Boom Live

Trending Searches

    Boom Live

    Trending News

      • फैक्ट चेक
      • एक्सप्लेनर्स
      • फास्ट चेक
      • अंतर्राष्ट्रीय
      • वेब स्टोरीज़
      • राजनीति
      • वीडियो
      • Home-icon
        Home
      • Authors-icon
        Authors
      • Careers-icon
        Careers
      • फैक्ट चेक-icon
        फैक्ट चेक
      • एक्सप्लेनर्स-icon
        एक्सप्लेनर्स
      • फास्ट चेक-icon
        फास्ट चेक
      • अंतर्राष्ट्रीय-icon
        अंतर्राष्ट्रीय
      • वेब स्टोरीज़-icon
        वेब स्टोरीज़
      • राजनीति-icon
        राजनीति
      • वीडियो-icon
        वीडियो
      Trending Tags
      TRENDING
      • #Operation Sindoor
      • #Narendra Modi
      • #Pahalgam Terrorist Attack
      • #Rahul Gandhi
      • #Waqf Amendment Act 2025
      • Home
      • फैक्ट चेक
      • लोकसभा चुनाव के दौरान ‘फेक न्यूज़’...
      फैक्ट चेक

      लोकसभा चुनाव के दौरान ‘फेक न्यूज़’ के 154 मामले – चुनाव आयोग

      लोकसभा के जवाब में, चुनाव आयोग द्वारा स्पॉट किए गए फ़र्ज़ी समाचारों के मामलों की संख्या बताई गई है। सबसे ज्यादा मामले ट्विटर से जुड़े थे, उसके बाद फ़ेसबुक और यूट्यूब का स्थान रहा है

      By - Mohammed Kudrati |
      Published -  28 July 2019 9:35 PM IST
    • ECI-Fake-News

      कानून मंत्रालय द्वारा 24 जुलाई को लोकसभा में दायर जवाब के अनुसार चुनाव आयोग ने चुनाव के दौरान फ़र्ज़ी और झूठी ख़बरों के 154 मामलों की पहचान की है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के जवाब में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों - फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब से जुड़ी मामलों की संख्या को भी बताया। 97 मामलों के साथ अधिकतम मामले ट्विटर से जुड़े थे, जबकि 46 मामले फ़ेसबुक और शेष 11 यूट्यूब से जुड़े थे।

      यह दक्षिण गोवा के लोकसभा सांसद फ्रांस्सिसको सरदिन्हा के एक प्रश्न का जवाब था। सरदिन्हा ने इस साल अप्रैल और मई में चुनावों के दौरान चुनाव आयोग को मिली फ़र्ज़ी ख़बरों के खिलाफ़ शिकायतों की सूची पर विवरण मांगा था। इनमें से अधिकांश मामले चुनावी वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की सुरक्षा, परिवहन और पारदर्शिता के मुद्दों, मतदान के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली अमिट स्याही और मतदाता सूची से जुड़े नकली समाचार पर ही सीमित हैं।

      ये सभी मामले संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (फ़ेसबुक, गूगल या ट्विटर) को सूचित किए गए थे।

      चुनाव के दौरान सोशल मीडिया दिशानिर्देश

      10 मार्च को लोकसभा के चुनावों की घोषणा करते हुए अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग ने अपने आदर्श आचार संहिता के तहत सोशल मीडिया को शामिल किया था। उपायों में सोशल मीडिया हैंडल को पूर्व-प्रमाणित करना और अन्य उपायों के बीच फ़ेसबुक और गूगल द्वारा राजनीतिक सत्यापन प्रक्रियाएं शामिल थीं।

      चुनाव से पहले सोशल मीडिया को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए ये दिशा-निर्देश लागू किए गए थे।

      यहाँ पढ़ें: India Goes To The Polls On April 11: All You Need To Know और 2019 Lok Sabha Elections: Do’s And Don’ts Of The Model Code of Conduct

      उत्तर में डेटा क्या कहता है?

      फ़ेसबुक

      चुनाव आयोग द्वारा फ़र्ज़ी और झूठी खबरों के कुल 46 मामले सामने आए हैं, जिनमें से सभी फ़ेसबुक पर प्रसारित किए गए थे। फ़ेसबुक या किसी अन्य प्लेटफार्मों से संबंधित देखे गए मामलों के लिए कोई और ब्योरा नहीं दिया गया है।

      ट्विटर

      चुनाव आयोग द्वारा फ़र्ज़ी और झूठी खबरों के कुल 97 मामले सामने आए हैं, जिनमें से सभी को ट्विटर पर आगे बढ़ाया गया है।

      एक विशिष्ट समुदाय को गुमराह करने के इरादे से दो मामलों के संबंध में चुनाव आयोग द्वारा एक प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई थी। क्या कार्रवाई हुई थी या किस समुदाय को लक्षित किया गया, इस पर कोई विवरण नहीं दिया गया है। अधिकांश मामले ईवीएम के बारे में ग़लत सूचनाओं से संबंधित थे, जो फ़ेसबुक को रिपोर्ट किए गए ट्रेंड के समान है।

      यूट्यूब

      चुनाव आयोग द्वारा यूट्यूब पर 11 मामलों को मान्यता दी गई थी; ऐसे मामले जो गूगल पर बहुत तेजी से बढे थे | बूम सहित फ़ैक्ट-चेकर्स ने इस संबंध में कुछ स्टोरीज को ख़ारिज किया था, ख़ासकर ईवीएम से संबंधित।

      यह भी पढ़ें:

      • Can You Ask For A ‘Challenge Vote’ If Your Name Is Not On A Voter List?(BOOM)
      • Lok Sabha Election Phase 1: Voters find indelible ink wearing off within hours, raise doubts (India Today)
      • Should You Keep Your Finger On An EVM Machine Till VVPAT Slip Appears? A FactCheck (BOOM)
      • Were 300 EVMs Seized From A Shop In Uttar Pradesh? (BOOM)

      डीप फेक

      फ्रांस्सिसको सरदिन्हा ने डीपफेक पर भी सरकार से सवाल किया| डीप फेक ऐसे वीडियो या विसुअल मटेरियल होता है जो अत्यधिक विश्वसनीय वीडियो होते हैं जिन्हें उन्नत उपकरणों के माध्यम से ऑडिबली या वीजुएली बदला जाता है। उत्तर में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने ध्यान में एक भी डीपफेक का मामला नहीं लाया गया है।

      यह भी पढ़ें: India Is Teeming With ‘Cheapfakes’, Deepfakes Could Make It Worse

      लोकसभा के उत्तर को यहां पढ़ा जा सकता है।

      Tags

      BJPCONGRESSELECTION COMMISSION OF INDIAEVMFacebookFAKE NEWSFeaturedloksabha elections 2019TWITTERYOUTUBEचुनाव आयोगन्याय मंत्रालयफेक न्यूज़यूट्यूबरवि शंकर प्रसादलोक सभा चुनाव
      Read Full Article
      Next Story
      Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors.
      Please consider supporting us by disabling your ad blocker. Please reload after ad blocker is disabled.
      X
      Or, Subscribe to receive latest news via email
      Subscribed Successfully...
      Copy HTMLHTML is copied!
      There's no data to copy!