'रेल जिहाद' हेडिंग के साथ अमर उजाला अखबार की एडिटेड कटिंग वायरल
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल कटिंग जनवरी 2018 की है जिसमें मूल हेडिंग और सब हेड को एडिट किया गया है.
सोशल मीडिया पर हिंदी अखबार अमर उजाला की एक कटिंग सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल है. इसमें छपी खबर की हेडिंग है, 'रेल जिहाद: पटरी पर फिश प्लेट खोलते पकड़ा गया मुस्लिम युवक.' वायरल खबर मुरादनगर डेटलाइन से प्रकाशित की गई है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि अखबार की वायरल कटिंग एडिटेट है. वायरल कटिंग में अखबार की मूल हेंडिग और सब हेड के साथ छेड़छाड़ की गई है.
बता दें कि बीते कुछ समय में देश में कई रेल हादसे हुए हैं. 18 जुलाई 2024 को चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही एक एक्सप्रेस ट्रेन उत्तरप्रदेश के गोंडा के पास पटरी से उतर गई. इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई. उससे पहले 17 जून 2024 को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में कंचनजंगा एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से 10 लोगों की मौत हो गई थी.
पिछले साल जून में ओडिशा के बालासोर में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और कोरोमंडल एक्सप्रेस के टकराने से लगभग 300 लोगों की मौत हो गई थी.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर न्यूज पेपर की कटिंग को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'रेल हादसे, हादसे नहीं साजिश है जिहादियों की.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
इसी कटिंग को इसी दावे के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी एक वेरिफाइड यूजर ने शेयर किया. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
रेल हादसे-हादसे नहीं साज़िश है ज़िहादियों की ll 👇 pic.twitter.com/JljXTBnjii
— Prof. Sudhanshu Trivedi (@Sudanshutrivedi) July 21, 2024
फैक्ट चेक
बूम ने वायरल दावे की जांच के लिए न्यूजपेपर की वायरल कटिंग से मिली जानकारी से जुड़े कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया तो हमें हिंदी न्यूज वेबसाइट नई दुनिया की 20 जनवरी 2018 की एक रिपोर्ट मिली.
इस रिपोर्ट के मुताबिक गाजियाबाद के मुरादनगर रेलवे स्टेशन के समीप रेलवे ट्रैक से एक युवक फिश प्लेट खोल रहा था, जिसे तीन युवकों ने पकड़कर पीटा और फिर स्टेशन मास्टर को सौंप दिया.
रिपोर्ट के अनुसार, पकड़े गए युवक का नाम फुकरान अली था और वह बुलंदशहर का रहने वाला था. जब वह रेलवे ट्रैक से फिश प्लेट खोल रहा था, उसके कुछ देर बाद ही उसी ट्रैक पर देहरादून एक्सप्रेस आने वाली थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, मुरादपुर जीआरपी कृष्ण कुमार ने बताया कि आरोपी खुद को नशेड़ी बता रहा था और वह शराब खरीदने के लिए रेल पटरी से नट बोल्ट खोल रहा था.
इसके बाद हमने अमर उजाला के 20 जनवरी 2018 के गाजियाबाद संस्करण की पड़ताल की तो हमें इसमें प्रकाशित मूल खबर मिली.
जब हमने वायरल कटिंग और न्यूजपेपर में छपी खबर के बीच तुलना की तो हमने पाया कि वायरल कटिंग में सिर्फ असली न्यूज की हेडलाइन और सब हेड को एडिट कर चेंज कर दिया गया है. बाकी की पूरी खबर बिल्कुल एक जैसी है.
अमर उजाला ने अपनी खबर में हेडलाइन दी थी, 'किशोरों की सूझबूझ से बचा रेल हादसा'. साथ ही इस खबर का सब हेड था, 'बुलंदशहर के युवक ने फिश प्लेट खोलकर झाड़ियों में फेंकी, आरोपी हिरासत में.' न्यूजपेपर में छपी खबर में कहीं भी 'रेल जिहाद' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया था. इसके अलावा हेडिंग और सब हेड में आरोपी के नाम का भी शामिल नहीं था.