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क्या एयर इंडिया ने पूर्व रक्षा मंत्री की पत्नी से 28 करोड़ रुपये की पेंटिंग खरीदी?

आर.टी.आई का जवाब पत्रकार अभिजीत मजूमदार के दावे का समर्थन नहीं करता क्योंकि एयर इंडिया ने आठ पेंटिंग के लिए ए के एंटनी की पत्नी को 28 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।

By - Karen Rebelo |
Published -  13 Nov 2018 2:41 PM IST
  • क्या बीमार राष्ट्रीय हवाई जहाज कंपनी, एयर इंडिया ने 2011 में पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी की पत्नी एलिजाबेथ एंटनी को 28 करोड़ रुपये का भुगतान किया था? एशियानेट न्यूज नेटवर्क के अंतर्गत आनेवाले डिजिटल समाचार वेबसाइट, MyNation.com के संपादक अभिजीत मजूमदार ने 14 अगस्त को ट्वीट किया था कि 2011 में एयर इंडिया ने एलिजाबेथ एंटनी से 28 करोड़ रुपये के लिए 8 पेंटिंग खरीदी थीं।


    In 2011, a bankrupt Air India reportedly bought 8 paintings of a certain artist named Elizabeth Antony.
    The price: Rs 28 crore.
    Who is Elizabeth? Wife of AK Antony aka Saint Antony, arguably Congress and UPA's cleanest and most incorruptible leader.#nostalgia

    — Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) August 13, 2018


    इस कहानी को लिखने के समय उनके ट्वीट को 4000 से अधिक लाइक प्राप्त हुए थे और 3,400 से अधिक बार रीट्वीट किया गया था। इस ट्वीट को करीब 150 जवाब भी मिले थे, जिनमें से कई ने इसे झूठा बताया। कई ट्वीटर उपयोगकर्ताओं ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) का उत्तर उल्लेखित कर एक समाचार लेख का हवाला दिया और इस दावे का खंडन किया।


    https://t.co/v0moPCcnEi
    subsequent RTI revealed that TWO (not eight) paintings were bought for 2.5 LAKHS (not 28 crores) by Airports Authority of India (not Air India) which is far from bankrupt. You are circulating old and fake news

    — Ratan Malli (@RatanMalli) August 14, 2018


    मुद्दा, जिसने छह साल पहले हलचल मचाई थी, जुलाई के आखिर में कुछ ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने उसे फिर से जगा दिया।

