Boom Live

Trending Searches

    Boom Live

    Trending News

      • फैक्ट चेक
      • एक्सप्लेनर्स
      • फास्ट चेक
      • अंतर्राष्ट्रीय
      • वेब स्टोरीज़
      • राजनीति
      • वीडियो
      • Home-icon
        Home
      • Authors-icon
        Authors
      • Careers-icon
        Careers
      • फैक्ट चेक-icon
        फैक्ट चेक
      • एक्सप्लेनर्स-icon
        एक्सप्लेनर्स
      • फास्ट चेक-icon
        फास्ट चेक
      • अंतर्राष्ट्रीय-icon
        अंतर्राष्ट्रीय
      • वेब स्टोरीज़-icon
        वेब स्टोरीज़
      • राजनीति-icon
        राजनीति
      • वीडियो-icon
        वीडियो
      Trending Tags
      TRENDING
      • #Operation Sindoor
      • #Narendra Modi
      • #Pahalgam Terrorist Attack
      • #Rahul Gandhi
      • #Waqf Amendment Act 2025
      • Home
      • फैक्ट चेक
      • शरजील इमाम की रिहाई की मांग करता यह...
      फैक्ट चेक

      शरजील इमाम की रिहाई की मांग करता यह बैनर किसान आंदोलन का नहीं है

      बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर किसान आंदोलन से संबंध नहीं रखती, बल्कि केरल में फ़रवरी 2020 में हुए एक एंटी सीएए प्रदर्शन की है।

      By - Mohammad Salman |
      Published -  19 Dec 2020 2:10 PM
    • शरजील इमाम की रिहाई की मांग करता यह बैनर किसान आंदोलन का नहीं है

      केंद्र सरकार के नये कृषि क़ानून (Agriculture Bills) के ख़िलाफ़ दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर आन्दोलनरत किसानों के प्रदर्शन से जोड़कर एक तस्वीर फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर की जा रही है। शरजील इमाम (Sharjeel Imam) की रिहाई की मांग करने वाले बैनर पकड़े हुए लोगों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन (Farmers Protest) से जुड़े होने के दावे के साथ वायरल है।

      बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर किसान आंदोलन से संबंध नहीं रखती, बल्कि केरल में फ़रवरी 2020 में हुए एक एंटी सीएए प्रदर्शन की है।

      गौरतलब है कि क़रीब 3 हफ़्तों से किसान सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और बुरारी सहित कई स्थानों पर नये कृषि क़ानून को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते 10 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) के अवसर पर टिकरी सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने लेखकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और छात्र संगठनों के नेताओं की रिहाई की मांग करते हुए तख्तियां दिखाई थीं, जो मुख्य रूप से एल्गर परिषद और दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में गिरफ़्तार किए गए थे। उसी दिन किसानों ने शरजील इमाम की रिहाई की मांग करते हुए पोस्टर भी देखे गए थे।

      अडानी-विलमार विज्ञापन के साथ ट्रेन का वीडियो फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल

      फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि "गलतफ़हमी नहीं रहे यह CAA की नहीं, किसान आंदोलन की तस्वीर है। जो लोग कह रहे हैं कि इस मांग से किसानों का कोई लेना-देना नहीं है वो झूठ बोल रहे हैं।सरकार को 41 किसान नेताओं ने अपने हस्ताक्षर करके जो मांग पत्र दिया है उसके बिंदू संख्या 6 पर यह मांग लिखी गई है।"


      पोस्ट यहां देखें और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

      Are we really talking for farmers or just mistakingly pursuing the hidden agenda of anti nationals to use any means to criticise positive change this country is undergoing with aggressive reforms. Hope the bhola bhala people like @diljitdosanjh can see through. #Diljit_Kitthe_aa pic.twitter.com/20c17OUjeS

      — Nikhil Nanda 🇮🇳 (@iamnikhilnanda) December 11, 2020

      पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

      दो साल पुराने वीडियो का हिस्सा लव जिहाद के फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल

