द ग्रेट कंजंक्शन: 400 साल बाद शनि और बृहस्पति आज सबसे नज़दीक
जानिए भारत में कब, कहाँ और कैसे देखी जा सकेगी यह खगोलीय घटना ।
अंतरिक्ष | पृथ्वी के परे फ़ैला आकाशगंगाओं से भरा अनंत ब्रह्माण्ड | इन करोड़ों आकाश गंगाओं में एक है 'मिल्की वे' आकाश गंगा | यह हमारी है | इस आकाश गंगा में भी लाखों सौर मंडलों में एक हमारा सौर मंडल है जिसमें एक सूर्य और 8 ग्रह हैं | इसमें आज वन्स इन अ लाइफटाइम यानि 'जीवन में एक बार' होने वाली घटना होने जा रही है |
अमेरिकी अंतरिक्ष रिसर्च एजेंसी, नासा के अनुसार, आज पिछले 400 सालों में जुपिटर और सैटर्न (बृहस्पति और शनि) एक दूसरे के सबसे करीब होंगे | आखिरी बार ये 1623 में इतने करीब थे | यह साल 2020 की भी आखिरी मुख्य खगोलीय घटना होगी | यह खगोलीय घटना भारत में आज रात देखी जा सकती है | दोनों ग्रह इतने नज़दीक होंगे कि खुले एवं साफ़ आसमान में नंगी आँखों से भी देखा जा सकेगा | जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के एक खगोलीय वैज्ञानिक डॉ जेम्स ओ'दोनोघुए के मुताबिक़ दिल्ली से दोनों ग्रहों के सबसे करीब होंगे का वक़्त आज रात 23:13 है |
कैसे और कब देखा जा सकेगा?
इस खगोलीय घटना को देखने के लिए कोई ख़ास उपकरण की जरुरत नहीं होगी | एक दूरबीन या छोटा टेलिस्कोप भी आपके काम का है | सबसे पहले एक बिना रुकावट वाली जगह ढूंढे जहाँ आसमान साफ़ हो जैसे खेत या पार्क | जुपिटर और सैटर्न उज्जवल होते हैं जो कई शहरों के ऊपर आसमान में भी देखे जा सकते हैं | सूर्यास्त के बाद दक्षिण-पश्चिमी आसमान में देखें | आज यानी 21 दिसंबर को सैटर्न और जुपिटर एक दूसरे के सबसे करीब होंगे एवं एक दूसरे को पार करेंगे |
दिल्ली के नेहरू प्लैनेटेरियम में इस कंजंक्शन को देखने के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हैं | इसके अलावा बेंगलुरु स्थित जवाहरलाल नेहरू प्लैनेटेरियम ने कहा है कि वे 'ग्रेट कंजंक्शन' को अपने यूट्यूब एवं फ़ेसबुक चैनल्स पर 'लाइव' दिखाएंगे | एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट पर द ग्रेट कंजंक्शन की भारत में और विश्व में दिखाई देने की समय सारणी उपलब्ध है |
'ग्रेट कंजंक्शन': जुपिटर और सैटर्न
यह दोनों ग्रह आम तौर पर हर 20 साल में एक दूसरे को पार करते हैं एवं एक पंक्ति में आते हैं | इस साल यह घटना महत्वपूर्ण दो वजहों से है | पहली वजह यह है कि दोनों ग्रह आखिरी बार इतने नज़दीक करीब 400 सालों पहले आये थे | इसके अलावा दूसरी रोचक बात है कि दोनों ग्रह 'रात' के वक़्त इतने नज़दीक करीब 800 सालों बाद आएंगे, नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार | इसलिए इसे 'ग्रेट कंजंक्शन' कहा जा रहा है |
गूगल ने बनाया डूडल
आज की इस खगोलीय घटना के गवाह बनने के लिए गूगल ने आज का 'गूगल डूडल' ग्रेट कंजंक्शन के नाम किया है |