    AK Antony forced Air India to buy his wife Elizabeth's 8 bullshit painting for Rs 28 crore the paintings should be dumped in his house and ask for a refund — Chayan Chatterjee (@Satyanewshi) इंडिया टुडे ग्रुप के पूर्व नियोक्ता, अभिजीत मजूमदार ही थे जिन्होंने पहली बार बताया था कि एलिजाबेथ एंटनी ने एयर इंडिया और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) को अपनी पेंटिंग्स बेची है। यह जानकारी दो अलग-अलग कहानियों के माध्यम से दी गई थी, एक कहानी 2011 में इंडिया टूडे द्वारा प्रकाशित की गई थी और दूसरी 2012 में मेल टूडे ने प्रकाशित की थी। एक सेवानिवृत्त पूर्व बैंकिंग पेशेवर एलिजाबेथ एंटनी ने अपने एनजीओ, नवुथन चैरिटेबल फाउंडेशन के लिए धन जुटाने के लिए पेंटिंग का काम शुरु किया था। एलिजाबेथ का एनजीओ महिलाओं को कैंसर से पीड़ित परिवार के सदस्यों की देखभाल करने में मदद करता है। उनके पति ए के एंटनी ने 2006 से 2014 तक रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। दिसंबर 2011 में इंडिया टुडे ने अपनी कहानी, 'Bankrupt Air India buys canvases painted by AK Antony's wife' में बताया कि एयर इंडिया ने तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 के लिए एलिजाबेथ एंटनी से दो लैंडस्केप पेंटिंग खरीदी हैं। 3 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित कहानी ने सूचना के स्रोत का हवाला नहीं दिया। (संग्रहीत संस्करण देखने के लिए यहां क्लिक करें) जून 2012 में, मेल टुडे ने बताया कि भारतीय हवाईअड्डे प्राधिकरण ने एलिजाबेथ एंटनी से आठ पेंटिंग खरीदी है और उसके लिए किया गया भुगतान अज्ञात है। लेख ने सूत्रों का हवाला दिया और दावा किया कि पेंटिंग 28 करोड़ रुपए में खरीदी गई है। मेल टुडे की कहानी को अब ऑनलाइन नहीं देखा जा सकता क्योंकि 13 अगस्त, 2018 के बाद उसे निकाल दिया गया है । बूम इस कहानी के एक कैश संस्करण को पुनः प्राप्त करने में सक्षम रहा था। (Rs 28 cr for paintings made by Defence Minister's wife! Now that's a stroke of genius) बूम ने जब एयर इंडिया के एक प्रवक्ता और भारतीय हवाईअड्डे प्राधिकरण के अध्यक्ष से संपर्क किया तो उन्होंने टिप्पणी करने स इंकार कर दिया। इस कहानी के प्रकाशित होने तक इंडिया टुडे और मेल टुडे को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला था। बूम ने एलिजाबेथ एंटनी से भी संपर्क किया जो इस बात को लेकर हैरान था कि इस मुद्दे को फिर से उठाया गया है। एंटनी ने बूम को बताया, "अफवाहें शुरू होने पर मेरी टीम के सदस्यों में से एक ने आर.टी.आई दायर की थी। आर.टी.आई का जवाब भारत के हवाईअड्डे प्राधिकरण ने दिया था, जिन्होंने अपने उत्तर में पेंटिंग की लागत का भी उल्लेख किया था। " जब उनसे पूछा गया कि क्या एयर इंडिया ने भी उनसे कोई पेंटिंग खरीदी है, तो उसने इनकार कर दिया। उन्होंने बताया,"एयर इंडिया ने मुझसे कभी कुछ नहीं खरीदा है। एक ब्रोशर भी नहीं। " एंटनी ने आगे कहा कि आठ पेंटिंग खरीदने की कहानी उन्हें बदनाम करने के लिए फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा, "यही कारण है कि हमने आर.टी.आई दायर की ताकि विवरण सार्वजनिक डोमेन में हो। मेरे पास और कोई स्पष्टीकरण नहीं है। " 2016 में एलिजाबेथ एंटनी के कर्मचारियों द्वारा प्रबंधित एक फेसबुक पेज ने सर्वोच्च न्यायालय के वकील एमएस विष्णु शंकर द्वारा उठाए गए आर.टी.आई प्रश्न के लिए भारत के हवाईअड्डे प्राधिकरण से एक जवाब पोस्ट किया था। एंटनी ने 2012 में आरोपों को खारिज कर दिया था। त्रिवेन्द्रम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 4 जुलाई 2016 के आरटीआई जवाब में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल इमारत के प्रस्थान और आगमन लाउंज में प्रदर्शित करने के लिए एंटनी के नवुथन चैरिटेबल फाउंडेशन से दो पेंटिंग खरीदी गई थी। प्रत्येक पेंटिंग की लागत 1.25 लाख रुपये थी। आर.टी.आई प्रतिक्रिया की रिपोर्ट 19 अगस्त, 2016 को डेक्कन क्रोनिकल ने अपनी कहानी RTI clean chit to A K Antony's wife में प्रकाशित की थी । चूंकि सरकार ऋण से भरे एयरलाइन के लिए एक खरीदार की तलाश में है, एयर इंडिया के कला संग्रह ने पिछले कुछ वर्षों में कला के कार्यों का चयन, व्यवस्थित और देखभाल किया है ताकि एक साफ राशि मिल सके। लेकिन कलाकृतियों की उपेक्षा, अधिकारियों को उनके घरों में प्रदर्शित होने के लिए पेंटिंग देना और भूल जाना, और सावधानीपूर्वक रिकॉर्ड की अनुपस्थिति एक आधुनिक कला संग्रह के रूप में इसका मूल्य रख पाना मुश्किल हो जाता है।

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