कर्नाटक में भगवा साड़ी पहनने पर महिला की गिरफ्तारी का दावा गलत है, जानें सच
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो में दिख रही महिला चामुंडी बेट्टा मार्च के तहत चामुंडेश्वरी मंदिर जा रही थी, पुलिस के द्वारा हिरासत में लिए जाने पर महिला रोने लगी.

एक महिला को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे से वायरल है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि मंदिर के पास अपने पति का इंतजार कर रही महिला को कर्नाटक पुलिस डिटेन करने का प्रयास करती है क्योंकि महिला ने भगवा रंग की साड़ी पहन रखी थी. वायरल वीडियो में महिला और पुलिस के बीच नोंक-झोंक को देखा जा सकता है. जब पुलिस महिला को डिटेन करती है तब महिला रोने लगती है.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो कर्नाटक के मैसूर में 9 सितंबर को "चामुंडी बेट्टा चलो" मार्च से जुड़ा है. पुलिस ने चामुंडी हिल जा रहे प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया था.
क्या है वायरल दावा :
फेसबुक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, 'माता चामुण्डा देवी मंदिर के बाहर एक भद्र महिला अपने पति की प्रतीक्षा कर रही है जो मंदिर से लौटकर आने वाले हैं, कर्नाटक पुलिस आती है उसे धक्के देते हुए पुलिस वैन में ले जाने लगती है. महिला रोने लगती है. उस सीधीसाधी भद्र महिला का अपराध भी जान लिजिए वह भगवा रंग की साड़ी पहने हुए थी. आर्काइव लिंक
एक्स पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. आर्काइव लिंक
पड़ताल में क्या मिला :
कर्नाटक में चामुंडी बेट्टा चलो मार्च का वीडियो
वायरल वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें News Arena India के एक्स अकाउंट पर 9 सितंबर को अपलोड किया गया वीडियो मिला. वीडियो में महिला और पुलिसकर्मी के बीच नोंक-झोंक को देखा जा सकता है. कैप्शन में बताया गया है कि वीडियो कर्नाटक के मैसूर में हिंदुत्व समर्थक कार्यकर्ताओं द्वारा "चामुंडी बेट्टा चलो" मार्च निकाले जाने का है.
वायरल वीडियो में TV9Kannada का वाटरमार्क भी है. हमें TV9Kannada के यूट्यूब चैनल को स्कैन करने पर वायरल वीडियो मिला. कैप्शन में दी गई जानकारी के अनुसार वीडियो 'चामुंडा चलो मार्च' से जुड़ा है. चामुंडा जा रही महिला को जब पुलिस ने रोका तब महिला रो पड़ी.
मार्च में जा रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया था
पीटीआई की 9 सितंबर 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक में मैसूर दशहरा महोत्सव का उद्घाटन बुकर पुरस्कार विजेता भारतीय लेखिका बानू मुश्ताक के द्वारा कराए जाने का निर्णय लिया गया था. भाजपा के नेताओं ने बानू मुश्ताक को कार्यक्रम में बुलाए जाने के निर्णय का विरोध किया था. बीजेपी और हिंदुत्व समर्थक लोगों ने सरकार के निर्णय का विरोध करते हुए "चामुंडी बेट्टा चलो" मार्च का आह्वान किया था. कर्नाटक पुलिस ने इस मार्च में शामिल लोगों को रोकते हुए हिरासत में ले लिया था.




