बांग्लादेश में मुस्लिम शख्स के अपमान का वीडियो सांप्रदायिक दावे से वायरल
बूम ने पाया कि अहमद अली नाम के एक रिटायर्ड कम्युनिटी मेडिकल ऑफिसर की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर पिटाई की गई थी और चप्पलों की माला पहनाई थी.

बांग्लादेश में एक बुजुर्ग शख्स को चप्पलों की माला पहनाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. दावा किया जा रहा है कि वहां 40 साल से काम कर रहे एक हिंदू शिक्षक के साथ यह दुर्व्यवहार किया गया.
बूम ने जांच में पाया कि यह घटना बांग्लादेश के बालियाकांदी की है. जून 2025 में एक रिटायर्ड मेडिकल अधिकारी अहमद अली की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते लोगों ने पिटाई की थी और चप्पलों की माला पहनाई थी.
सोशल मीडिया पर दावा क्या है?
एक्स पर एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने 40 साल से काम कर रहे एक हिंदू शिक्षक को चप्पलों की माला पहनाई. ये है बांग्लादेश में हिंदुओं की हालत.’ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर भी यह वीडियो इसी दावे से वायरल है.
पड़ताल में क्या मिला :
वायरल वीडियो में दिखाई दे रहे शख्स का नाम अहमद अली है, जो एक रिटायर्ड कम्युनिटी मेडिकल ऑफिसर हैं. जून 2025 में अल्लाह के रसूल पर अपमानजनक टिप्पणी किए जाने से नाराज लोगों ने उनकी पिटाई की थी और चप्पलों की माला पहनाई थी.
1. पीड़ित शख्स का नाम अहमद अली है
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वीडियो के एक कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया. हमें यूट्यूब पर एक यूजर द्वारा 15 जून 2025 को शेयर किया गया एक वीडियो मिला.
इस वीडियो की रिकॉर्डिंग कर रहा व्यक्ति बांग्ला भाषा में कहता सुनाई देता है, "बेरुली बाजार के अहमद अली ने अल्लाह के रसूल के बारे में आपत्तिजनक बातें कही थीं, इसलिए तौहीदी जनता (आक्रोशित भीड़) ने उन्हें चप्पलों की माला पहनाई."
2. घटना की पुष्टि करने वाली मीडिया रिपोर्ट मौजूद
गूगल पर संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर हमें जून 2025 की बांग्लादेशी मीडिया की कई रिपोर्ट मिलीं. Dhaka Times की 15 जून 2025 की रिपोर्ट में बताया गया कि राजबारी जिले के बालियाकांदी (Baliakandi) में अहमद अली नाम के एक रिटायर्ड कम्युनिटी मेडिकल ऑफिसर से नाराज लोगों ने उनकी पिटाई की थी और चप्पलों की माला पहनाई थी.
Kaler Kantho की रिपोर्ट के मुताबिक, अली ने उस दिन सुबह नवाबपुर हाईस्कूल के सामने पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. इसके बाद कई लोग भड़क उठे और उनके साथ यह दुर्वव्यहार किया. बाद में सेना और पुलिस के हस्तक्षेप से स्थिति को नियंत्रित किया गया.
बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर की प्रेस विंग फैक्ट्स ने भी अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट से इस वायरल झूठे दावे का खंडन किया है.