कल, यानी 13 फ़रवरी से राष्ट्रपति भवन का मुग़ल गार्डन जनता के लिए खोल दिया जाएगा. राष्ट्रपति भवन के पीछे बनाया गया ये भव्य बगीचा 13 फ़रवरी से 21 मार्च तक लोगों के लिए खुला रहेगा. केवल ऑनलाइन बुकिंग से ही यहां घुमा जा सकता है.

आज, यानी 12 फ़रवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद वार्षिक 'उदयनोत्सव' का उद्घाटन करेंगे और कल से राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन जनता के लिए खोल दिया जाएगा. राष्ट्रपति भवन के पीछे बनाया गया ये भव्य बगीचा 13 फ़रवरी से 21 मार्च तक लोगों के लिए खुला रहेगा, लेकिन केवल ऑनलाइन बुकिंग से इसमें रजिस्ट्रेशन होगा. हर सोमवार ये बंद रहेगा. चलिए राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन की कुछ ख़ास बातें आपको बताते हैं...

मुग़ल गार्डन 15 एकड़ में फ़ैला हुआ है. ये लगभग 11 फ़ुटबॉल के मैदानों के बराबर है. क्योंकि यह बेहद आकर्षक है, इस उद्यान को भवन की "आत्मा" कहा जाता है.
मुग़ल गार्डन में तीन बाग़ हैं. एक आयताकार, एक लॉन्ग एवं तीसरा गोलाकार है.
सर एडविन लुटियंस ने बागवानी के निर्देशक विलियम मुस्टो के साथ मिलकर उद्यान के डिजाइन और निर्माण का कार्य किया है. वृक्षारोपण 1928-1929 में शुरू किया गया था.
राष्ट्रपति भवन की ही तरह मुग़ल गार्डन की बनावट में भी दो अलग-अलग वास्तुकलाओं का मिश्रण देखने को मिलता है - मुग़ल और पश्चिमी.
गुलाब के पौधे मुग़ल गार्डन की एक प्रमुख विशेषता है. गार्डन में 159 किस्म के गुलाब उगते हैं जो फ़रवरी और मार्च में खिलते हैं.
मुग़ल गार्डन में ऐसे भी गुलाब के पौधें हैं जिन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों के नाम दिए गए हैं. इनमें मदर टेरेसा, राजा राम मोहन रॉय, अब्राहम लिंकन, जॉन एफ़ केनेडी शामिल हैं.
यहाँ 70 से अधिक किस्म के फ़ूल हैं - ट्यूलिप, एशियाई लिली, डेफ़ोडिल्स, जलकुंभी इत्यादि; और लगभग 50 प्रकार के पेड़, झाड़ियाँ और बेलें हैं.
पूरे बगीचे में दूब घास (दुर्वा) लगाई गई है. जब मुग़ल गार्डन तैयार किया जा रहा था, इस घास को कलकत्ता (अब कोलकाता) से लाया गया था.
पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम ने अपने कार्यकाल में यहाँ हर्बल, संगीत, आध्यात्मिक आदि उद्यानों को भी बनवाया है. उन्होंने नेत्रहीन लोगों के लिए एक ख़ास किस्म का बगीचा बनवाया है.
वर्तमान में 300 से अधिक कर्मचारियों को गार्डन के विकास और देखरेख के लिए रखा गया हैं.
सोर्स : rashtrapatisachivalaya.gov.in