Boom Live
  • फैक्ट चेक
  • एक्सप्लेनर्स
  • फास्ट चेक
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरीज़
  • राजनीति
  • वीडियो
  • Home-icon
    Home
  • Authors-icon
    Authors
  • Careers-icon
    Careers
  • फैक्ट चेक-icon
    फैक्ट चेक
  • एक्सप्लेनर्स-icon
    एक्सप्लेनर्स
  • फास्ट चेक-icon
    फास्ट चेक
  • अंतर्राष्ट्रीय-icon
    अंतर्राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरीज़-icon
    वेब स्टोरीज़
  • राजनीति-icon
    राजनीति
  • वीडियो-icon
    वीडियो
  • Home
  • रोज़मर्रा
  • Che Guevara: लैटिन अमेरिका का...
रोज़मर्रा

Che Guevara: लैटिन अमेरिका का कालजयी क्रांतिकारी

साम्राज्यवादी दमन के ख़िलाफ़ आज भी संघर्ष और प्रतिरोध की सबसे मुखर आवाज़ 'Che' की आज पुण्यतिथि है

By - Devesh Mishra |
Published -  9 Oct 2021 11:03 PM IST
  • Che Guevara: लैटिन अमेरिका का कालजयी क्रांतिकारी

    कई दशकों के बाद भी आज भी दुनिया भर में अगर किसी क्रांतिकारी को सबसे ज़्यादा पढ़ा और सेलीब्रेट किया जाता है तो वो हैं Ernesto Che Guevara.

    9 अक्टूबर 1967 की तारीख कोई आम तारीख़ नहीं है, बल्कि जब-जब 9 अक्टूबर आता है तो पूरी दुनिया को महान क्रांतिकारी Ernesto Che Guevara की याद बरबस आ ही जाती है. चे ग्वेरा आज से 54 साल पहले 1967 में मारे गए थे. इतिहासकारों की माने तो मरने से पहले 'Che' के आखिरी शब्द थे 'तुम एक इंसान को मार रहे हो, लेकिन उसके विचारों को नहीं मार सकते'. भारत में जिस तरह से भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद और अन्य क्रांतिकारियों को प्रमुखता से जाना जाता है, उसी तरह से चे ग्वेरा लैटिन अमेरिका, क्यूबा सहित कई देशों में जाने जाते हैं.

    Cuba की क्रांति के नायक

    Che अपनी मौत के दशकों बाद भी क्यूबा के लोगों के दिलों में आज भी ज़िंदा हैं. इसका कारण है कि उन्होंने क्यूबा की आज़ादी में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. चे ग्वेरा क्यूबा की क्रांति के नायक माने जाने वाले Fidel Castro के सबसे भरोसेमंद साथी थे.

    Fidel और Che ने मिलकर ही 100 'गुरिल्ला लड़ाकों' की एक फ़ौज बनाई. गुरिल्लों की इस फ़ौज ने आज़ादी के जुनून में एक साथ मिलकर Cuba के राष्ट्रपति Fulgencio Batista के शासन को उखाड़ फेंका था. साल 1959 में चे ग्वेरा और फ़िदेल कास्त्रो ने अमेरिका-समर्थित साम्राज्यवादी सरकार को हराकर क्यूबा की आज़ादी हासिल की.

    आज़ाद क्यूबा में फ़िदेल कास्त्रो के साथ चे ग्वेरा ने सरकार चलाने में भी मदद की थी. चे ग्वेरा ने स्वास्थ्य, शिक्षा सहित कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार भी सँभाला था. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ में भी क्यूबा की तरफ़ से चे ग्वेरा ने ओजस्वी भाषण देते हुए समस्त लैटिन अमेरिकी और तटीय देशों में उपनिवेशवाद और पूँजी की भयंकर लूट पर साम्राज्यवादी देशों की जमकर आलोचना की थी. चे का संयुक्त राष्ट्र संघ में दिया वो भाषण आज भी काफ़ी मशहूर है.

    एक पढ़ाकू और घुमक्कड़ कॉमरेड

    14 June 1928 को लैटिन अमेरिकी देश अर्जेंटीना में जन्मे चे ग्वेरा का स्वास्थ बचपन में बहुत ख़राब रहता था. वो सेना में भर्ती होना चाहते थे लेकिन डॉक्टर ने उनके माता पिता से कहा था कि ये बच्चा ढंग से चल फिर भी नहीं सकता. बाद में उनके पिता उन्हें लेकर दूसरी जगह चले गये जहां Che का जीवन परवान चढ़ा. चे ग्वेरा फ़ौज में तो नहीं भर्ती हो सके लेकिन एक डॉक्टर के रूप में समुद्र तटीय देशों में कुष्ठ रोग के ख़िलाफ़ उन्होंने काफ़ी मेहनत और लगन से काम किया था.

    Che ने भूख और गरीबी को बहुत करीब से देखा था. उन्होंने अपनी मोटरसाइकिल से लैटिन अमेरिकी देशों की यात्रा की थी, जहां उन्होंने गरीबी और भूख को करीब से महसूस किया था. अपनी इस यात्रा पर चे ने एक डायरी भी लिखी थी, जिसे उनकी मौत के बाद 'द मोटरसाइकिल डायरी' के नाम से छापा गया. इसके अलावा 2004 में 'द मोटरसाइकिल डायरीज' के नाम से एक फ़िल्म भी बन चुकी है.

    Tags

    Che Guevaradeath anniversaryCuba revolutionlatin america
    Read Full Article
    Next Story
    Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors.
    Please consider supporting us by disabling your ad blocker. Please reload after ad blocker is disabled.
    X
    Or, Subscribe to receive latest news via email
    Subscribed Successfully...
    Copy HTMLHTML is copied!
    There's no data to copy!