ममता बैनर्जी का तेरह साल पुराना वीडियो हुआ गलत सन्दर्भ में वायरल
वायरल वीडियो में दावा किया गया है की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने मीटिंग में अपने मंत्रियों और विधायकों को वंदे मातरम बोलने से मना किया
![mamata banerjee viral video](https://hindi.boomlive.in/wp-content/uploads/sites/2/2019/04/mamta-angry.jpg)
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी से जुड़ी एक फ़ेक ख़बर सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हो रही है | वायरल पोस्ट के साथ दावा किया गया है की ' मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने मीटिंग में अपने मिनिस्टर और विधायक को वंदे मातरम बोलने से मना किया'' |
आपको बता दे की असल वीडियो करीब तेरह वर्ष पुराना है और इसका वन्दे मातरम गाने से कोई सम्बन्ध नहीं है |
![](https://hindi.boomlive.in/wp-content/uploads/sites/2/2019/04/mamta-banerjee.jpg)
यह वीडियो फ़ेसबुक के कई प्रोफ़ाइल्स से वायरल हो रहा है और लगभग सारे पोस्ट्स पर इसी तरह के कैप्शंस हैं | पोस्ट का आर्काइव्ड वर्शन यहां देखें |
![viral mamata banerjee](https://hindi.boomlive.in/wp-content/uploads/sites/2/2019/04/fbviral.jpg)
![viral on facebook](https://hindi.boomlive.in/wp-content/uploads/sites/2/2019/04/fbviral1.jpg)
फैक्ट चेक
बूम ने पता लगाया की असल वीडियो दरअसल वर्ष 2006 से है | ये वो समय था जब टाटा मोटर्स-सिंगुर मुद्दे पर ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन चल रहे थे | घटना नवंबर 30, 2006 की है जब प्रोहिबिटरी ऑर्डर्स की अवहेलना कर के सिंगुर आने के लिए पुलिस ने बैनर्जी को गिरफ़्तार किया था |
पुलिस के इस कार्यवाही के विरोध में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल विधान सभा के लॉबी में जम कर उत्पात मचाया था | इस सब के दौरान ममता बनर्जी ने भी विधान सभा में प्रवेश किया | वीडियो में उन्हें हवा में कागज़ लहराते और कुछ चिल्लाते देखा जा सकता है |
इससे पहले भी ये वीडियो व्हाट्सप्प पर फ़ैलाया जा चूका है |
![spread on whatsapp](https://hindi.boomlive.in/wp-content/uploads/sites/2/2019/04/whatsapp.jpg)
वर्ष 2006 में छपे डेली न्यूज़ एंड एनालिसिस की इस रिपोर्ट में भी इस घटना के बारे में विस्तार से लिखा गया था |
![dna report on singur](https://hindi.boomlive.in/wp-content/uploads/sites/2/2019/04/dna-mamata.jpg)
क्या था सिंगुर मसला ?
रतन टाटा के ड्रीम प्रोजेक्ट 'नैनो' कार और सिंगुर का नाता पुराना है | नैनो का निर्माण पहले पश्चिम बंगाल में ही होना था | तब बंगाल में शासन था कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (एम) का | हालांकि बाद में किसानो के विरोध प्रदर्शन की वजह से इस प्रोजेक्ट को गुजरात ले जाना पड़ा था |
द हिन्दू में छपे एक ख़बर के मुताबिक इस घटना में लेफ्ट फ्रंट के छः विधायक, असेंबली के दो स्टाफ और दो पत्रकार घायल हुए थे |
इसी फ़ेक ख़बर की पोल जुलाई 2017 में आज तक न्यूज़ चैनल ने भी खोली थी |