क्या 'अल्लाह-हू-अकबर' सुन कर परेशान हुए अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप? वीडियो झूठा है
बूम ने पाया कि वीडियो क्लिप में 'अल्लाह-हू-अकबर' की आवाज जोड़ी गयी है
ओहायो में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की रैली में एक सुरक्षा उल्लंघन का दो साल पुराना वीडियो सोशल मीडिया ग़लत दावे के साथ फैलाया जा रहा है। ख़राब रोशनी में इस्लाम दिखाने के उदेश्य से वीडियो को एडिट कर कैप्शन दिया गया है। वायरल वीडियो में 'अल्लाह-हू-अकबर' का ऑडियो-ट्रैक जोड़ा गया है। 40 सेकंड लंबे वायरल क्लिप में अमेरिकी राष्ट्रपति को बोलते देखा जा सकता है, जब पीछे से बैकग्राउंड में ’अल्लाह हू अकबर’ की आवाज सुनाई देती है। इसके बाद ट्रंप चौंक जाते हैं और सुरक्षाकर्मी तुरंत उसके चारों ओर एक दीवार बनाते हैं। बाद में क्लिप में, ट्रम्प को अपना भाषण फ़िर से शुरू करते हुए दिखाया गया है। वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया है, ‘अल्लाह-हू-अकबर नारे का खौफ़ देखो.. ट्रंप भाषण दे रहे थे किसी ने पीछे धीरे से बोला “अल्लाह हू अकबर” उसके बाद क्या हुआ.. आप देखिए।’
वायरल पोस्ट को यहां देखा जा सकता है और इसके अर्काइव वर्शन तक यहां पहुंचा जा सकता है।
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल क्लिप को तोड़ा और मूल वीडियो का पता लगाने के लिए रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें 12 मार्च, 2016 को सीएनएन द्वारा प्रकाशित यही वीडियो मिला।
मूल वीडियो में अल्लाह-हू-अकबर की आवाज नहीं है और मूल वीडियो में ऑडियो को जोड़ा गया है।
बूम ने 2016 में हुई सुरक्षा उल्लंघन की घटना से संबंधित कई रिपोर्टें भी पाईं। एनबीसी समाचार ने अपनी रिपोर्ट में, उस व्यक्ति की पहचान थॉमस डिमासिमो के रूप में की थी जिसने डेटन (ओहियो) में ट्रम्प के सुरक्षा कवर को तोड़ने का प्रयास किया था।
घटना के बारे में और यहां, यहां पढ़ें।
बूम ने इसी घटना के अन्य वीडियो भी पाए जिसे अलग-अलग कोणों से शूट किए और जो सुरक्षा उल्लंघन को अधिक स्पष्ट रूप से दर्शाता है। हालांकि, जिन भी वीडियो या रिपोर्ट तक बूम पहुंचा, उनमें से किसी में भी अल्लाह-हू-अकबर के बारे में उल्लेख नहीं है, जैसा कि वायरल पोस्ट द्वारा दावा किया गया है।