सिंघु बॉर्डर पर छोटे-बड़े कुल 30 से ज़्यादा मेडिकल कैंप्स हैं जहां आंदोलन में शामिल लोगों का मुफ़्त में इलाज किया जाता है और उन्हें ज़रूरत की दवाईयाँ दी जाती हैं |
एम्बुलेंस सेवा
प्रदर्शन स्थल पर एम्बुलेंस सेवा चौबीस घंटे उपलब्ध रहती है |
सर्द मौसम और बारिश की मार
दिसंबर-जनवरी की गलन वाली ठंड और बेमौसम बारिश से किसान खांसी, ज़ुकाम, बुख़ार जैसी मौसमी बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
प्राइवेट हॉस्पिटल के कैंप
सामाजिक कार्यों से जुड़े एनजीओ के अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल के मेडिकल कैंप और एम्बुलेंस भी मौजूद हैं, जो महिलाओं, बुज़ुर्गों और युवाओं का मुफ़्त में मेडिकल चेकअप और उन्हें दवाईयाँ उपलब्ध करवा रहे हैं।
ब्लड प्रेशर और शुगर के बढ़ रहे मरीज़
यहां सामान्य बीमारियों के अलावा सर्वाइकल, दिल की बीमारी, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ की जांच के लिए किसान आ रहे हैं। लंबे समय से अपने घरों से दूर किसानों में ब्लड प्रेशर और शुगर की समस्या आमतौर पर देखी जा रही है।
स्थानीय लोगों का जमावड़ा
मेडिकल कैंप सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक खुले रहते हैं। यहां लोगों को दवाईयों के अलावा साबुन, तेल और टूथपेस्ट भी दिया जा रहा है। किसानों के अलावा स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में दवाएं लेने आते हैं।
डोनेशन से दवाओं का स्टॉक
मेडिकल कैंप्स में दवाएं डोनेशन के तौर पर आती हैं। दवाईयां ख़त्म होने पर ऑनलाइन और ऑफ़लाइन डोनेशन के माध्यम से मंगाई जाती हैं। कुछ ‘सेवादार’ डॉक्टर्स अपने साथ दवाईयां लेकर आते हैं |