क्या अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की पत्नी ने रामायण उठाई? फ़ैक्ट चेक
अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का निर्माण जारी है और यह बात इस दावे को ख़ारिज करती है
आध्यात्मिक नेता, मोरारी बापू को दिखाते हुए, 2016 का एक पुराना वीडियो फ़ेसबुक पर ग़लत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है । दावा किया जा रहा है कि अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की पत्नी, अपने सिर पर रामायण रख कर, देश में पहले हिंदू मंदिर तक गई ।
55 सेकंड की क्लिप में अंदर एक धार्मिक जुलूस दिखाया गया है, जहां एक महिला अपने सिर पर पवित्र किताब रख कर ले जा रही है ।
वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया है, “सुल्तान शेख मोहम्मद ने अबू धाबी में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से अपने वादे के अनुसार पहला हिंदू मंदिर बनवाया । सुल्तान की पत्नी बेग़म सिर पर पवित्र रामायण की प्रति लेकर मंदिर की ओर जा रही हैं, और साथ में सुल्तान शेख मोहम्मद, राम कथा वाचक मोरारी बापू भी दिखाई दे रहे हैं । सच में अद्भुत दृश्य । यह एक दुर्लभ चित्र है।”
आप वीडियो यहां देख सकते हैं और अर्काइव वर्शन तक यहां पहुंचा जा सकता है । वीडियो ट्वीटर और फ़ेसबुक पर वायरल है ।
फ़ैक्ट चेक
वायरल वीडियो के साथ दिया गया दावा ही इसके झूठ होने का संकेत देता है । जबकि वीडियो में दावा किया गया है कि सुल्तान की पत्नी रामायण की प्रति पहले हिंदू मंदिर में ले जा रही है, यह बताना महत्वपूर्ण है कि अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का निर्माण होना बाकी है ।
बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर या बीएपीएस हिंदू मंदिर की आधारशिला 20 अप्रैल, 2019 को रखी गई थी और इसका निर्माण अभी भी जारी है।
इसके अलावा, मंदिर की आधारशिला बीएपीएस स्वामीनाथन संस्थान के आध्यात्मिक नेता स्वामी महाराज ने रखी थी, न कि मोरारी बापू ने । 20 अप्रैल को हिंदू मंदिर के शिलान्यास समारोह से वीडियो नीचे दिया गया है ।
कहां से है यह वीडियो?
2018 में बूम ने एक फैक्टचेक किया था, जहां बताया था कि कई मुख्यधारा के भारतीय न्यूज संसथानों ने ग़लत जानकारी दी थी कि अबू धाबी के क्राउन प्रिंस ने अपने भाषण की शुरुआत “जय श्री राम” बोल कर की थी । इसके बारे यहां और पढ़ें ।
उस वीडियो में दिखाई देने वाला शख्स सुल्तान सूद अल कासेमी था – संयुक्त अरब अमीरात स्थित एक स्तंभकार और अरब मामलों पर एक टिप्पणीकार हैं ।
वायरल वीडियो में मोरारी बापू के साथ सुल्तान सूद अल कासमी को भी देखा जा सकता है ।
हमने तब मूल वीडियो के लिए मोरारी बापू के यूट्यूब पेज पर ‘रामकथा अबू धाबी 2016’ कीवर्ड के साथ खोज की और वीडियो का पूरा वर्शन पाया । इससे स्पष्ट होता है कि वीडियो तीन साल पुराना है, न कि हिंदू मंदिर के आधारशिला समारोह से है ।
रामायण उठाने वाली महिला कौन है?
2018 में, एबीपी न्यूज ने अपने फ़ैक्ट चेकिंग शो, वायरल सच में पाया कि रामायण सिर पर उठाने वाली महिला राम कथा के आयोजक की बेटी थी ।