Boom Live

Trending Searches

    Boom Live

    Trending News

      • फ़ैक्ट चेक
      • एक्सप्लेनर्स
      • फ़ास्ट चेक
      • अंतर्राष्ट्रीय
      • रोज़मर्रा
      • वेब स्टोरीज़
      • Home-icon
        Home
      • Authors-icon
        Authors
      • Careers-icon
        Careers
      • फ़ैक्ट चेक-icon
        फ़ैक्ट चेक
      • एक्सप्लेनर्स-icon
        एक्सप्लेनर्स
      • फ़ास्ट चेक-icon
        फ़ास्ट चेक
      • अंतर्राष्ट्रीय-icon
        अंतर्राष्ट्रीय
      • रोज़मर्रा-icon
        रोज़मर्रा
      • वेब स्टोरीज़-icon
        वेब स्टोरीज़
      • Home
      • रोज़मर्रा
      • ब्लैक फ़ंगस: क्या है यह बिमारी, इसके...
      रोज़मर्रा

      ब्लैक फ़ंगस: क्या है यह बिमारी, इसके लक्षण और इलाज़?

      इस बिमारी का नाम म्यूकोरमाइकोसिस है जिसे आम तौर पर 'ब्लैक फ़ंगस' कहा जा रहा है. आईये जानते हैं कि यह चर्चा का विषय क्यों है...

      By - Saket Tiwari | 12 May 2021 1:26 PM GMT
      • Facebook
      • Twitter
      • Whatsapp
      • Telegram
      • Linkedin
      • Email
      • Print
      • link
      • Facebook
      • Twitter
      • Whatsapp
      • Telegram
      • Linkedin
      • Email
      • Print
      • link
      • Facebook
      • Twitter
      • Whatsapp
      • Telegram
      • Linkedin
      • Email
      • Print
      • link
    • ब्लैक फ़ंगस: क्या है यह बिमारी, इसके लक्षण और इलाज़?

      एक विरला मगर गंभीर फंगल इन्फेक्शन (Fungal Infection) जिसे म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) या ब्लैक फ़ंगस (Black Fungus) कहते हैं, कई राज्यों में कोविड-19 मरीज़ों में देखने को मिला है.

      यह बिमारी अक्सर स्किन पर होती है पर इसे फेंफड़ों और दिमाग में भी पनपते पाया गया है. दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात में कई म्यूकोरमाइकोसिस इन्फेक्शन के मामले सामने आने पर नेशनल कोविड-19 टास्क फ़ोर्स ने रविवार को एडवाइज़री जारी की है.

      कैसे होता है यह संक्रमण?

      हालांकि यह दुर्लभ है पर गंभीर है. यह वातावरण में प्राकृतिक रूप से मौजूद म्यूकोरमिसीट्स (mucormycetes) से होता है. अक्सर यह उन लोगों को प्रभावित करता है जो किसी तरह की स्वास्थ सम्बन्धी बीमारी या परेशानी से लड़ रहे हैं और मेडिकेशन पर हैं.

      कोविड-19 टास्क फ़ोर्स के अनुसार यह कमज़ोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को संक्रमित करता है. डायबिटीज मेलाइटस (diabetes mellitus), स्टेरॉयड पर रह रहे मरीज़ों, ICU में लम्बे समय तक रहे मरीज़ों, और ट्रांसप्लांट और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों में इसकी संभावना अधिक है.

      ऐसे मरीज़ों या व्यक्तियों के फेंफड़ों और साइनस (Lungs and Sinus) पर प्रभाव पड़ता है जब वो इन फंगल स्पोर्स (Fungal) को सांस के जरिये अंदर खिंच लेते हैं.


      क्या है इलाज़?

      विशेषज्ञों के मुताबिक़ धूल भरे इलाकों में मास्क, अच्छे जूते, फुल पेंट, पूरे ब्याह से शर्ट, ग्लव्स, और व्यक्तिगत सफ़ाई ज़रूरी है.

      जबकि इसका इलाज़ एंटी-फंगल से किया जा सकता है पर गंभीर मामलों में सर्जरी की ज़रूरत होती है. डॉक्टर्स के कहना है कि डायबिटीज को कण्ट्रोल में रखें, स्टेरॉयड का इस्तेमाल और प्रतिरोधक क्षमता से छेड़छाड़ करने वाली दवाइयों को कम करें.

      Tags

      Black FungusCOVID-19Coronavirus newsCovid 19 second wave
      Read Full Article
      • Facebook
      • Twitter
      • Whatsapp
      • Telegram
      • Linkedin
      • Email
      • Print
      • link
      • Facebook
      • Twitter
      • Whatsapp
      • Telegram
      • Linkedin
      • Email
      • Print
      • link
      • Facebook
      • Twitter
      • Whatsapp
      • Telegram
      • Linkedin
      • Email
      • Print
      • link
      Next Story
      • Facebook
      • Twitter
      • Whatsapp
      • Telegram
      • Linkedin
      • Email
      • link
      • Facebook
      • Twitter
      • Whatsapp
      • Telegram
      • Linkedin
      • Email
      • link
      • Facebook
      • Twitter
      • Whatsapp
      • Telegram
      • Linkedin
      • Email
      • link
      Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors.
      Please consider supporting us by disabling your ad blocker. Please reload after ad blocker is disabled.
      X
      X
      Or, Subscribe to receive latest news via email
      Subscribed Successfully...
      Copy HTMLHTML is copied!
      There's no data to copy!