मज़दूर अधिकार संगठन के अध्यक्ष Shiv Kumar को गुरुवार को ज़िला अदालत से Bail मिल गई, जिसके बाद उन्हें Sonepat Jail से रिहा कर दिया गया.
उनके ख़िलाफ़ दर्ज तीनों मामलों में Haryana के Sonepat ज़िले की एक स्थानीय अदालत से दो मामलों में बुधवार को जबकि, तीसरे मामले में उन्हें गुरुवार को ज़मानत दी गई.
Shiv Kumar को 12 जनवरी को कुंडली में मजदूरों के वेतन से जुड़े एक विवाद के संबंध में "जबरन वसूली और हत्या के प्रयास" के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था, और वो 2 फ़रवरी से न्यायिक हिरासत में थे.
बूम से बात करते हुए वो कहते हैं, 16 जनवरी को गिरफ़्तारी के बाद से 23 जनवरी तक पुलिस ने बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया.
“मुझे जेल जाने के बाद मालूम हुआ कि मुझे किस मामले में पुलिस ने गिरफ़्तार किया. अब जब तक हक़ नहीं मिल जाता यह लड़ाई जारी रहेगी.”
Shiv Kumar हरियाणा में सोनीपत में देबहु गाँव के रहने वाले हैं और वो दलित समुदाय से आते हैं. उन्हें एक आँख से देखने में समस्या होती है.
हरियाणा के Kundli Industrial Area में प्रवासी मज़ूदरों का बकाया वेतन दिलाने की मुहिम चला रहे शिव कुमार के अलावा इसी मामले में नौNodeep Kaur की भी गिरफ़्तारी हुई थी.