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      फैक्ट चेक

      इंडोनेशिया का पुराना वीडियो भारतीय मदरसे से जोड़कर झूठे दावे के साथ वायरल

      बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा झूठा है, वीडियो इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत के जेम्बर शहर में माबेस अल-हस्बी पुसैट का है.

      By - Srijit Das |
      Published -  28 Nov 2023 12:04 PM
    • Listen to this Article
      इंडोनेशिया का पुराना वीडियो भारतीय मदरसे से जोड़कर झूठे दावे के साथ वायरल

      सोशल मीडिया पर किसी मदरसे का एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति तलवार के प्रदर्शन के साथ लोगों का गला काटते हुए जैसा नज़र आ रहा है. वीडियो को सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि यह एक भारतीय मदरसा है, जिसमें छात्रों को लोगों को मारने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है.

      बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो पुराना है और इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत का है. जिसे इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत के जेम्बर शहर में माबेस अल-हस्बी पुसैट में शूट किया गया था. वीडियो में दिख रहा व्यक्ति लोगों को 'रहस्यवाद' के प्रयोग से धारदार हथियारों के हमलों से खुद को बचाने के लिए प्रशिक्षित कर रहा है.

      वायरल वीडियो में एक व्यक्ति को फ़र्श पर बैठे लोगों की पंक्तियों के बीच चलते हुए और किसी धारदार हथियार से गर्दन पर किए गए हमले के दौरान सुरक्षित रहने के तरीकों का प्रदर्शन करते हुए दिखाया गया है. वीडियो में व्यक्ति को प्रशिक्षण के दौरान लोगों की गर्दन पर छड़ी से मारते हुए भी देखा जा सकता है.

      एक भारतीय फे़सबुक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "*यहां मदरसों में "गला रेतने" की ट्रेनिंग दी जा रही है, और हम अभी भी "अहिंसा परमो धर्मा:" में लगे हैं।* 👉🏻👉🏻👉🏻👉🏻। *अरे भाई लोगों कोई बता सकता है की कहां से है* 👆🏻👆🏻👆🏻"



      प्लेटफॉर्म X पर भी इसी दावे के साथ कई यूज़र्स ने ये वीडियो शेयर किया है.

      बूम के व्हाट्सएप टिपलाइन नंबर (7700906588) पर भी फै़क्ट चेक करने के लिए यह वीडियो भेजा गया.



      फै़क्ट चेक

      बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो पुराना है और इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत का है. जिसे इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत के जेम्बर शहर में माबेस अल-हस्बी पुसैट में शूट किया गया था. वीडियो में दिख रहा व्यक्ति लोगों को 'रहस्यवाद' के प्रयोग से धारदार हथियारों के हमलों से खुद को बचाने के लिए प्रशिक्षित कर रहा है.

      बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 2019 में एक इंडोनेशियाई यूज़र द्वारा अपलोड किया गया वायरल वीडियो का एक साफ़ क्वालिटी और लंबे वर्जन वाला वीडियो मिला.


      हमने इस वीडियो को ध्यान से देखा तो इसमें एक पोस्टर लगा दिखाई दिया, जिसमें तीन लोगों की तस्वीरें थीं. इससे संकेत लेते हुए हमने वीडियो के एक फ्रेम से पोस्टर की एक तस्वीर को क्रॉप किया और उसे रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें पता चला कि यह पोस्टर इंडोनेशिया में 2019 के चुनावों के दौरान हुए एक प्रचार अभियान का है.

      इस पोस्टर में लिखा है "2019 Prabowo Presiden RI". इसी से सम्बंधित गूगल पर कीवर्ड् सर्च करने से हमें पता चला कि तस्वीर में दिख रहे तीन व्यक्तियों में एक व्यक्ति इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री Prabowo Subianto हैं.




      इसके अलावा हमें एक यूट्यूब चैनल भी मिला जिसमें वैसे ही कुछ अन्य वीडियो भी थे. जांच करने पर, हमने देखा कि यूट्यूब चैनल ने उसी जगह से कई अन्य वीडियो पोस्ट किए हैं और उनमें से एक वीडियो में साइनबोर्ड में स्थान का उल्लेख इंडोनेशियाई में "जावा तिमुर" के रूप में किया गया है, जिसका अनुवाद इंडोनेशिया में पूर्वी जावा प्रांत है.



