दावा: वह मुल्ला नॉट्स और क्रॉसस खेलना नहीं सीखा रहा । वह इस्लामी स्कूल में मुस्लिम लड़कियों को हिंदुत्व पर इस्लाम की तुलनात्मक श्रेष्ठता सिखा रहा है। रेटिंग : झूठ सच्चाई : यह तस्वीर दरअसल गोरखपुर , उत्तर प्रदेश के एक दारुल उलूम हुसैनिया मदरसे की है। मदरसे के प्रधानाचार्य के अनुसार यूपी शिक्षा बोर्ड के तहत इस आधुनिक मदरसे में अंग्रेजी, हिंदी, विज्ञान, गणित और संस्कृत जैसे विषयों को पढ़ाया जाता है। पाकिस्तानी पत्रकार तारीक फतह के ट्विटर अकाउंट से फिर से एक बार इन तस्वीरो को इस क्वोट के साथ वायरल किया जा रहा है की, "वह मुल्ला नॉट्स और क्रॉसस खेलना नहीं सीखा रहा । वह इस्लामी स्कूल में मुस्लिम लड़कियों को हिंदुत्व पर इस्लाम की तुलनात्मक श्रेष्ठता सिखा रहा है।" फेसबुक पर 'अभिषेक महाराज''परन्थमान श्रीरामुलु' नामक पेज पर इस पोस्ट को वायरल किया जा रहा है। इन फेसबुक पोस्ट पर लोगो को यह कहते हुए देखा जा सकता है , "हमारी सरकारें ऐसे शैक्षणिक संस्थान को भी वित्त पोषित कर रही हैं। हो सकता है कि यह शिक्षक भी हमारे कर पैसे का आनंद उठा रहा हो। "
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