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एक्सप्लेनर्स

क्या मुस्लिम समुदाय ने राम मंदिर बनाने के लिए जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया ?

कुछ हिंदी समाचार पत्रों के हेडलाइंस के मुताबिक मुस्लिमों ने जंतर मंतर पर धरना देकर उठायी मंदिर बनाने की मांग | ये दरअसल मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित प्रदर्शन था | एम्.आर.एम् संघ से ताल्लुक रखता है

By - Sumit |
Published -  18 Dec 2018 8:04 PM IST
  • भ्रामक हेडलाइन के साथ प्रकाशित एक न्यूज़पेपर रिपोर्ट सोशल मीडिया पर ज़ोरो से वायरल हो रही है | कई फ़ेसबुक पेजों और ट्विटर हैंडल्स से शेयर किये गए इस रिपोर्ट की हैडलाइन है: राममंदिर बनाने को लेकर दिल्ली में जुटे मुस्लिम, जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन | इस रिपोर्ट को एक पोस्ट की तरह अलग-अलग पेजों से अलग-अलग संदेशों के साथ शेयर किया गया है | मसलन, Harshal Kasture नामक फ़ेसबुक प्रोफाइल से ये पोस्ट DR. SAMBIT PATRA FANS CLUB पर इस सन्देश के साथ शेयर किया गया है: अब तो मंदिर बनकर रहेगा
    | वैसे ही सेवक सुमित सराफ नामक फ़ेसबुक प्रोफाइल से पोस्ट I Support R.S.S में अपने 100 मित्रों को जोड़ें नामक पेज पर इस सन्देश के साथ शेयर किया गया है: राममंदिर बनाने को लेकर दिल्ली में जुटे मुस्लिम, जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन | जबकि यह रिपोर्ट गलत नहीं है, पर इसकी हैडलाइन भ्रामक है | और तो और रिपोर्ट में एक महत्वपूर्ण तथ्य का कोई उल्लेख नहीं किया गया है |

    क्या है वो महत्वपूर्ण तथ्य

    रिपोर्ट में ये तो लिखा है की जंतर मंतर पर यह विरोध प्रदर्शन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (ऍम.आर.ऍम) के अगुआई में आयोजित किया गया था, पर कहीं भी इस बात की कोई ज़िक्र नहीं की ऍम.आर.ऍम का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से कोई ताल्लुक है | आपको बता दें की ऍम.आर.ऍम. दरअसल आर.एस.एस.के सिद्धांतों पर चलता है और संघ के कई प्रचारक इस संस्था के मार्गदर्शक हैं | यहां तक की एम्.आर.एम् ने अपने ऑफिशियल वेबसाइट पर भी इंद्रेश कुमार का, जो संघ के सदस्य हैं, ज़िक्र मार्गदर्शक के तौर पर किया है | दरअसल एम्.आर.एम् की नीवं ही संघ प्रचारक के.एस. सुदर्शन के पहल पर वर्ष 2002 में रखी गयी थी | जबकि एम्.आर.एम् एक विचारधारा को दर्शाता है, ये कहना की वो पुरे मुस्लिम समुदाय के विचारधारा को प्रस्तुत करता है सरासर गलत होगा | इस लिहाज़ से यह हेडलाइन भ्रामक नज़र आती है |

    पड़ताल

    जब बूम ने रिवर्स इमेज सर्च के मदद से इस पोस्ट के बारे में पता लगाने की कोशिश की तो हमें कोई सफलता नहीं मिली | हालांकि कुछ कीवर्ड्स के सहारे जब हमने ट्विटर पर कोशिश की तो इस ख़बर से संबंद्धित कई पोस्ट्स मिले |

    मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्रारा श्री राम मंदिर के जल्दी निर्माण हेतु दिनांक 16 दिसंबर को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन pic.twitter.com/OCVFniA4FA

    — पवनअग्रवालबाबा स्वयंसेवक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (@6sTXuQm550Kpzps) December 17, 2018

    *दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर जय भारत मंच एंव मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के तत्वावधान में धर्मं सभा का आयोजन किया गया । जिसमें मुख्य रूप से माननीय श्री इंद्रेश कुमार जी ज.भा.मं. एंव मु.रा.मं. के संरक्षक व जय भारत मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमान् गिरिश जुआल जी का सानिध्य प्राप्त हुआ। pic.twitter.com/eCFg5cYI9c

    — Sudhanshu Seth Gandhi (@sudhanshunagraj) December 17, 2018

    भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर जंतर-मंतर पर जुटे मुस्लिम समुदाय के लोग! कर डाली ये बड़ी मांग… https://t.co/IsQyhasOXx pic.twitter.com/FSdygUV7Sf

    — RN times (@RNTimesOfficial) December 17, 2018

    #अयोध्या राममंदिर बनाने की मांग लेकर देशभर से जुटे मुस्लिम बंधु,जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन।उन्होंने कहा कि राममंदिर को तोड़कर वहाँ पर मस्जिद का निर्माण किया गया था। इस कारण वह इस्लाम के अनुसार पूजास्थल नहीं था। इसलिए उस पर सियासत गलतhttps://t.co/1HXEOnaanV#NationWantsRamMandir pic.twitter.com/yIRcYG5hYn

    — प्रशान्त सोनी (@PrashantSoniCG) December 17, 2018
    लगभग सभी पोस्ट्स में यही कहा गया है की मुस्लिम समुदाय ने जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्श करके राम मंदिर बनाने की मांग की है | कहीं भी आर.एस.एस. का ज़िक्र नहीं है | हमने एम्.आर.एम्. के नेशनल कन्वेनर मोहम्मद अफ़ज़ल से इस सिलसिले में बात की तो उन्होंने रिपोर्ट में लिखी बाते दोहरा दी | उन्होंने यह भी कहा: "पच्चीस (25) राज्यों से लगभग एक हज़ार मुस्लिम्स इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंचे थे | वक्त आ गया है की इस देश में अमन कायम हो | भारत के मुस्लमान भी इसमें भरोसा करते हैं और इसीलिए वो चाहते हैं वहाँ पर राम मंदिर का निर्माण हो | भारतीय मुस्लमान राम लल्ला के करीब हैं ना की बाबर के
    |" जब हमने अफ़ज़ल से पूछा की क्या एम्.आर.एम्. संघ का ऑफिशियल हिस्सा है तो उन्होंने कहा: "अगर आप ऐसा कहना चाहते हैं तो बेशक कहिये | हमें कोई ऐतराज़ नहीं है | जब हमने इंद्रेश कुमार, जिन्हें एम्.आर.एम्. का मार्गदर्शक बताया जाता है, से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने ने हमारे फ़ोन कॉल का उत्तर नहीं दिया | हालांकि इसी रिपोर्ट को द ट्रिब्यून समाचार पत्रिका ने सरल हेडलाइन के साथ दिसंबर सोलह (16) को प्रकाशित किया था | पूरी ख़बर यहां पढ़ें |

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    FAKE NEWSFeaturedmosqueMuslimsRAM MANDIRram templeViral
    Read Full Article
    Claim :   Muslims demand ram temple in ayodhya
    Claimed By :  Facebook
    Fact Check :  Misleading
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