नितिन गडकरी का 14 साल पुराना वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो 15 अगस्त 2011 का है. वीडियो में वह कांग्रेस पार्टी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना कर रहे हैं.

सोशल मीडिया पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का पुराना वीडियो वायरल है जिसमें वह प्रधानमंत्री की आलोचना करते नजर आ रहे हैं.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो अगस्त 2011 के भ्रष्टाचार विरोधी अन्ना हजारे आंदोलन से जुड़ा है और गडकरी तत्कालीन यूपीए सरकार पर निशाना साध रहे थे.
वायरल वीडियो में गडकरी कह रहे हैं, 'प्रधानमंत्री जो कह रहे हैं वह लोकतंत्र के विरोध में है. इस देश में भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ, सरकारों के खिलाफ आंदोलन करना लोकतंत्र में संवैधानिक अधिकार है, जनता का अधिकार है, विपक्ष का अधिकार है...शांतिपूर्ण तरीके से लोगों को आंदोलन नहीं करना चाहिए, यह बात प्रधानमंत्री किस आधार पर कह रहे हैं..."
क्या है वायरल दावा :
नितिन गडकरी के पुराने वीडियो को हालिया राजनीतिक परिदृश्य में शेयर किया जा रहा है.
फेसबुक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, 'नितिन गडकरी जी आपके जज्बे को सलाम, आपने सच बोलने की जो हिम्मत दिखाई'. आर्काइव लिंक
एक्स पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. आर्काइव लिंक
पड़ताल में क्या मिला :
अगस्त 2011 का वीडियो
वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें भारतीय जनता पार्टी के यूट्यूब चैनल पर हमें 16 अगस्त 2011 को अपलोड किया गया पूरा वीडियो मिला.
वीडियो साल 2011 के अन्ना हजारे आंदोलन से जुड़ा है. अन्ना हजारे ने लोकपाल कानून की मांग को लेकर 2011 में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन किया था. उस समय केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए-2 गठबंधन की सरकार थी.
तत्कालीन यूपीए-2 सरकार और पीएम मनमोहन सिंह की आलोचना की थी
वीडियो में नितिन गडकरी भाजपा की तरफ से पक्ष रखते हुए अन्ना आंदोलन के समर्थन के प्रति अपनी बात रख रहे हैं. वह प्रदर्शन के अधिकार को संवैधानिक अधिकार बताते हुए तत्कालीन यूपीए सरकार और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना कर रहे हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, लोकपाल कानून की मांग को लेकर इंडिया अगेंस्ट करप्शन संस्था ने दिल्ली पुलिस से नई दिल्ली में एक महीने का उपवास रखने की अनुमति मांगी थी. दिल्ली पुलिस ने फिरोजशाह कोटला मैदान के पास जयप्रकाश नारायण पार्क में विरोध प्रदर्शन की सशर्त अनुमति दी थी, जिसमें एक शर्त यह भी थी कि विरोध उपवास तीन दिन का ही होगा.
आयोजकों ने दिल्ली पुलिस की 6 शर्तों को मानने से इनकार कर दिया था. दिल्ली पुलिस ने जयप्रकाश नारायण पार्क में और उसके आस-पास धारा 144 लगा दी थी. इस फैसले के खिलाफ सरकार और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना की गई थी. नितिन गडकरी का वायरल वीडियो इसी घटनाक्रम से जुड़ा है.




