिसकर्मी की पिटाई का एक वीडियो शेयर किया गया है. वीडियो को शेयर करते हुए यह दावा किया गया है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रही मौजूदा महागठबंधन की सरकार में शराब माफ़ियाओं ने पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया.
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो साल 2020 का है, जब राज्य में भाजपा और जदयू के गठबंधन वाली सरकार चल रही थी और इसका नेतृत्व नीतीश कुमार ही कर रहे थे.
वायरल वीडियो क़रीब 1 मिनट का है, इसमें एक रेलवे लाइन के किनारे कुछ लोग बेरहमी से एक पुलिसवाले की पिटाई करते दिख रहे हैं. पिटाई की वजह से पुलिसकर्मी लहूलुहान भी नज़र आ रहा है.
बिहार भाजपा ने वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, "शराब माफिया ने पुलिस वालों को ही धो डाला, ये कैसा बिहार महागठबंधन की सरकार ने बना डाला?".
वहीं इसी तरह के कैप्शन के साथ यह वीडियो फ़ेसबुक पर भी काफ़ी शेयर किया गया है.
फ़ेसबुक पर वायरल वीडियो वाले पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें दैनिक भास्कर पर क़रीब 2 वर्ष पहले प्रकाशित की गई रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में मौजूद फ़ीचर इमेज वायरल वीडियो वाला ही था.
न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार यह घटना पटना के जक्कनपुर थाना क्षेत्र में घटी थी, जहां शराब की ख़ेप उतारे जाने की सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची तो शराब तस्करों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था. इतना ही नहीं जब पुलिस ने शराब तस्करी के आरोप में एक संदिग्ध को पकड़ा तो उसके परिजनों ने उसे छुड़ाने के लिए पुलिस के साथ धक्का मुक्की और मारपीट भी की थी.
हमें वायरल वीडियो से ही संबंधित न्यूज़ रिपोर्ट एबीपी के यूट्यूब अकाउंट से 6 सितंबर 2020 को अपलोड किए गए एक वीडियो में भी मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो भी मौजूद था. रिपोर्ट के अनुसार यह घटना पटना के जक्कनपुर की थी, जहां शराब माफ़ियाओं ने एक दारोगा की पिटाई कर दी थी.
जब दारोगा को पीटे जाने की सूचना मिलने पर काफ़ी बड़ी संख्या में पुलिस बल दारोगा को बचाने पहुंचा तो तस्करों ने तब भी पथराव और फायरिंग कर दी थी. वीडियो रिपोर्ट में पटना के तत्कालीन एसएसपी उपेंद्र शर्मा का बयान भी मौजूद था, जिसमें उन्होंने दारोगा के चोटिल होने की बात कही थी.
जांच में हमें 2020 में किए गए कुछ ट्वीट में भी यह वीडियो मिला, जिसे आप नीचे देख सकते हैं.
इतना ही नहीं हमें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के फ़ेसबुक पेज से 6 सितंबर 2020 को किया गया एक पोस्ट मिला, जिसमें यह वीडियो मौजूद था. लालू यादव ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए तत्कालीन सरकार और राज्य के गृहमंत्री पर निशाना साधा था.
हमें इसी घटना से संबंधित एक और न्यूज़ रिपोर्ट दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर ही मिली. इस रिपोर्ट में घटना से जुड़े एक आरोपी को गिरफ्तार किए जाने की ख़बर दी गई थी. साथ ही रिपोर्ट में घटना से जुड़ी अन्य जानकारी भी मौजूद थी. रिपोर्ट के अनुसार वायरल वीडियो में जिस दारोगा की लोगों ने पिटाई की थी, उनका नाम आशुतोष कुमार राय था और यह घटना 5 सितंबर 2020 को घटी थी.
इस दौरान हमने यह भी पता लगाने की कोशिश की, कि उस समय राज्य में किस गठबंधन की सरकार चल रही थी. तो हमें इससे जुड़ी कई न्यूज़ रिपोर्ट मिली. इन न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार साल 2015 के विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद नीतीश कुमार ने राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी और राजद कोटे से तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था.
लेकिन 2017 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री व राजद नेता तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद नीतीश कुमार ने राजद के साथ गठबंधन तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बना लिया. बाद में 2020 का विधानसभा चुनाव नीतीश की पार्टी जदयू ने भाजपा के साथ मिलकर ही लड़ा और जीत दर्ज की. लेकिन बीते साल अगस्त महीने में नीतीश कुमार ने एक बार फ़िर से भाजपा का दामन छोड़कर राजद के साथ सरकार बना लिया.
इससे पूर्व 2013 में भी नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़ लिया था. यह वो दौर था जब भाजपा की तरफ़ से 2014 लोकसभा चुनाव के लिए नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की अनौपचारिक घोषणा हो चुकी थी. भाजपा से नाता तोड़ने के बाद नीतीश की पार्टी जदयू ने राजद और अन्य दलों के समर्थन से सरकार चलाई थी.