भारतीय रेल के विस्टाडोम कोच: बातें जो आपको जानना ज़रूरी
रविवार यानी 17 जनवरी, 2021, को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाई. यह रेलगाड़ियां देश के अलग-अलग हिस्सों से गुजरात के केवडिया की ओर चलेंगी
रविवार यानी 17 जनवरी, 2021, को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ विस्टाडोम कोच वाली रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाई. यह रेलगाड़ियां देश के अलग-अलग हिस्सों से गुजरात के केवडिया की ओर चलेंगी. इस जगह पर स्टेचू ऑफ़ यूनिटी स्थित है.
इन रेलगाड़ियों की ख़ास बात है कि इनमें 'विस्टाडोम' बोगियां होंगी. यह बोगियां पिछले कुछ हफ़्तों से चर्चा में हैं.
क्या होते हैं विस्टाडोम कोच?
विस्टाडोम कोच का मतलब है 'सुन्दर दृश्य' (Vista) वाली छत (Dome) वाले कोच. इन रेलगाड़ियों में चूँकि छत पारदर्शी होंगी और बाहर के दृश्य देखे जा सकेंगे, इन्हें विस्टाडोम कोच कहा जा रहा है. इन बोगियों को मुख्य रूप से पर्यटन स्थलों पर चलने वाली रेलगाड़ियों में लगाया जाएगा. हालांकि फिलहाल 8 रेलगाड़ियां ही चलाई जानी हैं जिसमें यह डब्बे होंगे.
कहाँ बनाए गए हैं?
यह स्टेट-ऑफ़-द-आर्ट डब्बे इंडियन रेलवेज़ द्वारा चेन्नई में स्थित इंटीग्रल कोच फ़ैक्टरी में बनाए गए हैं. यात्रियों को चारों तरफ़ का नज़ारा भी देखने को मिलेगा क्योंकि कोच में 180 डिग्री घूम सकते वाली रेक्लाइनर सीटें होंगी.
क्या सुविधाएं होंगी?
गंतव्य के लिए एल.इ.डी डिस्प्ले, सीसीटीवी और आटोमेटिक गेट के अलावा इन बोगियों में एक ऑब्ज़र्वेशन लाउन्ज होगा जहाँ यात्री खड़े होकर बाहर का दृश्य देख सकेंगे.
इन डब्बों में छत शीशे की होगी तो यात्री ऊपर भी नज़ारा देख सकेंगे. इसके अलावा खिड़कियां लम्बी लम्बी होंगी जिससे बिना रुकावट पैनारोमिक दृश्य देखा जा सकेगा. दृष्टिहीन लोगों के लिए सीट नंबर ब्रेल लिपि में लिखा होगा. फ्लाइट की ही तरह जीपीएस से चलने वाली पब्लिक-एड्रेस-कम-पैसेंजर इनफार्मेशन सिस्टम होगा. इसके अलावा 'कंटेंट ऑन डिमांड' सुविधा भी होगी. यात्री अपने मोबाइल, लैपटॉप, टेबलेट पर वाई-फ़ाई के इस्तेमाल से कंटेंट देख सकेंगे.