यूपी सरकार की आलोचना करते सिपाही का 6 साल पुराना वीडियो वायरल
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो साल 2019 का है. तब उत्तर प्रदेश के इटावा में मुनेश यादव नाम का एक सिपाही समाजवादी पार्टी की टोपी पहनकर यूपी सरकार को बर्खास्त करने की मांग के साथ डीएम कार्यालय पहुंच गया था.

सोशल मीडिया पर पुलिस की वर्दी में एक सिपाही का यूपी सरकार की आलोचना करता हुआ पुराना वीडियो हालिया बताकर वायरल है. वीडियो में एक वर्दीधारी समाजवादी पार्टी की टोपी पहने देश में हो रहे अन्याय का हवाला देते हुए सरकार को बर्खास्त करने की मांग करता नजर आ रहा है.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि यह वीडियो साल 2019 का है. उस समय उत्तर प्रदेश के इटावा में मुनेश यादव नाम का एक सिपाही समाजवादी पार्टी की टोपी पहनकर डीएम कार्यालय पहुंच गया था और यूपी सरकार को बर्खास्त करने की मांग की थी. हालांकि इस घटना के बाद उसे अनुशासनहीनता के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया था.
क्या है वायरल
एक्स और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह वीडियो बड़े पैमाने पर वायरल है. करीब 47 सेकंड के इस वायरल वीडियो में लाल टोपी पहने एक वर्दीधारी कहता है कि 'देश का पूरा खजाना लूटा जा रहा है. लूट, हत्याएं व बलात्कार जैसी घटनाएं हो रही हैं. इसलिए हम मांग करते हैं कि सरकार को बर्खास्त किया जाए नहीं तो हम सड़कों पर आंदोलन करेंगे.' आगे वह वर्दी में किसी पार्टी विशेष की टोपी लगाने के सवाल पर कहता है कि हमें भी बर्खास्त कर दिया जाए.
एक्स (आर्काइव लिंक) और फेसबुक (आर्काइव लिंक) पर सपा समर्थक यूजर इस पुराने वीडियो को हाल के दिनों में शेयर करते हुए लिख रहे हैं, 'यूपी पुलिस की वर्दी में लाल टोपी पहने व्यक्ति साफ-साफ कह रहा है भ्रष्टाचारी सरकार है. नौकरी की परवाह बाद में. समाजवादी कहीं भी होंगे जनता के लिए लड़ने में पीछे नहीं हटेंगे.'
पड़ताल में क्या मिला
1. वीडियो साल 2019 का है
संबंधित कीवर्ड सर्च करने पर हमें इस घटना से जुड़ी साल 2019 की कई न्यूज रिपोर्ट मिलीं, जिनमें वायरल वीडियो वाले सिपाही की वही तस्वीर मौजूद थी. जनसत्ता की 15 जून 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक मामला उत्तर प्रदेश के इटावा का है, जहां मनीष कुमार नाम का एक सिपाही पुलिस की वर्दी में समाजवादी पार्टी की टोपी पहनकर जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय पहुंचा और सरकार को बर्खास्त करने की मांग करने लगा.
उसने गले में 'उत्तर प्रदेश सरकार को बर्खास्त करो' की तख्ती पहनी हुई थी, हालांकि उसे जिला मजिस्ट्रेट से मिलने से पहले ही रोक लिया गया था. बकौल मनीष यादव तब वह नोएडा पीएसी बटालियन में तैनात था.
2. सिपाही को किया गया था बर्खास्त
अमर उजाला और नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट में बताया कि 14 जून को इटावा कचहरी में उस समय हड़कंप मच गया जब एक सिपाही प्रदेश सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन देने के लिए डीएम कार्यालय पहुंच गया. इस घटना के बाद तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह ने उसे अनुशासनहीनता के आरोप में बर्खास्त कर दिया था.
न्यूज 18 और द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार जिलाधिकारी को इस घटना की जानकारी नहीं थी. उन्हें कुछ मीडियाकर्मियों से पता चला था कि पीएसी जवान कलेक्ट्रेट में सपा की टोपी लगाए घूम रहा था लेकिन वह उनसे मिला नहीं था. हालांकि ज्यादातर रिपोर्ट में सिपाही का नाम मुनेश यादव बताया गया है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सिपाही की बर्खास्तगी की जिलास्तर पर किसी भी अधिकारी द्वारा पुष्टि नहीं की गई थी.
एबीपी न्यूज के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी 14 जून 2019 को अपलोड किया यह वीडियो देखा जा सकता है. इस साफ है कि 6 साल पुराने वीडियो को हाल के परिदृश्यों में भ्रामक तरीके से शयर किया जा रहा है.



