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      फैक्ट चेक

      ईरानी जनजाति का पुराना वीडियो मणिपुर में अवैध घुसपैठ के फ़र्ज़ी दावे से वायरल

      बूम ने पाया वायरल वीडियो मार्च 2023 से ही इन्टरनेट पर मौजूद है. यह वीडियो ईरान के ज़ाग्रोस पहाड़ों में रहने वाले लोगों पर आधारित एक लम्बी डॉक्यूमेंट्री का हिस्सा है.

      By - Sachin Baghel |
      Published -  11 Aug 2023 12:43 PM
    • Listen to this Article
      ईरानी जनजाति का पुराना वीडियो मणिपुर में अवैध घुसपैठ के फ़र्ज़ी दावे से वायरल

      सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग दुर्गम पहाड़ी रास्तों पर चलते हुए नज़र आ रहे हैं. वीडियो में एक पुरुष के साथ कुछ महिलाएं अपने बच्चों और सामान के साथ दिखाई दे रही हैं. सोशल मीडिया यूज़र्स वीडियो में नज़र आ रहे लोगों को म्यांमार का बताते हुए, उनके द्वारा की जा रही मणिपुर में घुसपैठ का बता रहे हैं तथा मणिपुर में जारी हिंसा के लिए इन्हीं लोगों को ज़िम्मेदार बता रहे हैं.

      बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो मार्च 2023 से ही इंटरनेट पर मौजूद है. मणिपुर से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है.

      ट्विटर पर एक यूज़र ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, "म्यांमार से मणिपुर का चोर रास्ता.....कैसे apni जान की बाजी लगा कर भारत मे ये लोग आते हैं। #ManipurViolence के जिम्मेदार"



      (आर्काइव लिंक)

      फ़ेसबुक पर इस वीडियो को अनेक यूज़र से म्यांमार के लोगों की मणिपुर में घुसपैठ का बताकर शेयर किया है.



      फ़ैक्ट चेक

      बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो से कीफ्रेम निकालकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो एक फ़ेसबुक पोस्ट मिली. 1 अप्रैल 2023 की इस पोस्ट के साथ कुर्दिश भाषा में लिखा था जिसका हिंदी अनुवाद है, 'कुर्द ग्रामीण लोगों का कठिन जीवन'.


      आगे और सर्च करने पर फ़ेसबुक पर 28 मार्च 2023 की एक और पोस्ट मिली जिसमें यही वायरल वीडियो है. वीडियो किस जगह की है और इसमें दिख रहे लोग कौन हैं, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी.


      सम्बंधित कीवर्ड्स से सर्च करने पर DENA नामक एक यूट्यूब चैनल पर 12 मार्च 2023 को अपलोड किया हुआ एक वीडियो मिला जो वायरल वीडियो के समान है. 'ईरानी घुमंतू परिवार के जीवन के ख़तरे' शीर्षक से अपलोड यह वीडियो 40 मिनट से भी अधिक लम्बा है. वीडियो के साथ दी गयी डिस्क्रिप्शन के अनुसार वीडियो में तीन छोटे बच्चों वाला एक ईरानी खानाबदोश परिवार अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए कठिन रास्ता तय करते हुए दिखाया गया है.


      चैनल पर मौजूद वीडियो और वायरल वीडियो के दृश्यों में कैमरे के एंगल का अंतर है, बाकी दृश्य बिलकुल हूबहू हैं. दोनों की तुलना नीचे की है.





      इस चैनल पर वायरल वीडियो में दिख रहे लोगों को लेकर कई वीडियो मौजूद हैं. वीडियो के माध्यम से इन खानाबदोश लोगों का जीवन दिखाने का प्रयास किया गया है.

      चैनल के बारे में पड़ताल करने पर 'अबाउट सेक्शन' में इसकी लोकेशन तुर्की बताई गई है. वीडियो पर एक कमेंट मिला जिसके अनुसार ये दक्षिण पश्चिमी ईरान के ज़ाग्रोस पहाड़ों के लूर जाति के लोग हैं! डेना (DENA) ज़ाग्रोस पर्वत की सबसे ऊँची चोटी है, इसलिए चैनल का नाम डेना है.

      यहां से मदद लेते हुए हमने गूगल मैप पर ज़ाग्रोस पहाड़ों की लोकेशन सर्च किया तो वास्तव में ईरान के दक्षिण-पश्चिम में मौजूद एक लम्बी पर्वत शृंखला है.



      इसके बाद लूर जनजाति के बारे में सर्च किया तो इन्टरनेट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, सातवीं शताब्दी ईस्वी में ईरान पर अरब आक्रमण के कुछ समय बाद लूर सीरिया से पश्चिमी ज़ाग्रोस पर्वत में आकर रहने लगे. एक अन्य सिद्धांत के मुताबिक़, लूर स्वदेशी खानाबदोश चरवाहे थे जो शुरुआती समय से ही इस क्षेत्र में रहते थे और इंडो-ईरानी भाषा बोलते थे. इस सिद्धांत के अनुयायियों का मानना ​​​​है कि लूर पर्सुआ के वंशज थे, जो 800 ईसा पूर्व में लोरेस्तान और बख्तियारी में रहते थे. आगे चलकर इन्होने ही पर्शियन साम्राज्य की स्थापना की.

      आगे दी गयी जानकारी के अनुसार, लूर की पारंपरिक मातृभूमि ज़ाग्रोस पर्वत है, लेकिन ईरान के कई हिस्सों में लूर समुदाय रहते हैं. हालांकि बूम इस जानकारी की अधिकारिक पुष्टि नहीं करता है.

      मुस्लिम इलाक़े से हिन्दू को भगाने का यह वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है

      Tags

      ManipurManipur ViolenceMyanmarFact Check
      Read Full Article
      Claim :   म्यांमार से मणिपुर में जान पर खेलकर अवैध घुसपैठ करते रोहिंग्या , यही Manipur Violence के जिम्मेदार हैं.
      Claimed By :  Facebook Posts
      Fact Check :  False
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