Bhopal Gas Tragedy: अगर सुनी होती वकील की चेतावनी, तो शायद न होता हादसा
भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल हो गए हैं. 2-3 दिसंबर 1984 की रात यूनियन कार्बाइड के भोपाल कारखाने से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस लीक हुई.
Bhopal Gas Tragedy: अगर सुनी होती वकील की चेतावनी, तो शायद न होता हादसा
गैस के रिसाव ने पूरे शहर को चैंबर में तब्दील कर दिया. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इसमें 3,787 लोगों की मौत हुई थी.
Bhopal Gas Tragedy: अगर सुनी होती वकील की चेतावनी, तो शायद न होता हादसा
गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा जारी आंकड़ों की मानें तो इस रिसाव ने 15,000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी.
Bhopal Gas Tragedy: अगर सुनी होती वकील की चेतावनी, तो शायद न होता हादसा
शाहनवाज खान नाम के वकील ने 4 मार्च 1983 को यूनियन कार्बाइड को एक नोटिस भेज जहरीली गैसों का उत्पादन बंद करने को कहा था.
29 अप्रैल 1983 को यूनियन कार्बाइड ने शाहनवाज खान के आरोपों को 'निराधार' बताते हुए खारिज कर दिया.
शाहनवाज ने मीडिया से कहा था, "इससे पहले कि मैं गैस के कारण हुई मौत से संबंधित दस्तावेज जुटा पाता, कारखाने में गैस का रिसाव हो गया."
इस हादसे के मुख्य आरोपी और CEO वॉरेन एंडरसन को 6 दिसंबर 1984 को गिरफ्तार किया गया, लेकिन अगले ही दिन रिहाई हो गई.
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