      हमें एक इंस्टाग्राम पोस्ट भी मिली, जिसमें एक वीडियो शामिल था. इसके कैप्शन में बताया गया कि वीडियो इंडोनेशिया में पूर्वी जावा प्रांत के मदुरा का है.

      नीचे Google Street View पर इस जियोलोकेशन को देखा जा सकता है.


      वीडियो के बारे में अधिक जानने के लिए, बूम ने इंडोनेशियाई फै़क्ट-चेक संगठन Mafindo और KapanLagi Youniverse से संपर्क किया.

      माफिंडो के सह-संस्थापक और फ़ैक्ट चेक विशेषज्ञ Aribowo Sasmito ने बताया कि वीडियो पूर्वी जावा के जेम्बर शहर में माबेस अल-हस्बी पुसैट का है

      इस पोस्टर के बारे में पूछने पर Sasmito ने पोस्टर पर मौजूद दूसरे व्यक्ति को Sandiaga Salahuddin Uno बताया. 2019 के इंडोनेशियाई आम चुनावों में Prabowo Subianto और Sandiaga Salahuddin Uno क्रमशः राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल थे. पोस्टर पर अंकित '02' नंबर 2019 के चुनावों में Subianto और Uno की उम्मीदवारी संख्या को दिखाता है.

      नीचे इंडोनेशियाई आम चुनाव आयोग द्वारा 2019 चुनावों के दौरान बनाया गया एक मतपत्र नमूना दिखाया गया है.



      Mafindo के एक फै़क्ट चेकर Adi Syafitrah ने हमें बताया कि पोस्टर में मौजूद दूसरा व्यक्ति Habib Rizieq है, जो कट्टरपंथी इस्लामी संगठन इस्लामिक डिफेंडर्स फ्रंट (इंडोनेशियाई में: Front Pembela Islam) का नेता है, जिसे 2020 में अपनी गतिविधियों के लिए देश में प्रतिबंधित कर दिया गया है.

      KapanLagi Youniverse की Elin Yunita ने बताया कि वीडियो में लोग बहासा भाषा में बात कर रहे हैं.

      वीडियो में प्रशिक्षण दे रहा व्यक्ति कहता है, "अब मैं आप पर सीधे तलवार के माध्यम से रहस्यमयी शक्ति प्रदान कर रहा हूं. यह कोई परीक्षण या कोई आकर्षण नहीं है. यह सीधे अलहब्दी से प्राप्त हो रही रहस्यमयी शक्ति है. देश की रक्षा और अल्लाह के धर्म के लिए लड़ने के अलावा और कोई इरादा नहीं है. यह किसी भी तरह का अहंकार नहीं है. और इसलिए यह कोई परीक्षण नहीं है बल्कि सीधे रहस्यमयी शक्ति की प्राप्ति है, ताकि इससे दुनिया लाभान्वित हो. याद रखें कि यह गर्व के लिए नहीं है, बल्कि बॉडीगार्ड और रक्षक के रूप में हबीब और विद्वानों की सुरक्षा के लिए है. देश और धर्म की रक्षा के लिए मिलकर लड़ेंगे.

      "रहस्यवाद अक्षुण्ण रहेगा"

      यूनिता ने बताया कि वीडियो में लोग उनकी अपनी मान्यता के अनुसार किसी धारदार हथियार से हमला किए जाने पर खुद को सुरक्षित रखने के लिए 'रहस्यमय' शक्ति हासिल करने का प्रयत्न करते हुए दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोगों में इस्लामिक आस्था में विश्वास दिखाई दे रहा है.

      यूनिता ने आगे बताया, "वीडियो में व्यक्ति दावा कर रहे हैं कि जब उन पर किसी धारदार हथियार से हमला किया जाएगा तो यह यह 'शक्ति' उन्हें सुरक्षित बचा सकती है. वीडियो में हरा रंग के कपड़े पहने दिख रहा व्यक्ति कह रहा है कि यह गतिविधि लोगों का मनोरंजन करने के लिए एक आकर्षण या शक्ति प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह " ऊर्जा भरने वाला" एक पांरम्पिरक अनुष्ठान है. अनुष्ठान में भाग लेने वालों को राज्य, धर्म (इस्लाम) और धार्मिक नेताओं का समर्थक माना जाता है."

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      IndonesiaMadarsaINDIAFact Check
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      Claim :   एक भारतीय मदरसे में छात्रों को लोगों को मारने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है.
      Claimed By :  X Users
      Fact Check :  Misleading
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