बंगाल में प्रदर्शनकारी के साथ रेप-मर्डर के दावे से वायरल पोस्ट फेक है
पूर्वी बर्धमान पुलिस ने फेसबुक पर दावे को फेक बताने के साथ ही इसे शेयर करने वालों पर कार्रवाई की बात कही.
सोशल मीडिया पर कोलकाता में डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर केस को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन से लौट रही छात्रा की बर्बर हत्या के दावे से पोस्ट वायरल है. बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल दावा फेक है.
पश्चिम बंगाल की पूर्वी बर्धमान पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि झूठी अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बूम को बर्धमान पुलिस थाने के सब इंस्पेक्टर ने बताया कि उनके पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई.
गौरतलब है कि कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या का मामला सामने आया था. पीड़िता का शव अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था. पीड़ित डॉक्टर चेस्ट मेडिसिन विभाग में MD सेकेंड ईयर की स्टूडेंट थी.
इस मामले को लेकर पूरे देश में आक्रोश है. वहीं इस घटना के खिलाफ 14 अगस्त 2024 की देर रात पश्चिम बंगाल के कोलकाता समेत अलग- अलग हिस्सों में 'रीक्लेम द नाइट' प्रोटेस्ट का आयोजन किया गया, जिसमें कई महिलाओं ने हिस्सा लिया. इसी बीच सोशल मीडिया पर बंगाल में एक और रेप केस को लेकर पोस्ट शेयर किए जा रहे हैं.
मशहूर बंगाली एक्ट्रेस स्वास्तिका मुखर्जी ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा, 'अंकिता बाउरी, प्रदर्शन जुलूस के बाद घर लौटते समय लापता. इसका कोई अंत नहीं है.' (बांग्ला से हिंदी अनुवाद)
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इसी तरह एक अन्य यूजर ने एक्स पर पोस्ट लिखा, 'पश्चिम बंगाल के बर्धवान विश्वविद्यालय की छात्रा अंकिता बाउरी, डॉक्टर के लिए न्याय मांगने के लिए मार्च में हिस्सा लेने के बाद घर लौट रही थी. उसके साथ बलात्कार किया गया और बेरहमी से हत्या कर दी गई. गुंडों ने उसके चेहरे को पत्थर से कुचल दिया ताकि कोई पहचान न सके.'
(Original Text in English: A girl named Ankita Bauri, a student of Burdhwan University, West Bengal, was returning home after taking part in the march to seek justice for Dr. *****. She was raped and brutally murdered. The goons crushed hei face with a stone so that no one could recognize.)
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फैक्ट चेक
बूम ने पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है. बूम को बर्धमान पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर की ओर से बताया गया कि इस नाम से उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है.
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने संबंधित कीवर्ड के साथ एक्स पर सर्च किया. इस दौरान हमें एक पोस्ट मिला जिसमें अंकिता बाउरी केस को फेक बताते हुए कहा गया कि पीड़िता का असली नाम प्रियंका हंसदा है. साथ ही इसका डॉक्टर रेप केस से कोई संबंध नहीं है. (आर्काइव लिंक)
इसके बाद हमने संबंधित कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया तो The Statesman की 17 अगस्त 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में बताया गया कि बर्धमान पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले नंदूर गांव में एक आदिवासी छात्रा की खेत में लाश मिली जिसकी गला रेतकर हत्या की गई थी.
22 साल की छात्रा प्रियंका हंसदा बर्धमान यूनिवर्सिटी की एमए (दर्शनशास्त्र) की छात्रा थी. इसके अलावा वह बर्धमान के एक शॉपिंग मॉल में सेल्स एग्जिक्यूटिव के रूप में पार्ट टाइम काम करती थी.
रिपोर्ट में बताया गया, स्वतंत्रता दिवस पर लड़की के साथ रेप और हत्या की खबरें वायरल हुईं. हालांकि पूर्वी बर्धमान के एसपी अमनदीप सिंह ने रेप की आशंका से इनकार करते हुए कहा, "शव परीक्षण में बलात्कार का कोई सबूत नहीं मिला. परिवार के सदस्यों ने भी ऐसी कोई शिकायत नहीं की है."
हमें द टेलीग्राफ की 17 अगस्त 2024 की रिपोर्ट मिली. इसके अनुसार, पुलिस ने सोशल मीडिया पर युवती के साथ रेप और हत्या के वायरल क्लेम को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया. एसपी अमनदीप ने बताया कि पुलिस को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जिसमें महिला के साथ यौन उत्पीड़न के कोई संकेत नहीं है.
इसके बाद हमने पूर्वी बर्धमान पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल को खंगाला. फेसबुक पर हमें जिला पुलिस का एक पोस्ट मिला, जिसमें अंकिता बाउरी के केस का खंडन किया गया.
पोस्ट में लिखा गया, "कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि 14 अगस्त को अंकिता बाउरी नाम की लड़की के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. उस समय वह आरजी कर घटना से जुड़े मार्च में हिस्सा लेकर घर लौट रही थी. सच्चाई यह है कि बर्धमान में अंकिता बाउरी नाम की लड़की के साथ बलात्कार और हत्या जैसी कोई घटना नहीं हुई है. ऐसी अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. पूर्वी बर्धमान पुलिस महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है." (बांग्ला से हिंदी अनुवाद)
इसके अलावा हमने बर्धमान पुलिस स्टेशन पर भी संपर्क किया. यहां सब इंस्पेक्टर परवेज हसन ने बताया, "हमें ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है. हमारे पास ऐसी कोई गुमशुदगी की डायरी दर्ज नहीं की गई है."
(श्रीजित दास से मिले अतिरिक्त इनपुट के साथ)