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फैक्ट चेक

कैंसर रोगी की तस्वीर को PUBG के कारण मानसिक रोगी बताकर किया शेयर

बूम ने पाया कि तस्वीरें कर्नाटक के एक युवक की हैं जो ब्लड कैंसर से पीड़ित हैं

By - Saket Tiwari | 22 Nov 2019 4:08 PM IST

कैंसर से पीड़ित एक युवक की तस्वीरें और एक असंबंधित वीडियो का एक सेट फ़र्ज़ी दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है । दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर एक लोकप्रिय खेल, प्लेयरअननोन बैटलग्राउंड (पबजी) की लत से पीड़ित एक मरीज़ की है । बताया जा रहा है कि इस खेल की लत के कारण किशोर मानसिक समस्याओं से जूझ रहा है ।

तस्वीरों में एक युवा लड़के को माता-पिता के साथ देखा जा सकता है । किशोर के सिर पर बाल नहीं हैं जबकि उसके माता-पिता काफी परेशान दिखाई दे रहे हैं । वायरल पोस्टों में एक वीडियो भी शामिल है जहां एक मरीज ऑपरेटिंग टेबल पर एक काल्पनिक फ़ोन के साथ एक गेम खेलते हुए देखा जा सकता है, जिसके बाद डॉक्टर उसके हाथ में एक वास्तविक फ़ोन रखते हैं ।

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फ़ोटो और वीडियो को हिंदी में कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा है, “पप्जी गेम में पागल हो गया कृपया अपने बच्चो को मोबाईल पर ऐसे गेम नही खेलने दे ।”

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फ़ैक्ट चेक

बूम ने तस्वीरों में से एक के साथ एक रिवर्स इमेज सर्च चलाया और एक क्राउडफंडिंग संगठन, मिलाप पर प्रकाशित एक लेख पाया जिसमें यही तस्वीरे थी ।

ये तस्वीरें मिलाप द्वारा 25 अक्टूबर, 2019 को प्रकाशित एक लेख में प्रकाशित की गईं, जिसके हेडलाइन का हिंदी अनुवाद है, “मेरे बेटे ने मुझे मेरे दुर्घटना के बाद फ़िर से जीवन दिया, अब वह कैंसर से मर रहा है और मैं असहाय हूं ।” लेख में लड़के की पहचान सुजान के रूप में की गई है, जो कर्नाटक का रहने वाला है और बल्ड कैंसर से पीड़ित है ।

( मिलाप के लेख का स्क्रीनशॉट)

कहानी में लड़के के पिता संजीव का बयान शामिल है, जिसमें कहा गया है, "नौ दिन । ब्लड कैंसर का पता चलने से पहले सुजान केवल इतने दिनों तक ही कॉलेज जा पाया ।” लेख जिसमें एक्यूट मायलॉइड ल्यूकेमिया से पीड़ित सुजान के इलाज के लिए धन जुटाने की बात की गई थी, उसमें बैंगलोर के उनके अस्पताल - मजूमदार शॉ कैंसर केंद्र का विवरण भी शामिल है |

( सुजान के लिए पैसा इकट्ठा करने के लिए अस्पताल से अनुमान पत्र (मिलाप के माध्यम से फ़ोटो) )

फ़ेसबुक पर एक कीवर्ड के साथ खोज करते हुए, बूम ने कन्नड़ में एक पोस्ट भी पाया, जहां एक दानकर्ता सुजान के पिता को पैसे सौंपते हुए देखा जा सकता है । कन्नड़ पोस्ट इस बात की चर्चा करता है कि कैंसर के निदान की बात सुनकर कितने लोग सुजान की मदद के लिए आगे आए ।

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वायरल पोस्ट में फ़ोटो के साथ वीडियो के लिए बूम को कोई भी सत्यापित स्रोत नहीं मिल पाया है । हमने पाया कि वीडियो यूट्यूब और मलेशियाई ब्लॉग पर शेयर किया जा रहा है और इसके साथ दावा किया जा रहा है कि इन युवाओं को फ़ोन की लत है ।

जहां पबजी खेलने के बाद मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित लोगों के बारे में कोई न्यूज़ रिपोर्ट नहीं आई है, वहीं ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां ऑनलाइन मोबाइल गेम खेलने से रोके जाने पर लोगों ने अजीब और उग्र व्यवहार किया है ।

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