कांग्रेस पर निशाना साधता क्वोट हुआ गलत सन्दर्भ में वायरल
वायरल पोस्ट में दावा किया गया है की सयुंक्त राष्ट्र में चीन ने कहा की जब मसूद अज़हर को भारत सरकार में बैठे विपक्षी दल आतंकवादी नहीं मानते तो हम कैसे मानले
सोशल मीडिया पर आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अज़हर और चीन के राष्ट्रपति ज़ि जिनपिंग की तस्वीर के साथ एक कैप्शन वायरल किया जा रहा है।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कैप्शन दावा करता है , 'चीन ने UN में तर्क दिया की भारत का विपक्ष ही अजर मसुद को आतंकी नहीं मानता तो हम कैसे माने। चुल्लू भर मूत्र में डूब मरो गद्दारों।
अब यह भारत के लोगों को सोचना है कि वो विपक्ष को वोट क्यों करें…विक्रम शर्मा'
वायरल हो रहे इस कैप्शन को फ़ेसबुक और ट्विटर पर धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है।
फ़ेसबुक पर इस पोस्ट को तस्वीर के साथ 'हरिशंकर शर्मा' नामक अकाउंट पर शेयर किया गया है। तस्वीर में एक तरफ चीनी राष्ट्रपति ज़ि जिनपिंग, दूसरी तरफ आतंकी मसूद अजहर और नीचे की तरफ महागठबंधन की तस्वीर नजर आ रही है।
इस कैप्शन के जरिये भारतीय सरकार में बैठी विपक्ष पर भी निशाना साधा गया है।
इस पोस्ट के आर्काइवड वर्शन को यहाँ देखा जा सकता है।
तस्वीर के इलावा यह कैप्शन भी काफ़ी जगह वायरल है।
इस तस्वीर को ट्वीट भी किया गया है।
देशहित में सोच समझ कर वोट करें PMO India : Report Card pic.twitter.com/FMtV7YjDLo
— Vivek R Dhamal (@DhamalVivek) March 15, 2019
फैक्टचेक
बूम ने सयुंक्त राष्ट्र में चीन द्वारा मसूद अज़हर पर वीटो का इस्तेमाल कर बैन के विरोध की वजह को जांचना शुरू किया। चीन के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर एक प्रेस रिलीज में चीनी प्रवक्ता लु कांग ने विरोध की वजह को "टेक्निकल होल्ड" बताया था। चीन ने इस कदम के पीछे यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की “1267 प्रतिबंध कमेटी” क्लॉज़ को जिम्मेदार ठहराया था। इस क़ानून में किसी भी संस्थान या व्यक्ति को 'आतंकवाद सूची' में डालने की प्रक्रिया के मापदंड हैं।
इस सन्दर्भ में भारत सरकार ने निराशा ज़ाहिर की थी। भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा दी गयी प्रेस रिलीज़ को यहाँ पढ़ा जा सकता है।
दरअसल, चीन आतंकी मसूद अज़हर को अंतराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में डालने से पहले गहरी छानबीन करना चाहता है। कांग के मुताबिक 1267 प्रतिबंध कमेटी जो भी एक्शन लेगी उससे संबंधित देशों को इस मामले को बातचीत के जरिए मामला सुलझाने में मदद मिलेगी
।
इस विषय पर भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स को यहाँ पढ़ा जा सकता हैं।
संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट कर चीन के इस निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी।
Big,Small & Many...
— Syed Akbaruddin (@AkbaruddinIndia) March 13, 2019
1 big state holds up, again ...
1 small signal @UN against terror
Grateful to the many states - big & small - who in unprecedented numbers, joined as co-sponsors of the effort. 🙏🏽