      फ़ैक्ट चेक

      बूम ने वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो इसी तस्वीर के साथ 15 अप्रैल 2020 का एक ट्वीट मिला, जिसमें कहा गया कि 'जक्का जाम' की अपील करने पर पुलिस हिरासत में लिए 76 दिन हो गए।

      It has been 76 days since Sharjeel Imam is under police custody for just appealing for "Jakka Jaam". After that BJP leaders instigate the violence which resulted into the Delhi pogrom against muslim minorities but unfortunately they are roaming free.#Release_Sharjeel_Imam pic.twitter.com/0Umcrqgkos

      — Md. Imran Lone (محمد عمران لون) (@ImraanSpeaks) April 15, 2020

      हालांकि, ट्वीट में तस्वीर के बारे में ख़ास जानकारी उपलब्ध नहीं थी। ऐसे में हमने तस्वीर के विवरण की जांच करने का फ़ैसला किया। चूंकि, वायरल तस्वीर में अधिक स्पष्टता नहीं थी, हमने दूसरी तस्वीर खोजी जिसमें बैनर के विवरण को देखा जा सकता है।


      'फ़्री शरजील इमाम' की मांग करते बैनर को ध्यानपूर्वक देखने पर हमें 'वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया' का नाम और बैनर के पीछे पार्टी का झंडा दिखा। हमने वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया के केरल प्रदेश सचिव सजीद ख़ालिद से संपर्क किया।

      सजीद ख़ालिद ने हमें बताया कि यह तस्वीर केरल के तिरुवनन्तपुरम में 25-26 फ़रवरी 2020 को नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी के विरोध में हुए 'ओक्युपाई राजभवन' प्रदर्शन की है। पार्टी ने विरोध प्रदर्शन के दौरान केरल राजभवन का 30 घंटे घेराव किया था।

      पीएम मोदी की सराहना करता यह व्यक्ति पाकिस्तानी पत्रकार नहीं है

      इसके अलावा हमने वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया के प्रवक्ता शमसीर से भी बात की, जिसमें उन्होंने साफ़ किया कि यह तस्वीर एंटी सीएए के विरोध में वेलफेयर पार्टी की केरल विंग द्वारा आयोजित 'ओक्युपाई राजभवन' प्रदर्शन के दौरान ली गयी थी। इसकी पुष्टि वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष (केरल) हमीद वनियाम्बलम ने भी की, कि तस्वीर फ़रवरी में तिरुवनन्तपुरम में हुए नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध प्रदर्शन की है।

      हालांकि, बूम फ़रवरी की तस्वीर का पता नहीं लगा सका जैसा कि डब्ल्यूपीआई नेताओं ने दावा किया था। हमने तस्वीर के संदर्भ में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए उस ट्विटर यूज़र से संपर्क किया जिसने 15 अप्रैल को तस्वीर पोस्ट की थी। प्रतिक्रिया मिलने के बाद रिपोर्ट अपडेट की जाएगी।

      गौरतलब है कि प्रदर्शनकारी किसानों ने 10 दिसंबर को सुधा भारद्वाज, उमर ख़ालिद, शरजील इमाम के पोस्टर प्रदर्शित किए थे।

      क्या यह तस्वीर पीएम मोदी और जशोदाबेन की शादी की है?

      Tags

      Farmers ProtestKisan AndolanSharjeel ImamFarm LawsHindi KhabarDaily News Hindi
      Read Full Article
      Claim :   गलतफ़हमी नहीं रहे यह CAA की नहीं,किसान आंदोलन की तस्वीर है।
      Claimed By :  Social Media Users
      Fact Check :  False
      Next Story
      Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors.
      Please consider supporting us by disabling your ad blocker. Please reload after ad blocker is disabled.
      X
      Or, Subscribe to receive latest news via email
      Subscribed Successfully...
      Copy HTMLHTML is copied!
      There's no data to copy!