तीस स्क्वाट्स के बदले फ़्री मॉस्को मेट्रो राइड का पुराना वीडियो हुआ फिर वायरल
वायरल पोस्ट दावा करता है की रशियन सरकार ने देशवासियो के स्वास्थ कल्याण के मद्देनज़र ये स्कीम शुरू की ही | हालांकि स्क्वाट्स के बदले फ़्री टिकट्स 2014 के सोची ओलिंपिक के पहले शुरू किया गया एक कैम्पेन था
टिकट वेंडिंग मशीन के आगे एक शख़्स का स्क्वाट्स (उठक-बैठक) करता हुआ 2013 का वीडियो एक बार फिर बगैर किसी प्रसंग के वायरल हो रहा है | ट्विटर के अलावा इस पोस्ट को टाइम्स ऑफ़ इंडिया के फ़ेसबुक पेज पर भी शेयर किया गया है | इस वीडियो में दावा किया जा रहा है की मॉस्को के एक मेट्रो स्टेशन पर तीस बार स्क्वाट्स (उठक-बैठक) करने से यात्रियों को टिकट फ़्री में मुहैया कराये जाते हैं | आपको बता दें की यह सूचना छह साल पुरानी है एवं सोची (मॉस्को) में हुए विंटर ओलिंपिक के कैम्पेन के तौर पर शुरू किया गया था जिसे दिसंबर 2013 में बंद कर दिया गया |
तीस सेकंड के इस वीडियो क्लिप में एक टिकट वेंडिंग मशीन के सामने कई लोगो को स्क्वाट्स करते हुए देखा जा सकता है जिसके बाद उन्हें मशीन से टिकट मिलती है| नीचे आप फ़ेसबुक पोस्ट एवं टाइम्स ऑफ़ इंडिया का आर्टिकल देख सकते हैं| इनके आर्काइव्ड वर्शन यहाँ एवं यहाँ देखें|
यह लेख टाइम्स ऑफ़ इंडिया के वेबसाइट पर 27 जुलाई को प्रकाशित हुआ था जिसमें लिखा है, "यह मॉस्को का एक मेट्रो स्टेशन है जहाँ मेट्रो में आने जाने वालों को तीस उठक-बैठक के बाद एक ट्रिप की फ्री टिकट मिलती है| यह मशीन उठक-बैठक गिन कर आपके लिए एक टिकट प्रिंट कर देती है| स्वस्थ जीवन की तरफ यह कदम लोगो द्वारा खूब सराहा गया है|"
इस वीडियो क्लिप को जुलाई के शुरुआती दिनों में भी ट्विटर पर शेयर किया गया था जिसमें पीएमओ, अरविन्द केजरीवाल एवं नरेंद्र मोदी को टैग किया गया था| आप नीचे इस तरह के ट्वीट्स देख सकते हैं|
फ़ैक्ट चेक
बूम ने गूगल पर 'free metro tickets in Moscow' कीवर्ड्स के साथ सर्च किया| हमें द टेलीग्राफ का एक लेख मिला जिसमें इस शुरुआत के बारे में पूरा ब्यौरा दिया गया है| लेख में बताया गया है, "अब अंडरग्राउंड यूज़र को खुल्ले पैसों के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा| मॉस्को के विस्तावोचनाया मेट्रो स्टेशन पर एक टिकट वेंडिंग मशीन को विकसित करके ऐसा बनाया गया है जिससे उपभोक्ता को महज़ तीस उठक-बैठक लगाने पर फ्री टिकट मिलती है|" यह कदम रोज़ाना जीवन में खेल कूद को महत्व देने के लिए उठाया गया था जो 2013 दिसंबर तक चला एवं बंद कर दिया गया|
यह लेख 2014 विंटर ओलिंपिक से पहले रशियन ओलिंपिक कमिटी द्वारा उठाए गए कदम के बारे में है जिसे 3 दिसंबर 2013 तक चलाया गया| द टेलीग्राफ के अलावा एसोसिएटेड प्रेस एवं अन्य मीडिया संस्थानों ने इस कदम पर वीडियो प्रकाशित किया था| इन वीडियोज़ को नीचे देखें|