बांग्लादेशी स्कूली छात्र की हत्या की घटना फ़र्ज़ी सांप्रदायिक दावे से वायरल
स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बूम को बताया कि आरोपियों में से सिर्फ़ एक मुस्लिम है और बाकी सभी हिंदू हैं.
सोशल मीडिया पर एक लड़के के लाश की तस्वीर इस दावे से शेयर की जा रही है कि बांग्लादेश में एक मुस्लिम और उसके दोस्तों द्वारा इस हिंदू लड़के की हत्या कर दी गई.
हालांकि, बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर बांग्लादेश के खुलना जिले के नीरब मंडल की है, जिसकी हत्या उसके स्कूल में ही पढ़ने वाले कुछ छात्रों ने कर दी थी. आरोपी पांच छात्रों में सिर्फ़ एक मुस्लिम है, बाकी सभी हिंदू समुदाय के हैं. साथ ही इस घटना में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
अंबुज भरद्वाज नाम के एक वेरिफ़ाईड ट्विटर यूज़र ने सांप्रदायिक दावों के साथ वायरल तस्वीर को अपने अकाउंट से शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “बांग्लादेश में हिन्दू होना पाप है !! ये निरोब मंडल है , इसकी गलती थी कि ये एक हिन्दू था !! बांग्लादेश में मोहम्मद सोहेल और उसके दोस्तों ने मिलकर स्कूल के एक हिंदू लड़के निरोब मंडल को जान से मार दिया।”.
वहीं फ़ेसबुक पर भी यह वायरल तस्वीर सांप्रदायिक दावों के साथ ही शेयर की गई है.
वायरल तस्वीर से जुड़े अन्य फ़ेसबुक पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए संबंधित बांग्ला कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें joynewsbd.com की वेबसाइट पर 4 फ़रवरी 2023 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल तस्वीर फ़ीचर के रूप में मौजूद था.
रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना बांग्लादेश के खुलना जिले के डूमुरिया उपजिले की है, जहां के गुटूदिया माध्यमिक स्कूल में पढ़ने वाले कुछ छात्रों ने उसी स्कूल के सातवीं कक्षा के छात्र नीरब मंडल की हत्या कर दी थी. बीते 2 फ़रवरी को सभी आरोपी नीरब को स्कूल के पास के एक खाली घर में ले गए थे और वहां जाकर उसे बांध दिया थे. बाद में आरोपियों ने नीरब की हत्या कर दी थी.
इस दौरान आरोपियों ने नीरब के पिता शेखर मंडल को फ़ोन कर करीब 30 लाख बांग्लादेशी टाका की फ़िरौती भी मांगी थी. लेकिन आरोपियों की उसके पिता से बहस हो गई थी, जिसके बाद सभी आरोपी नीरब की लाश को घर में छोड़ कर भाग गए थे. आरोपियों में से एक ने एक बार फिर से उसके पिता को फ़ोन कर फ़िरौती मांगी. जिसके बाद उसके पिता ने इसकी सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने फ़ोन कॉल के आधार पर सबसे पहले फ़ोन करने वाले आरोपी को पकड़ा और फ़िर बाद में पहले आरोपी के द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर बाकी चारों आरोपियों को पकड़ा.
हमें इस घटना से संबंधित रिपोर्ट कई अन्य बांग्लादेशी न्यूज़ वेबसाइट पर भी मिली, जिसमें स्थानीय पुलिस अधिकारी का बयान भी मौजूद था. बांग्लादेश संग्बाद संस्था की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने इस दौरान नीरब मंडल की लाश भी बरामद की थी. पुलिस ने सभी आरोपियों को खुलना न्यायालय के ज़ज रौनक जहां के सामने पेश किया था, जहां सभी आरोपियों का बयान दर्ज कराए जाने के बाद सुधार गृह में भेज दिया गया. रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि आरोपियों ने अपने कबूलनामे में यह कहा था कि उन्होंने टीवी सीरियल क्राइम पेट्रोल से प्रेरित होकर इस घटना को अंजाम दिया था.
सभी रिपोर्ट में आरोपियों के नाम और उनके उम्र का जिक्र था. लेकिन आरोपियों के नाबालिग होने की वजह से हमने उनके नाम को अपने रिपोर्ट में शामिल नहीं किया है. न्यूज़ रिपोर्ट में दर्ज आरोपियों के नाम के अनुसार, चार हिंदू समुदाय से हैं और एक मुस्लिम समुदाय से है.
हमने अपनी जांच को पुख्ता बनाने के लिए डूमुरिया थाने के प्रभारी(जांच) मुक्तो रॉय चौधरी से भी संपर्क किया तो उन्होंने इस घटना में किसी भी तरह का सांप्रदायिक दृष्टिकोण होने से साफ़ इनकार किया. साथ ही उन्होंने बताया कि "आरोपियों में एक मुस्लिम है और बाकी सभी हिंदू हैं. इस दौरान उन्होंने वायरल फ़ोटो की पुष्टि करते भी हुए कहा कि यह तस्वीर लाश की बरामदगी के दौरान की है".
(हमारे सहयोगी शोएब अब्दुल्लाह के इनपुट्स के साथ)