अमेरिकी संस्था के राम मंदिर को सिंहासन दान किए जाने का दावा गलत है
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो मार्च 2023 का है, जब एनआरआई वासवी एसोसिएशन की तरफ से तेलंगाना के भद्राचलम में स्थित श्री रामचंद्र स्वामी मंदिर को स्वर्ण सिंहासन दान किए गए थे.



सोशल मीडिया पर सोने की कलाकृति का वीडियो इस दावे से वायरल है कि एक अमेरिकी संस्था ने यह 11 स्वर्ण वाहन और सिंहासन अयोध्या के राम मंदिर को भेंट किए हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो मार्च 2023 का है. एक अमेरिकी संस्था 'एनआरआई वासवी एसोसिएशन' ने तेलंगाना के भद्राचलम में स्थित 'श्री रामचंद्र स्वामी मंदिर' को यह 12 स्वर्ण वाहन दान किए गए थे.
फेसबुक पर एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'अयोध्या के श्री रामलला के लिए अमेरिका से 11 वाहन व एक सिंहासन शुद्ध सोने के बने हुए भेंट में आये हैं.'
एक्स पर भी कई यूजर्स ने इसी दावे से यह वीडियो शेयर किया है.
समाचार एजेंसी हिंदुस्तान समाचार और न्यूज आउटलेट टीवी9 भारतवर्ष ने भी इसी दावे के साथ यह वीडियो और फोटो शेयर किए थे.
यह भी पढ़ें : अमेरिका में सड़क पर व्यक्ति को गोली मारने का पुराना वीडियो सांप्रदायिक दावे से वायरल
फैक्ट चेक
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वायरल वीडियो को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया. हमें V6 News Telugu के यूट्यूब चैनल पर 21 मार्च 2023 की एक न्यूज रिपोर्ट मिली.
इस वीडियो का शीर्षक है (हिंदी अनुवादित) - 'एनआरआई वासवी एसोसिएशन ने भद्राचलम मंदिर में 12 स्वर्ण वाहन दान किए.'
इस न्यूज रिपोर्ट में वायरल वीडियो वाले दृश्य भी शामिल हैं. वायरल वीडियो और न्यूज वीडियो में दिखाए गए इन सिंहासन के दृश्यों के बीच तुलना देखिए.
हमने इसी से संकेत लेेते हुए तेलुगू कीवर्ड्स के साथ गूगल पर मीडिया रिपोर्ट सर्च कीं. हमें तेलुगू में कुछ न्यू़ज रिपोर्ट भी मिलीं, जिसमें इससे सम्बंधित खबर को देखा जा सकता है.
तेलुगू न्यूज चैनल ABN AndhraJyothy की वेबसाइट पर 01 मार्च 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया, 'भद्राचलम में सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर में नए स्वर्ण सिंहासन की प्रतिष्ठा महोत्सव का उद्घाटन गुरुवार को किया जाएगा.'
न्यूज18 तेलुगू पर 25 मार्च 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया कि भद्राचलम मंदिर में भगवान की तिरुवीधि सेवा के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सिंहासन को बदला जा रहा है. तीन शताब्दियों से स्वामी की तिरुविधि सेवा के लिए उपयोग किए जा रहे इन सिंहासनों की अक्सर मरम्मत की जाती रही है. वासवी एसोसिएशन ऑफ अमेरिका के सौजन्य से यह सिंहासन बदले जा रहे हैं.
'एनआरआई वासवी एसोसिएशन' की वेबसाइट में दी गई जानकारी के अनुसार, यह अमेरिका में स्थित एक गैर-लाभकारी, सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है जो वंचित लोगों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य पर काम करता है.
अधिक स्पष्टिकरण के लिए बूम ने एनआरआई वासवी एसोसिएशन से संपर्क किया. उन्होंने बताया, "यह सिंहासन अयोध्या में मंदिर के लिए दान नहीं किए गए थे, वायरल दावा गलत है. एनआरआई वासवी एसोसिएशन ने मार्च 2023 में तेलंगाना के भद्राचलम मंदिर में श्री राम परिवार को 12 स्वर्ण वाहन दान किए थे."
भगवान राम को समर्पित है भद्राचलम मंदिर
सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर जिसे भद्राचलम मंदिर भी कहते हैं, भगवान राम को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है. यह मंदिर तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडम जिले में गोदावरी नदी के बाएं किनारे पर बना है. जबकि अयोध्या में विवादित बाबरी ढांचे पर नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर का निर्माण किया गया, जो कि तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडम में बने सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर से अलग है.
यह भी पढ़ें : G20 के लिए भारत आए वैश्विक नेताओं का वीडियो अयोध्या से जोड़कर झूठे दावे के साथ वायरल