मोब लिंचिंग के विरोध में हुई तोड़फोड़ की घटना मुंबई की नहीं है
बूम ने पाया कि वीडियो गुजरात के सूरत का है। यह घटना मॉब लिंचिंग का विरोध करने के लिए निकाली गई एक रैली के दौरान हुई थी
पथराव कर बस में तोड़फोड़ करने वाले लोगों के एक वीडियो को झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि मुंबई के बांद्रा इलाके में मुस्लिम ऑटोरिक्शा चालकों के एक समूह ने एक बस पर हमला किया है। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसके साथ दिए गए कैप्शन में लिखा है, “मुस्लिम रिक्शावाला के समूह के द्वारा बीकेसी से बांद्रा के लिए बस मार्ग का विरोध शुरू हो गया है। ”
बूम ने यह वीडियो इसके व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर (+91 77009 06111) पर भी प्राप्त किया है।
इसी क्लिप को, समान कैप्शन के साथ ट्विटर पर शेयर किया गया था और कई लोगों ने मुंबई पुलिस को टैग करते हुए उन्हें कार्रवाई करने के लिए कहा है।
ट्वीट देखने के लिए यहां क्लिक करें, और अर्काइव वर्शन देखने के लिए यहां देखें।
फ़ेसबुक पर वायरल
हमने फ़ेसबुक पर भी वायरल हुए वीडियो को इसी भ्रामक दावे के साथ पाया।
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वीडियो को कीफ्रेम में तोड़ा और रिवर्स इमेज सर्च चलाया, जिससे पता चला कि वीडियो गुजरात के सूरत का था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना सूरत में 5 जुलाई, 2019 को मॉब लिंचिंग का विरोध करने के लिए निकाली गई एक मौन रैली के दौरान हुई थी। अनुमति के अभाव के कारण पुलिस द्वारा रैली रोके जाने पर प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए थे।
अहमदाबाद मिरर ने बताया, "लोगों ने पथराव करना शुरू कर दिया और पुलिस को आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा।"
अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट में आगे बताया गया है, “हालात उस हद तक बढ़ गए जहां प्रदर्शनकारियों ने पथराव का सहारा लिया जिसमें दो बीआरटीएस बसें और दो पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में दो राउंड और लगभग एक दर्जन आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इस घटना में सात लोगों को गिरफ़्तार किया गया था।”
क्षतिग्रस्त बस एबीपी अस्मिता द्वारा एक न्यूज स्टोरी में देखा जा सकता है। यह गुजराती भाषा का एक समाचार चैनल है जो एबीपी द्वारा चलाया जाता है। 5 जुलाई को अपलोड की गई कहानी की हेडलाइन है, ‘सूरत: लिंचिंग के खिलाफ़ रैली के बाद हिंसा भड़की।'
1.49 समय बिंदु पर समान बस को देखा जा सकता है | अहमदाबाद मिरर ने यह भी लिखा की दो बसें क्षतिग्रस्त हैं जो वायरल वीडियो में भी गौर करने पर देखा जा सकता है | एक बस सामने की और एवं दूसरी बस प्रदर्शनकारियों से घिरी हुई देखि जा सकती है | बूम ने पाया की कई मीडिया रिपोर्ट्स जैसे टीवी9 गुजराती में दिख रहे दृश्य वायरल वीडियो के समान हैं |
बूम ने सूरत पुलिस को टिप्पणी के लिए संपर्क किया है जबाब मिलने पर लेख को अपडेट किया जाएगा |